Olympics : प्री क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद तीरंदाज अतनु दास ने मांगी माफी, कहा- सॉरी इंडिया
punjabkesari.in Saturday, Jul 31, 2021 - 02:36 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क : ओलंपिक की तीरंदाजी स्पर्धा में भारत की चुनौती पदक के बिना ही समाप्त हो गई जब अतनु दास पुरूषों के व्यक्तिगत वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहारू फुरूकावा से 4.6 से हार गए। दास पांचवें सेट में एक बार भी 10 स्कोर नहीं कर सके और आठ का स्कोर उन पर भारी पड़ा। भारत को ओलंपिक में पदक ना दिला पाने पर दास ने देशवासियों से माफी मांगी हैं।
पुरुषों की व्यक्तिगत तीरंदाजी स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद दास ने ट्वीट करते हुए लिखा, क्षमा करें भारत, मैं इस ओलंपिक में गौरव (पदक) नहीं ला सका। हमें भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय तीरंदाजी और ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट से अब तक शानदार समर्थन मिला है। हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए, और कुछ नहीं कहना है। जय हिंद।
Sorry INDIA🙏🏼, I couldn’t bring glory in this Olympics. But the support we get from @Media_SAI @indian_archery TOPS, @OGQ_India Is fantastic till now. We should keep moving forward, else nothing to say. Jai hind🇮🇳 pic.twitter.com/Kqqm03nt8r
— TheAtanuDas (@ArcherAtanu) July 31, 2021
इसी के साथ ही दास ने भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के टोक्यो ओलंपिक के तुरंत बाद चयन ट्रायल बुलाने से बहुत खुश नहीं हैं। मीडिया से बात करते हुए अतनु ने कहा, 'ओलंपिक के तुरंत बाद आपको चयन परीक्षण के लिए बुलाया जाता है वे खेल विज्ञान के बारे में बात करते हैं। हम खेल विज्ञान जानते हैं। एक टूर्नामेंट के बीच में आपको बताया जाता है कि आपको चयन ट्रायल देने की जरूरत है और चयन ट्रायल का एक अलग तरीका है, मैंने वह देखा भी नहीं है? हमारी कोई नहीं सुनता, ऊपर से आदेश आते हैं।
अतनु ने यह भी कहा कि लोग ओलंपिक में प्रदर्शन पर ध्यान देते हैं, लेकिन बहुत से लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में विश्व कप और अन्य आयोजनों में तीरंदाज क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा, शायद हम ओलंपिक को बहुत गंभीरता से लेते हैं, शायद यह सिर्फ मेरा विचार या राय है। हम अपनी शूटिंग या कौशल का आनंद लेना भूल जाते हैं, हमने विश्व कप और अन्य प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है। भारतीय तीरंदाजी में केवल ओलंपिक नहीं है। मुझे लगता है कि यह है आपके सिर के अंदर दबाव, अत्यधिक दबाव है। हम इससे निपट रहे हैं।
उन्होंने कहा, जब हम विश्व कप जीतते हैं तो कोई नहीं जानता। हम कब नंबर एक बन जाते हैं कोई नहीं जानता। लेकिन ओलंपिक में हर कोई सबकुछ जानता है, हर एक स्थिति के बारे में जानता है। हम इससे निपट रहे हैं।