इमरान के आजादी मार्च  से पाकिस्‍तान सरकार को होगा नुकसान, भारत को मिलेगा बड़ा फायदा !

punjabkesari.in Saturday, Oct 29, 2022 - 12:24 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्‍तान इन दिनों डिफॉल्ट होने की कगार पर है और विनाशकारी बाढ़ ने उसकी कमर तोड़कर रख दी है। पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा आजादी मार्च निकालने से शहबाज शरीफ सरकार को करारा झटका लगा है वहीं भारत को इसका बड़ा फायदा हो सकता है । इमरान के आजादी मार्च प्रदर्शन से  सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान का पाकिस्‍तान दौरा खटाई में पड़ता नजर आ रहा है।

 

पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने के लिए इन दिनों शहबाज शरीफ दुनिया के सामने झोली फैला रहे हैं और उन्‍हें सऊदी प्रिंस के दौरे से अरबों डॉलर मिलने की उम्‍मीद थी। लेकिन इमरान के आजादी मार्च की वजह से सऊदी प्रिंस नवंबर में भारत का दौरा कर सकते हैं जहां दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर की डील होने की उम्‍मीद जताई जा रही है। इस बीच पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब का दौरा करने के बाद दावा किया है कि प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान पाकिस्‍तान की यात्रा पर आएंगे। हालांकि वह कब आएंगे, इस बारे में अभी कुछ स्‍पष्‍ट नहीं कहा गया है।

 

इससे पहले सऊदी प्रिंस का नवंबर में ही पाकिस्‍तान जाने की योजना थी। पाकिस्‍तानी पीएम के दावे के विपरीत इस पूरे मामले से जुड़े देश के आधिकारिक सूत्रों ने पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून से कहा कि मोहम्‍मद बिन सलमान का पाकिस्‍तान दौरा इमरान के आजादी मार्च की वजह से टल सकता है। विश्‍लेषकों का कहना है कि जिस तरह से पाकिस्‍तान में राजनीतिक अनिश्चितता चल रही है, कोई भी विदेशी राष्‍ट्राध्‍यक्ष इस्‍लामाबाद नहीं आना चाहेगा। इमरान खान ने शुक्रवार को अपने आजादी मार्च को पंजाब प्रांत के लाहौर शहर से शुरू कर दिया है। पंजाब में इमरान खान की पार्टी की सरकार है। इमरान ने अभी तक लॉन्‍ग मार्च के इस्‍लामाबाद पहुंचने को लेकर कोई टाइम फ्रेम नहीं बताया है।

 

इमरान यह आजादी मार्च ऐसे समय पर निकाल रहे हैं जब सऊदी प्रिंस शहबाज शरीफ के निमंत्रण पर पाकिस्‍तान आने वाले थे। पाकिस्‍तान को उम्‍मीद है कि सऊदी प्रिंस पाकिस्‍तान के लिए अरबों डॉलर के वित्‍तीय बेलआउट पैकेज और तेल रिफाइनरी लगाने का ऐलान कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान और सऊदी अरब दोनों ही प्रिंस की यात्रा की तिथियों को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं। वहीं सऊदी अधिकारी इमरान को लेकर पाकिस्‍तान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए हैं। इमरान का लॉन्‍ग मार्च अगर जारी रहता है और वह इस्‍लामाबाद में धरना देते हैं तो दोनों ही पक्ष इस दौरे की तिथियों को बदल सकते हैं जैसा साल 2014 में उन्‍होंने किया था।


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Content Writer

Tanuja

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