भारत की हार के बाद अकरम ने IPL के इस फैक्ट को किया उजागर, शोएब और वकार ने भी बताया इसे हार का कारण

punjabkesari.in Friday, Nov 11, 2022 - 12:36 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क: गुरुवार को टी20 विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट से करारी शिकस्त मिली। इस हार के साथ यहां भारतीय टीम का टी20 विश्व कप का सफर खत्म हो गया, वहीं भारतीय टीम का 14 साल बाद दोबारा टी20 विश्व कप जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया। सेमीफाइनल में भारतीय टीम की इस करारी हार की यहां एक्सपर्ट्स अलग-अलग वजह निकाल रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के दिग्गज गेंदबाज वसीम अकरम ने भारत की हार के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जब से आईपीएल की शुरुआत हुई है तब से भारत एक भी टी20 विश्व कप नहीं जीत पाया है।

अकरम ने एक टीवी चैनल पर चर्चा दौरान कहा,“सभी ने सोचा कि आईपीएल भारत और अन्य टीमों के बीच बड़ा अंतर होगा। आईपीएल 2008 में शुरू हुआ था। भारत ने 2007 में उससे पहले एक टी 20 विश्व कप जीता था। आईपीएल के आगमन के बाद से, भारत ने कभी भी टी 20 विश्व कप नहीं जीता है। उन्होंने 2011 में विश्व कप जीता था, लेकिन वह 50 ओवर है।"

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अकरम ने इसके साथ यह भी सवाल उठाया कि अगर भारतीय खिलाड़ी आईपीएल के अलावा एक और विदेशी लीग खेलेंगे, तो क्या इससे उनके दृष्टिकोण में फर्क पड़ेगा। इस पर उनके साथी पैनलिस्ट शोएब मलिक ने कहा,“हां इससे फर्क पड़ता है, लेकिन आईपीएल इतना बड़ा टूर्नामेंच है कि युवा खिलाड़ी उस अनुभव को हासिल करते हैं,लेकिन अलग-अलग परिस्थितियों में खेलने से वास्तव में फर्क पड़ता है। एक विदेशी खिलाड़ी के तौर पर अगर आप कहीं जाकर खेलते हैं तो वे आपके कंधों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी डाल देते हैं और इससे आप एक अच्छे खिलाड़ी बनते हैं। आप खुद सोचें कि एक विदेशी खिलाड़ी के रूप में मैं जो प्रदर्शन कर रहा हूं, वह अच्छा होना चाहिए। दूसरे, आप विश्व स्तर के खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करते हैं और आप उनकी कार्य नैतिकता से सीखते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि बहुत सारे चीजें हैं जिससे फर्क पड़ती है।”

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनुस ने भी इस चर्चा में कहा, 'जब दांव ऊंचे होते हैं तो दबाव भी ज्यादा होता है। मुझे लगता है कि आईपीएल एक मेगा इवेंट है, बहुत कुछ दांव पर लगा होता है और बड़े कारोबारी शामिल होते हैं। तो यह एक बहुत बड़ी कंपनी है। जब आप इस तरह के मेगा इवेंट में खेलते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए आप पर एक अतिरिक्त दबाव होता है। फिर जब आप नॉकआउट चरण में पहुंचते हैं, तो आप अपने कंधों पर वह बोझ महसूस करते हैं। यह यहां दिखाई दे रहा था, यह उस समय दिखाई दे रहा था, जब वे संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तान के साथ खेले थे और साथ ही एशिया कप में भी यह दिखाई दिया। उन्होंने दबाव लिया और वास्तव में खेल को आगे नहीं बढ़ा सके। आईपीएल में वे जिस आजादी के साथ खेलते हैं, वह अब यहां दिखाई देती है। राहुल, रोहित, विराट, इन सभी के शतक हैं, लेकिन आज ऐसा लग रहा था कि वे एक खोल में हैं।”

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वकार यूनुस ने आगे कहा,“हालांकि, सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड के स्पिनरों से केवल 41 रन ही ले सके, जिसमें 7 ओवर में एक पार्ट टाइम स्पिनर भी शामिल था। कोई भी वास्तव में उनके खिलाफ शॉट नहीं लगा सका। बाउंड्री इतनी लंबी न होने के बावजूद मुझे कोई क्रॉस शॉट नहीं दिख रहा था। वे बस चिंतित थे। उन्हें हार्दिक पांड्या का शुक्रिया अदा करना चाहिए जिन्होंने अंत में बहुत तेजी से रन बनाए। इसके बिना भारत शायद 120 रन तक भी नहीं पहुंच पाता।"


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Content Editor

Ramandeep Singh

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