भारत के खिलाफ दोहरा शतक जडऩे वाले एंडी फ्लावर को अभी भी है इस बात की रंज

punjabkesari.in Friday, Jul 03, 2020 - 12:01 PM (IST)

लंदन : जिम्बाब्वे के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एंडी फ्लावर ने कहा कि उन्हें पछतावा है कि 2003 विश्व कप में बाजू पर काली पट्टी पहनकर विरोध दर्ज करने वाले सरकार के खिलाफ अपने अभियान को जारी नहीं रख सके जिसके कारण उन्हें और उनके साथी हेनरी ओलोंगा को देश छोडऩे पर मजबूर होना पड़ा था।

Andy Flower regrets not carrying 'death of democracy' campaign in Zimbabwe

फ्लावर और ओलोंगा ने ‘जिम्बाब्वे में लोकतंत्र की मृत्यु का शोक मनाने’ के लिए 2003 विश्व कप के शुरूआती मैच में बाजू पर काली पट्टी पहनी थी और रोबर्ट मुगाबे की सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज किया था। इस विरोध की अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने प्रशंसा की थी लेकिन जिम्बाब्वे के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी आलोचना की और इन दोनों क्रिकेटरों को अपना अंतरराष्ट्रीय करियर त्यागकर इंग्लैंड जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ा पछतावा है कि वह इसे जारी नहीं रख सके।

Andy Flower regrets not carrying 'death of democracy' campaign in Zimbabwe

भारत के खिलाफ एंडी का प्रदर्शन हमेशा से यादगार रहा है। उन्होंने भारत के खिलाफ टेस्ट में नाबाद दोहरा शतक (232) भी बनाया है। एंडी ने कहा- काश हमने इसके बाद और ज्यादा विरोध किया होता। हम ऐसा नहीं कर सके। मेरा परिवार था। मुझे ऐसा नहीं लगा कि मेरे पास खेल से दूर रहने का समय था या मेरे अंदर ऐसा करने की ऊर्जा थी कि इस अभियान पर लगे रह सकें।

Andy Flower regrets not carrying 'death of democracy' campaign in Zimbabwe

उन्होंने कहा- इसलिए अफसोस है और सही कहूं तो थोड़ा अपराध बोध है कि कई साहसिक लोग जिम्बाब्वे में रहे जो हर दिन देश में मानवाधिकारों की समस्याओं को दूर करने के लिए और इन पर ध्यान दिलाने के लिए काम करते हैं। इनमें से कुछेक को उजागर करने की कोशिश करना हमारा बहुत छोटा प्रयास था। उनका काम असली काम है।


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Jasmeet

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