सेंचुरियन टेस्ट में टीम इंडिया की हार के पांच मुख्य कारण
punjabkesari.in Thursday, Jan 18, 2018 - 11:26 AM (IST)
सेंचुरियन: दक्षिण अफ्रीका ने सेंचुरियन टेस्ट में भारतीय टीम को 135 रन से हराकर सारीज पर भी कब्जा कर लिया। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने एक बार फिर टीम को शर्मसार किया। जीत के लिए 287 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया मैच के पांचवें दिन 151 रन पर ही ढेर हो गई। पहली पारी में कप्तान विराट कोहली की शतकीय पारी को छोड़ दें तो लगभग सभी बल्लेबाज दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजी के आगे सहमे नजर आए। दूसरे टेस्ट में क्या रहे भारत के हार के मुख्य कारण? एक नज़र डालते हैं-
South Africa win the 2nd Test by 135 runs and clinch the #FreedomSeries 2-0 #SAvIND pic.twitter.com/YwbXE4c5mh
— BCCI (@BCCI) January 17, 2018
अभ्यास मैच न होना
टीम इंडिया के लिए पहले इस दौरे पर अभ्यास मैच रखा गया था, जिसे बाद में हटा दिया गया। टीम के कप्तान विराट कोहली ने इसका स्वागत किया था। उन्होंने कहा था कि अभ्यास मैच से अच्छा टीम के लिए नेट प्रैक्टिस करना रहेगा। टीम ने अभ्यास में पसीना भी बहाया, पर यह काम नहीं आया। टीम इंडिया पिछले दो सीजन से अपने घर में स्पिन विकेट पर मैच जीतते जा रही थी लेकिन दक्षिण अफ्रीका की तेज पिच पर भारतीय टीम का अभ्यास नहीं के बराबर था।
चयन पर उठते सवाल
टीम में चयन को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। मध्यक्रम में अजिंक्य रहाणे को एक बार फिर शामिल न करना टीम को भारी पड़ा। इसके अलावा गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को टीम से बाहर रखने का फैसला भी किसी को समझ नहीं आया। दूसरे टेस्ट के पहले, सेंचुरियन की पिच को उछाल और गति से भरपूर बताया जा रहा था, लेकिन हुआ इसके ठीक उलट। पहले दिन से ही गेंद को टर्न मिल रहा था। एेसे में भारतीय टीम का एक स्पिनर के साथ खेलने के फैसले ने सभी को हैरान कर दिया।
बल्लेबाजों ने किया निराश
दक्षिण अफ्रीका की आक्रामक गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए। भारतीय गेंदबाजों ने अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभाई, लेकिन बल्लेबाजों के कारण टीम को हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि विराट ने मैच में 153 रन की बेहतरीन पारी खेली, लेकिन उनको किसी बल्लेबाज से सहयोग नहीं मिला। राहुल द्रविड़ के संन्यास लेने के बाद चेतेश्वर पुजारा को भारतीय टीम का सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज माना जाता है। लेकिन पुजारा ने दोनों पारियों में रन आउट होकर एक तरह से अपने विकेट 'फेंके'।
कमजोर कड़ी बनी विकेटकीपिंग
पहले टेस्ट में टीम इंडिया की ओर से सबसे ज्यादा कैच लेकर ऋद्धिमान साहा ने एक रिकॉर्ड बनाया था। उनके चोटिल होने के बाद पार्थिव पटेल को मौका मिला। वह बल्लेबाजी में तो चले नहीं, उनकी विकेटकीपिंग भी बहुत कमजोर रही। दोनों पारियों में उन्होंने दो बार कैच छोड़ा। खासकर दूसरी पारी में डीन एल्गर का 29 रनों पर जब उन्होंने कैच छोड़ा तो उसकी जमकर आलोचना हुई।
दबाव में थी टीम इंडिया
भारत केपटाउन में पहला टेस्ट तीन दिन में हार गया था। तीन मैच की सीरीज़ में अगर आप पहला मैच हार जाते हैं तो वापसी मुश्किल बहुत हो जाती है। पहले ही मैच में हार से टीम इंडिया कितना घबरा गई थी इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूसरे टेस्ट के लिए टीम में तीन बदलाव किए गए। दरअसल पहली हार से टीम उबर ही नही पाई थी।