पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले के लिए बनाया नया कानून

punjabkesari.in Thursday, Nov 18, 2021 - 11:12 AM (IST)

इस्लामाबादः मृत्युदंड की सजा सुनाए गए भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत द्वारा उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा अपील दायर करने का अधिकार देने के लिए पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को अपनी संयुक्त बैठक में एक कानून बनाया। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (51) को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का रुख किया था।

 

दोनों पक्षों को सुनने के बाद हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जुलाई 2019 में फैसला दिया जिसमें पाकिस्तान से भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच देने और उनकी सजा की समीक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया। बुधवार को सीनेट और नेशनल असेंबली की संयुक्त बैठक कुछ कानूनों को पारित करने के लिए बुलायी गयी जिन्हें नेशनल असेंबली में इस साल जून में पारित किया गया था। इनमें जाधव को उनकी सजा के खिलाफ अपील करने के लिए अधिकार देने वाला कानून भी शामिल था। इन कानूनों को ऊपरी सदन ने मंजूरी नहीं दी थी। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) विधेयक, 2021 का उद्देश्य आईसीजे के फैसले के तहत दायित्व को पूरा करना है और इसे कानून मंत्री फारोग नसीम द्वारा प्रस्तुत किया गया और सदन की संयुक्त बैठक में ध्वनि मत से पारित किया गया।

 

इस कानून ने जाधव को एक समीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने की अनुमति दी है जो आईसीजे के फैसले के तहत जरूरी था। संसद की संयुक्त बैठक तब बुलाई जाती है जब नेशनल असेंबली और सीनेट के बीच मतभेद दूर होने के आसार न हों। वर्तमान गतिरोध इस तथ्य के कारण था कि सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और सहयोगी दलों को नेशनल असेंबली में बहुमत प्राप्त है लेकिन सीनेट या उच्च सदन में वे अल्पमत में हैं। इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) विधेयक, 2020 जून में नेशनल असेंबली द्वारा पारित 21 विधेयकों में से एक था, लेकिन सीनेट ने उन्हें पारित करने से इनकार कर दिया था।

 

सरकार ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के मद्देनजर 2019 में एक विशेष अध्यादेश के माध्यम से न्यायालय के फैसले को लागू करने का भी प्रयास किया था। सरकार ने जब जाधव को पुनर्विचार याचिका दायर करने की अनुमति देने के लिए एक अध्यादेश जारी किया, तो उन्होंने इनकार कर दिया। बाद में पाकिस्तान सरकार ने अपने रक्षा सचिव के माध्यम से जाधव के लिए बचाव पक्ष के वकील की नियुक्ति को लेकर 2020 में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) में एक मामला दायर किया।

 

IHC ने अगस्त 2020 में तीन सदस्यीय बड़ी पीठ का गठन किया, जिसने बार-बार भारत से जाधव के लिए पाकिस्तान से एक वकील को नामित करने के लिए कहा, लेकिन नयी दिल्ली ने इस पर जोर देते हुए इंकार कर दिया कि उसे एक भारतीय वकील नियुक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए। पिछली सुनवाई पांच अक्टूबर को हुई थी और आईएचसी ने एक बार फिर सरकार से कहा कि वह भारत को नौ दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले वकील नियुक्त करने के लिए कहे। संयुक्त बैठक में पारित अन्य कानूनों में इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के उपयोग के माध्यम से विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक को मताधिकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News