ऐश्वर्या पिस्से ने रचा इतिहास, W2RC पुर्तगाल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 12:51 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय मोटरस्पोर्ट्स का नाम अब दुनिया के सबसे कठिन रैली-रेड टूर्नामेंट में चमक रहा है। बेंगलुरु की 29 वर्षीय राइडर ऐश्वर्या पिस्से ने पुर्तगाल में खेले गए एफआईएम वर्ल्ड रैली-रेड चैंपियनशिप (W2RC) 2025 के चौथे राउंड में शानदार उपलब्धि हासिल की। उन्होंने रैली2 – महिला वर्ग में खिताब जीतकर न केवल भारत बल्कि पूरे एशिया की पहली महिला विजेता बनने का गौरव पाया। यह जीत ऐश्वर्या के लिए व्यक्तिगत सफलता से कहीं अधिक है—यह आने वाली पीढ़ी की महिलाओं को सपनों को हकीकत में बदलने की प्रेरणा देती है। 

कठिन परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन

बीपी अल्टीमेट रैली-रेड पुर्तगाल अपने कठोर ट्रैक और लंबी दूरी के कारण मशहूर है। इस प्रतियोगिता में राइडर्स को छह दिनों तक 2,000 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी, जिसमें 1,225 किलोमीटर प्रतिस्पर्धी चरण शामिल थे। रास्ते पूरी तरह बजरी वाले थे और पुर्तगाल व स्पेन की चुनौतीपूर्ण भूमि से होकर गुजरते थे। इन कठिन हालातों में ऐश्वर्या ने न केवल अपनी कैटेगरी में शीर्ष स्थान पाया, बल्कि कुल मिलाकर 27वां स्थान हासिल किया, यह किसी भी भारतीय महिला राइडर के लिए अभूतपूर्व सफलता है।

प्राइवेटियर से बनी रोल मॉडल

रैली-रेड को दुनिया की सबसे कठिन रेसिंग सीरीज़ माना जाता है। एक प्राइवेटियर के तौर पर भाग लेने वाली ऐश्वर्या की सफलता उनकी दृढ़ता और आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण है। टीवीएस रेसिंग और अन्य भागीदारों के सहयोग से उन्होंने यह दिखा दिया कि सही हौसला और मेहनत से अंतरराष्ट्रीय मंच पर जगह बनाई जा सकती है। आज वे न सिर्फ भारत बल्कि पूरे एशिया की महिला राइडर्स के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं।

ऐश्वर्या का संदेश: सपनों की कोई सीमा नहीं

जीत के बाद ऐश्वर्या ने कहा, "यह पल मेरे लिए बहुत मायने रखता है। इस स्तर पर एशिया और भारत की पहली महिला विजेता बनना केवल मेरी जीत नहीं, बल्कि उन सभी लड़कियों के लिए संदेश है जो बड़े सपने देखती हैं।" उनकी यह बात साफ करती है कि यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत गौरव नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव की प्रेरणा भी है।

डकार रैली 2027 पर नजर

पुर्तगाल की यह सफलता ऐश्वर्या के अगले बड़े लक्ष्य की ओर एक मजबूत कदम है। वह डकार रैली 2027 में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही हैं, जहाँ उनका सपना दो पहियों पर इसे पूरा करने वाली पहली भारतीय महिला बनने का है। पुर्तगाल में मिली जीत ने उन्हें अमूल्य अनुभव, आत्मविश्वास और गति प्रदान की है। अब वे और मजबूती से दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित रैली में भारतीय तिरंगा लहराने की तैयारी में जुटी हैं। 


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Content Writer

Sanjeev

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