Asian Games: मैडल ने बदली ‘गोल्डन ब्वॉय’ अरपिंदर की जिंदगी

punjabkesari.in Thursday, Aug 30, 2018 - 01:25 PM (IST)

अमृतसर/ हर्षा छीना (स.ह., निरवैल सिंह): भारत के लिए गोल्ड जीतने वाले अरपिंदर सिंह उर्फ बौबी छीना अभी कुंवारे हैं। सोने के तमगे ने जहां जिंदगी बदल दी है। वहीं अब रिश्तों की भी भरमार होगी। आर्मी में रहे पिता जगबीर सिंह छीना कहते हैं कि बेटे ने मुझे जो तोहफा दिया वह बेमोल है। 



अपरिंद्र उर्फ बौबी छीना का बचपन कम और जालंधर में ज्यादा बीता। खेल सिटी जालंधर में बौबी का झुकाव खेलों की तरफ बढ़ा तो उम्मीदों ने ऊंची छलांग लगा दी। 10वीं के बाद जालंधर से ग्रेजुएशन करने अमृतसर लौटे तो मांहरमीत कौर ने कहा बेटा यहीं रहकर जिंदगी की ऊंची छलांग लगाओ ताकि सुबह-शाम अपने दोनों बेटों जगरूप सिंह छीना और उन्हें (बौबी छीना) को आंखों के सामने देख सकूं। 

नौकरी के साथ छलांग को खेतों में करता रहा ऊंची
मां की बात मान पिता के साथ बौबी अब खेती भी करने लगा और एक प्राइवेट गैंस कंपनी में बेहतर काम मिला तो वहां भी जिम्मेदारियां संभालने लगा। इस दौरान बौबी छलांग को गांव के खेतों में ऊंची करता रहा। नतीजतन राष्ट्रीय व कई अंतर्राष्ट्रीय सोने के तमगे जीते। 26 साल की उम्र में बौबी देश के नामचीन ऊंची छलांग लगाने वालों का रिकार्ड तोड़ चुका था। भाई जगरूप सिंह छीना ने साथ दिया तो उम्मीदों की छलांग और लंबी हो गई। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले अरपिंदर की यह ऊंची छलांग जहां देश को एक गोल्ड मैडल दिया है वहीं परिवार में ऐसी खुशियां दी है कि पूरे परिवार की जिंंदगी ही बदल गई है। 

Anil dev