वो 15 बातें जो गौतम गंभीर ने अपने रिटायरमैंट स्पीच में कही

punjabkesari.in Tuesday, Dec 04, 2018 - 11:09 PM (IST)

जालन्धर : भारत को 2007 का टी-20 और 2011 का वनडे विश्व कप दिलाने वाले गौतम गंभीर ने चुपके से अपने क्रिकेट करियर पर विराम लगा दिया है। रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की तरफ से खेला जाने वाला उनका आखिरी मैच होगा। गंभीर ने अपनी रिटायरमैंट की सूचना अपने ट्विटर अकाऊंट पर एक वीडियो पोस्ट कर दी है। 11.47 सैकेंड की वीडियो में गंभीर ने अपने जिंदगी के उतार-चढ़ाव का जिक्र किया है। गंभीर ने इसमें डीडीसीए, बीसीसीआई का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उसे उसके सपने जीने का अवसर दिया। इसके अलावा केकेआर का भी शुक्रिया जिन्होंने बतौर लीडर उन्हें खुद को साबित करने का मौका दिया।
पढ़ें गंभीर की रिटायरमैंट स्वीच की 15 खास बातें-

सबसे दुखद बात

2014 आईपीएल में मैं लगातार तीन मैचों में 0 पर आऊट हो गया था। इसने मुझे बहुत दुख पहुंचाया था। और उसी साल इंगलैंड दौरे का निराशाजनक प्रदर्शन भी सामने आया। 2016 में मैं इंगलैंड के खिलाफ राजकोट में होने वाले टैस्ट से बाहर था। उस दिन मैं अपना आत्मविश्वास ढूंढ रहा था। तब मैं अपने अंदर से आती आवाजों को महसूस कर रहा था। यह कह रही थी- इट्स ओवर गौती। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। लौटा और बेहतरीन प्रदर्शन देने की कोशिश की। 

आईपीएल 2017 पर...

मुश्किल समय में क्रिकेट फैंस की भावनाओं ने मुझे जिंदा रखा। मैं दोबारा जीतना चाहता था। दोबारा तहस-नहस करना चाहता था। 2017 के डोमोस्टिक सीजन के बाद मैंने पूरे आत्मविश्वास से आईपीएल में एंट्री ली। मेरी पांव चल रहे थे जैसे इसमें नई बैटरी लगाई हो। मुझे लगा था कि सारे निगेटिव कमेंट्स अब खत्म होने को हैं। लेकिन मैं गलत था। दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए 6 गेम्स खेलने के बाद फिर वही आवाजें आई। हां- मेरा समय खत्म हो गया है। 

इच्छा : अगले जन्म में भी खेलूं क्रिकेट

15 साल तक देश के लिए क्रिकेट खेला। इस दौरान मैंने सफलता, फेलियर, दुख हर उस चीज का सामना किया जो एक व्यक्ति के जीवन में आती है। मैं अपने अगले जीवन में भी क्रिकेट खेलना चाहूंगा। चाहूंगा कि देश के लिए कुछ और शतक लगाऊ। और कुछ फाइव विकेट हॉल भी। 

क्रिकेट वल्र्ड कप पर...
दो विश्व कप, दोनों के फाइनल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाला। विश्व कप जीतना मेरा सपना था। मुझे लगता था कि कोई ऊपर है जो मेरी कहानी लिख रहा है। लेकिन अब लगता है कि उसकी सियाही खत्म हो गई है। 

सबसे अच्छा समय

भारत के लिए टैस्ट क्रिकेट में नंबर वन बनना मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा समय था। 2009 में मुझे आईसीसी टैस्ट बैट्समैन ऑफ द ईयर की चमचमाती ट्रॉफी दी गई। न्यूजीलैंड में जीती गई ऐतिहासिक सीरीज और ऑस्ट्रेलिया की सीबी सीरीज राहत देने वाली थी। 

कोच संजय भारद्वाज पर...

