ऐसे 5 भारतीय क्रिकेटर्स जो गरीबी को मात देकर बने दुनिया के महान खिलाड़ी, जानें उनकी पूरी कहानी

punjabkesari.in Friday, May 22, 2020 - 02:50 PM (IST)

नई दिल्ली: क्रिकेट जगत में कई खिलाड़ी ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपनी क्रिकेट के साथ ही अन्य दूसरी वजहों से भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं। ऐसे मुद्दों पर लोगों का खास ध्यान रहता हैं। लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे खिलाड़ी आए हैं जो गरीबी से उठकर महान खिलाड़ी बने हैं। क्रिकेट में आने के बाद खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन करने से आज लाखों रूपए कमा रहै हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि क्रिकेट में लोग पैसे के लिए आते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत लगती है। टीम में कई ऐसे वर्तमान और पूर्व खिलाड़ी रहे हैं जो गरीबी से उठकर ऊंचे मुकाम तक पहुंचे हैं। तो चलिए आज हम आपको ऐसे क्रिकेटरों से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने करियर में जमकर पसीना बहाया।

इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आता है वीरेंद्र सहवाग का...
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भारत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग एक महान खिलाडी हैं। उन्होंने टेस्ट में दो बार तीहरा शतक और वनडे में दोहरा शतक भी लगाया है। सहवाग जब बल्लेबाजी करने आते थे तो बड़े बड़े गेंदबाज भी अपनी खैर मनाते थे। उनके पिता एक गेहूं व्यापारी थे। उनके घर में 50 लोग रहते थे और 50 लोगों के रहने के लिए एक ही घर था। सहवाग को क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए हर दिन 84 किमी का सफर करना पड़ता था।

दूसरे नंबर पर नाम आता है रविंद्र जडेजा ...
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अपनी लाजवाब फील्डिंग से टीम इंडिया को कई मैच जीताने वाले आलराउंडर रवींद्र जड़ेजा को आज बच्चा- बच्चा जानता है। जडेजा ने भी बचपन में काफी गरीबी का सामना किया है। उनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में वॉचमैन की नौकरी करते थे। जिनकी सैल्री से घर का खर्चा बहुत मुश्किल से ही हो पाता था। उसके बाद भी जडेजा ने अपनी मेहनत के दम पर भारतीय टीम में जगह बनाई।

इस फेहरिस्त पर तीसरा नाम आता है हरभजन सिंह...
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भारतीय टीम के सीनियर स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह की फ्रिकी के आगे बड़े- बड़े बल्लेबाज मात खा जाते थे। वह टेस्ट क्रिकेट में भारत की और से सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में से तीसरे नंबर पर हैं। अपनी पहली सीरीज के बाद ही उन्हें तीन साल तक बाहर बैठना पड़ा था जिसके कारण एक बार तो उन्होंने कनाडा जाकर टैक्सी चलाने तक का फैसला कर लिया था। लेकिन फिर 2001 में उनकी टीम में वापसी हो गई।

चौथे नंबर पर नाम है महान पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान ...
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जहीर खान भारतीय टीम के एक महान गेंदबाज रहे हैं। उनकी गेंदबाजी के आगे बड़े बड़े बल्लेबाजों का पसीना छूट जाता था। वह हॉस्पिटल के एक छोटे से कमरे मे अपनी आंटी के साथ रहते थे, जिसमें कोई बेड तक नहीं था। बचपन से ही जहीर खान टीम इंडिया के लिए खेलना चाहते थे। कुछ समय बाद वह नौकरी करने लगे और आखिरकार सन 2000 में उन्हे नेशनल टीम में खेलने का मौका मिला।

पांचवें पर नाम है तेज गेंदबाज उमेश यादव ...
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उमेश की गेंद की रफ्तार से बड़े बड़े बल्लेबाज चकमा खा जाते हैं। वह भारतीय टीम के एक बेहतरीन गेंदबाज हैं। उनके पिता एक कोल माइन में काम करते थे। वह अपनी कमाई से बहुत मुश्किल से घर को दो वक्त का खाना दे सकते थे। उमेश ने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर भारतीय टीम में शामिल हुए। आज उमेश भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में एक हैं।


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neel

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