विकसित भारत में युवा सशक्तिकरण और इसकी भूमिका

punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2024 - 04:29 AM (IST)

युवा किसी भी राष्ट्र की प्रगति, विकास, समृद्धि तथा गतिशीलता की नींव होते हैं। कुछ नया सीखने की ललक, कार्य करने की क्षमता तथा नई उपलब्धियां हासिल करने की ऊर्जा युवाओं को एक जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है, जिसमें 66 प्रतिशत लोग 35 साल से कम उम्र के हैं। भारत के युवाओं की देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि इनका लक्ष्य 2047 तक एक विकसित भारत बनना है।

कोई आश्चर्य नहीं, दूरदर्शी प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को विकसित भारत का आधार बनाने वाले 4 महत्वपूर्ण स्तम्भों में से एक के रूप में मान्यता दी है। शिक्षा, रोजगार, उद्यमिता और उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करते हुए पी.एम. ने युवाओं के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने, उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने और उनके लिए अनगिनत अवसर उत्पन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

शिक्षा और कौशल विकास : भारत में शिक्षा और कौशल में अद्वितीय विकास हुआ है। देश में प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। आई.आई.टी. की संख्या 2014 में 16 से बढ़कर 2022 में 23 हो गई। इस के साथ ही देश में आई.आई.एम. 13 से बढ़कर 20 तथा आई.आई.आई.टी. की संख्या 9 से बढ़कर 25 हो गई है। वर्तमान में 107,948 एम.बी.बी.एस. सीटें उपलब्ध हैं, जो 2013-14 में 51,000  से अधिक हैं।

स्नातकोत्तर सीटों की संख्या में भी बढ़ौतरी हुई है, जो 2014 में  31,185 से बढ़कर वर्तमान में 67,802 हो गई है। उच्च शिक्षा नामांकन 2014-15 में 3.42 करोड़ (26.5 प्रतिशत) से बढ़कर 2021-22 में 4.33 करोड़ (26.5 प्रतिशत) हो गया, जो लगभग 11 लाख छात्रों की वृद्धि दर्शाता है। साल 2014 तक देश में 7 एम्स और 390 से भी कम मैडीकल कॉलेज थे जबकि, पीएम मोदी सरकार ने 2014 से 2022 तक 16 एम्स, 315 मैडीकल कॉलेज और 157 नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए हैं। यही नहीं साल 2023 तक विश्वविद्यालयों की संख्या 1168, कॉलेजों की संख्या 45,473 और स्टैंड अलोन संस्थानों की संख्या 12,002 तक पहुंच गई है। तीन भारतीय संस्थानों को 1 यू.एस. वल्र्ड यूनिर्वसिटी रैंकिंग के शीर्ष 200 में स्थान मिला है, और रिकॉर्ड 71 भारतीय विश्वविद्यालय ‘द वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ में शामिल हुए हैं।

भारत के युवाओं की आधुनिक शिक्षा और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पी.एम. मोदी सरकार नई शिक्षा नीति (एन.ई.पी. 2020) लेकर आई। युवाओं को कौशल से जोडऩे के लिए पीएम विश्व कर्मा योजना और पीएम कौशल विकास योजना जैसी कई योजनाओं के साथ एक आधुनिक कौशल विकास तंत्र भी तैयार किया जा रहा है। स्कूली छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए मोदी सरकार 14,000 से अधिक ‘पीएम श्री विद्यालयों’ पर काम कर रही है। इनमें से 6000 से अधिक स्कूलों ने काम करना शुरू कर दिया है।

रोजगार एवं उद्यमिता : पिछले दशक में, पीएम मोदी सरकार ने  पिछली सरकार की तुलना में लगभग 1.5 गुना अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं। इसके अलावा, 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दौरान आईटी, विनिर्माण, व्यापार और परिवहन सहित नौ संगठित क्षेत्रों में 1.5 करोड़ से अधिक नौकरियां उत्पन्न हुई हैं।

रोजगार सृजन के अलावा, पीएम मोदी सरकार ने ‘स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया’ जैसी पहल के साथ उद्यमिता निर्माण के लिए अनेक प्रयास किए हैं, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के लाखों अवसर पैदा हुए हैं। आज, भारत में हर घंटे चार स्टार्टअप जुड़ रहे हैं, जो विश्व स्तर पर उच्चतम दर है। भारत में साल 2014 में केवल 350 स्टार्टअप थे जबकि आज, भारत लगभग 1.25 लाख स्टार्टअप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम है।

यूनिकॉर्न से डेकाकॉर्न तक : यूनिकॉर्न देश के उद्यमशीलता परिदृश्य में योगदान दे रहे हैं। भारत अब वैश्विक स्तर पर 10 यूनिकॉर्न में से 1 का घर है, अब तक 111 यूनिकॉर्न हैं और 355 होनहार यूनिकॉर्न जल्द ही इस रैंक में शामिल होने के लिए तैयार हैं। मोदी सरकार का अंतरिम बजट अनुसंधान और नवाचार के लिए 1 लाख करोड़ रुपए के फंड के निर्माण और स्टार्टअप के लिए कर छूट के विस्तार के साथ भारत की युवा आकांक्षाओं को दर्शाता है ताकि वे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करते रहें।

2014 तक, एक वर्ष में औसतन 14 हजार कंपनियां पंजीकृत होती थीं, 2023 में यह संख्या बढ़कर 1,96,028 हो गई है, जो अनुकूल माहौल और मेक इन इंडिया जैसी पहल के साथ पीएम मोदी द्वारा प्रदान किए गए उचित संरक्षण के कारण एक मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।

विनियमन में सुधार : विश्व बैंक की डूइंग बिजनैस रिपोर्ट 2020 में भारत 63वें स्थान पर है, जो 2015 में 142वें स्थान से 79 रैंक की जबरदस्त वृद्धि हासिल की है। 2016 के बाद से मोदी सरकार ने ब्रिटिश काल के 20000 से अधिक केंद्रीय कानूनों और  40,000 से अधिक अनुपालनों को समाप्त कर दिया है। व्यापार करने में आसानी में सुधार, पूंजी जुटाने की सुविधा और अनुपालन बोझ को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए लक्षित व्यापक प्रयासों के कुछ उदाहरण आसान निकास के लिए फास्ट-ट्रैक तंत्र और ऐसे कार्यक्रम हैं जो भारतीय कंपनियों को वैश्विक खिलाडिय़ों से जोड़ते हैं।

खेल एवं खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन : देश के युवाओं को कौशल और रोजगार से जोडऩे के लिए खेल अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हुए पीएम मोदी सरकार ने खेल और खिलाडिय़ों को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। युवा मामले और खेल मंत्रालय का बजट 2014-15 और 2023-24 के बीच 107 प्रतिशत बढ़कर 1643 करोड़ रुपए से 3397.32 करोड़ रुपए हो गया। -सतनाम सिंह संधू, (सांसद, राज्य सभा)


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