डोपिंग मामले पर चैंपियन बॉक्सर मैरीकॉम ने जड़ा ऐसा आरोप, मच गई खेल जगत में ‘सनसनी’

punjabkesari.in Friday, Feb 01, 2019 - 05:07 PM (IST)

स्पोटर्स डेस्क (अतुल वर्मा): डोपिंग, ऐसा दागदार शब्द, जो किसी भी खिलाड़ी के नाम के साथ जुड़ते ही उसे अर्श से फर्श पर ले आता है। देश में जब भी डोपिंग के मामले सामने आते हैं तो सीधे तौर पर खिलाड़ी को ही निशाने पर लिया जाता है। खिलाड़ी को ही दोषी माना जाता है, लेकिन 6 बार की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन मैरीकॉम ने इस मामले में एक बड़ा आरोप लगाते हुए खेल जगत में सनसनी मचा दी है। जिसके बाद जाहिर तौर पर वो उन लोगों के निशाने पर आ गई हैं, जिन पर उन्होंने बड़ा आरोप लगाया है।

डोपिंग मामले में कोच भी बराबर के दोषी, दिखाते हैं गलत रास्ता- मैरीकॉम

डोपिंग मामले पर खुलकर सामने आते हुए पहली बार मैरीकॉम ने अपना सीधा पक्ष रखा और केंद्रीय खेल राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर की मौजूदगी में बड़ा आरोप जड़ते हुए कोचों को निशाने पर लिया है। मैरीकॉम के मुताबिक डोपिंग मामलों के लिए कोच भी दोषी हैं जो खिलाड़ियों को गलत रास्ता दिखाते हैं। दुर्भाग्य से कुछ कोच अपने खिलाड़ियों को गलत तरीके से तुरंत कामयाबी दिलाना चाहते हैं, जोकि बिल्कुल अस्वीकार्य है। वहीं उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को डोपिंग के दम पर कुछ भी हासिल करने की सीख कतई नहीं लेनी चाहिए।

डोपिंग जैसे गंभीर मामले पर मैरीकॉम ने की इस चीज की वकालत

डोपिंग रोधी राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में इस गंभीर मुद्दे पर खुलकर बोलते हुए ओलिंपियन बॉक्सर मैरीकॉम ने प्रशिक्षकों को भी नाडा के डोपिंग रोधी जागरूकता प्रशिक्षण में शामिल करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि हमें कोचों को भी जागरूक करने की जरूरत है। निश्चित तौर पर उन्हें भी प्रतिबंधित दवाईयों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

गर्व है अपने अब तक के करियर में साफ एथलीट रही- मैरीकॉम

वहीं सम्मेलन के समापन समारोह में मैरीकॉम ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं अपने अब तक के करियर में एक साफ एथलीट रही हूं और इसका एक कारण ये भी है कि नाडा के लोग हर समय मेरे पीछे रहते हैं। मैंने कभी भी बेहतर प्रदर्शन के लिए गलत चीजों के इस्तेमाल के बारे में कभी नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ मैं भी इस तरह की चीजों को लेकर सर्तक रहती हूं, जब भी मुझे सामान्य बीमारी के लिए दवा लेनी होती है तो मैं अपने डॉक्टर से पूछती हूं, क्योंकि इन दवाओं में ऐसे घटक हो सकते हैं जो प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में हों।

Atul Verma