Review: रिश्तों की गहराइयों को बेहतरीन ढंग से समझाती है अमिताभ-रश्मिका की Goodbye
punjabkesari.in Friday, Oct 07, 2022 - 01:40 PM (IST)
फिल्म: गुडबाय (GoodBye)
निर्देशक : विकास बहल (Vikas Bahl)
एक्टर: अमिताभ बच्चन , रश्मिका मंदाना , नीना गुप्ता , आशीष विद्यार्थी , पावेल गुलाटी और सुनील ग्रोवर आदि
रेटिंग : 3.5/5
MOVIE REVIEW: विकास बहल की फैमली ड्रामा 'गुडबाय' आज 7 अक्टूबर को सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के जरिए रश्मिका मंदाना ने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है। वहीं फिल्म में अमिताभ बच्चन रश्मिका के पिता का रोल प्ले किया है। फिल्म में किसी अपने को खो देने का दर्द दिखाया गया है। बता दें कि ये फिल्म इमोशंस, कॉमेडी, ड्रामा के अलावा आस्था और साइंस की भी बात करती है। तो आइए जानते हैं फिल्म की कहानी कैसी है...
कहानी
फिल्म की कहानी चंडीगढ़ में रहने वाले एक भल्ला परिवार की है, जिनके चार बच्चे होते हैं। पढ़ाई के बाद हरीश भल्ला (अमिताभ बच्चन) और गायत्री (नीना गुप्ता) के चारों बच्चे घर से बाहर सेटल हो जाते हैं। बेटी तारा (रश्मिका मंदाना) वकील हैं जो मुंबई में रहती है, दो बेटे अंगद (पवेल गुलाटी) विदेश में मल्टीनैशनल कंपनी में जॉब करते हैं और एक छोटा बेटा नकुल माउंटेनियर होत है। अपनी-अपनी लाइफ में बिजी होने के कारण सभी बच्चों को ये एहसास नहीं होता कि वह अपने परिवार से भी दूर हो चुके हैं।
वहीं एक दिन अचानक सकबी प्यारी गायत्री का हार्ट अटैक से देहांत हो जाता है। इसके बाद चारों बच्चे अपनी मां की अंतिम संस्कार के लिए घर आते हैं, तभी उनके पिता उन्हें अपने बच्चों से घर वापस लौटने के लिए कहते हैं। यहां से शुरु होती है कहानी। क्या बच्चे अपने बूढ़े बाप को अकेला छोड़ के अपने काम पर वापस लौट जाएंगे या फिर बुढ़ापे में उनकी लाठी बनेंगे? क्या वे आपस में एक दूसरे का दुख को पहचान पाएंगे? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघर तक जाना पड़ेगा...
डायरेक्शन
'क्वीन', 'सुपर 30' जैसी शानदार फिल्मे बनाने वाले विकास बहल एक बार फिर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने के लिए फैमिली ड्रामा 'गुडबाय' लेकर आए हैं। एक साधारण फैमिली के जरिए विकास बहल ने कई मुद्दों को पर्दे पर दर्शाने की बेहतरीन कोशिश की है। ये फिल्म एक परिवार में रिश्तों के गहराइयों को बेहतरीन ढंग से समझाती हैं। जैसे आज की पीढ़ी की बात करें तो, बच्चे कभी-कभी अपने अपने पैरेंट्स को फॉर ग्रांटेड ले बैठते हैं। वहीं जब वह हमारे बीच नहीं होते तो हमें इस बात का हमेशा मलाल रहता है कि काश हम उनसे उस वक्त बात कर लेतें... काश उनका फोन उठा लिया होता....
आज के यूग में माता-पिता और बच्चों के बीच बढ़ाती दूरियों को डायरेक्टर ने बखूबी दिखाया है। इसके अलावा फिल्म में आस्था और साइंस की भी बात की गई है। जैसे किसी के निधन के बाद उसकी नाक में रुई क्यों डाली जाती है, मुंडन करवाने की क्या वजह है? ये किसी तरह का साइंस है, आस्था या फिर अंधविश्वास? इन सभी सवालों का जवाब आपको विकास ने इस फिल्म के जरिए दिया है। डेथ ट्रैजेडी के जरिए विकास बहल आपको ये एहसास दिलाने की कोशिश करते हैं कि जिंदगी बेहद छोटी है, ऐसा कोई काम ना करें जिसका आपको बाद में मलाला रहे... कुल मिलाकर फिल्म आपको एक इमोशनल राइड पर लेकर जाती है, जो आपको हंसाने के साथ साथ रुलाएगी भी।
एक्टिंग
परफॉरमेंस की बात करें तो फिल्म की कास्टिंग अच्छी है। विकास बहल ने एक से बढ़कर एक एक्टर्स को कास्ट किया है। शुरुआत करते हैं बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से, जिन्होंने हर बार दर्शकों का मनोरंजन किया है। बिग बी ने बेहतरीन काम किया है। एक पिता के रूप में उनकी बेबसी की करें या गुस्से की, उन्होंने अपने किरदार में जान फूंक दी है। जिंदादिल नीना गुप्ता फिल्म में फ्रेशनेस लेकर आती हैं।
वहीं पुष्पा एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना की ये पहली हिंदी फिल्म थी, तो इस हिसाब से उन्होंने अच्छा काम किया है। सुनील ग्रोवर की बात करें तो जितना भी स्क्रीन टाइम उन्हें मिला, उन्होंने उसका भरपूर फायदा उठाया। आप उन्हें देखकर एंटरटेन होंगे। इसके अलावा शिष विद्यार्थी, साहिल मेहता, एली अवराम, शिविन नारंग, अरुण बाली, शयांक शुक्ला, साहिल मेहता ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है।
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