क्रिकेटर हरमनप्रीत पर बड़ी कार्रवाई, पंजाब सरकार ने छीना DSP पद

punjabkesari.in Tuesday, Jul 10, 2018 - 06:31 PM (IST)

नई दिल्लीः पंजाब सरकार ने डिग्री विवाद उठने के कारण महिला क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनसे डीएसपी पद वापस ले लिया है। हरमनप्रीत की स्नातक की डिग्री फर्जी पाई गई है जिसके चलते सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया। सूत्रों के अनुसार, उन्हें कॉन्स्टेबल की नौकरी मिल सकती है।

राज्य की मोगा निवासी और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप कप्तान हरमनप्रीत को गत एक मार्च को स्वयं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने एक कार्यक्रम में राज्य पुलिस में डीएसपी के रूप में ज्वाईन कराया था। लेकिन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की स्नातक की जो डिग्री उसने नौकरी के लिये पंजाब पुलिस को दी वह जांच में फर्जी पाई गई। विश्वविद्यालय ने पंजाब सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डिग्री पर जो पंजीकरण संख्या दर्शाई गई है वह उसके रिकार्ड में नहीं है। 

नहीं होगी कानूनी कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार इस मामले में नरम रवैया अपनाते हुए हरमनप्रीत के खिलाफ एफआईआर या अन्य कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी। बताया जाता है कि हरमनप्रीत की शैक्षिक योग्यता अब सीनियर सैकंडरी रह जाने के बाद राज्य सरकार ने उसे कांस्टेबल पद पर नियुक्ति की पेशकश की है तथा कहा है कि भविष्य में जब कभी वह स्नातक की योग्यता हासिल कर लेगी तो उसे पुन: डीएसपी पद पर नियुक्त किया जा सकता है।  

धमाकेदार पारी के इनाम में मिली थी नौकरी
गत वर्ष जुलाई में इंग्लैंड के डर्बी में आईसीसी महिला विश्व कप क्रिकेट के सेमीफाईनल में हरमनप्रीत ने आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए 115 गेंदों में नाबाद 171 रन बनाये थे। हरमरप्रीत की इस तूफानी पारी के प्रदर्शन पर राज्य के मुख्यमंत्री ने ट््वीट कर उसे राज्य पुलिस में डीएसपी की नौकरी देने की घोषणा की थी। 

पहली नौकरी पर भी उठे थे सवाल
हरमनप्रीत उस समय पश्चिमी रेलवे में कार्यरत थीं और वहां उसका पांच साल का बांड था। हरमनप्रीत ने हालांकि गत वर्ष रेलवे की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था लेकिन उसे रिलीव नहीं किया गया क्योंकि बांड की शर्तों के अनुसार उसे पांच साल का वेतन रेलवे को वापिस देना था। हरमनप्रीत के इस नौकरी में अभी लगभग तीन साल ही पूरे हुए थे। इस पर राज्य के मुख्यमंत्री के यह मामला स्वयं रेल मंत्री पियूष गोयल के समक्ष उठाये जाने पर उसे रेलवे की नौकरी से रिलीव कर पुलिस की नौकरी ज्वाईन करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। 

Rahul