कोच का धन्यवाद करना चाहता हूं जो मेरे अच्छे-बुरे समय में भी मेरे साथ खड़े रहे। 
मैं जब भी मुश्किल में होता था उनको कॉल करता था। संंजय सर ने ही मुझे पार्था सारथी शर्मा के साथ मिलाया। वह बल्लेबाजी के लिए इंस्टीट्यूशंस के समान हैं। मेरी स्पिन खेलने की कला को निखारने का सारा श्रेय उन्हें जाता है। 

नैट प्रैक्टिस करवाने वाले बॉलरों पर...
मैं उन बॉलर का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने नैट्स में मुझे लंबे समय तक बॉलिंग की ताकि मैं सफल बल्लेबाज बन सकूं। वह मुझे प्रैक्टिस करवाने के लिए दूर-दूर से आते थे। उनका योगदान कभी भूल नहीं सकता। 

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जस्टिन लैंगर पर...
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज जस्टिन लैंगर का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने 2015 में मुझे अहम सलाह दी। लैंगर अपनी वाइफ सू को भी कहना है कि वह बटर चिकन बहुत अच्छा बनाती हैं। 

मां के लिए....


अपनी मां का धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने 10 साल की उम्र में मुझे क्रिकेट अकादमी में दाखिल दिलाया। मेरे मुश्किल समय में मेरी मां साथ रही। शायद ही मेरा पंचिंग बैग भी। मैं अपनी मां से माफी मांगना चाहता हूं। मेरी मां ने मुझे क्रिकेट बनाया और इंसान भी। मैं आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।

पिता के लिए....
मेरे पिता क्रिकेट को पसंद नहीं करते थे। वह मेरे से कभी कुछ नहीं कहते थे लेकिन उनके साथी बताते थे कि वह कभी टीवी नहीं देखते थे जब मैं मैच खेल रहा होता था। पिता जी- अब आपकी लिए रिलेक्स होने का समय आ गया है।

मामी और नाना-नानी के लिए...


मेरी स्वर्गवासी मामी। जोकि मेरी अच्छी दोस्त होने के साथ मेरे लिए पिता समान भी थी। जब मैं छोटा था तो वह समय चिंता में रहती थी कि वह ठीक से खाना खा रहा हूं या नहीं। जब मैं अपने करियर का सबसे निचले पड़ाव पर था तब मेरी नानी ने ही मेरा उत्साह बढ़ाया था। इसी तरह नाना को भी नहीं भूलंगा जिसकी वजह से आज मैं यहां पहुंचा हूं।

बहन एकता के लिए...


सबसे पहले माफी चाहता हूं कि बहुत सारी राखियों पर मैं तुम्हारे पास  नहीं था। मैं उसके लिए भी माफी मांगना चाहता हूं जब हर बात पर मैं अटैंशन पाना चाहता था। मुझे यकीन है कि अब कोई दिक्कत नहीं पैदा करूंगा। 

दोस्तों विवेक-दिनेश पर...
मेरे दोस्त विवेक और दिनेश का भी शुक्रिया जिन्होंने मुश्किल दिनों में मुझे सपोर्ट किया। इनका शुक्रिया खास तौर पर दिनेश का जो हर समय बकवास करता रहता था।

पत्नी नताशा के लिए...

बहुत-बहुत शुक्रिया मेरी ताकत बनने के लिए। जैसा किसी का कहना है कि रिटायर हसबैंड अपनी बीवी की फुल टाइम जॉब के समान है।  सो तैयार रहना अपनी नई असाइनमैंट के लिए।

दोनों बेटियों पर...

अभी मेरी सबसे पहली जिम्मेदारी अपनी बड़ी बेटी आजीन के लिए पीली रंग की डै्रस लेकर देना है। और इसके साथ सबसे छोटी अनाइजा  के लिए उनकी बैस्ट फ्रैंड (डॉल) लेकर आनी है।

Jasmeet