रोनाल्डो का खेल देखकर प्रेरणा लेते हैं एशिया कप स्टार हॉकी खिलाड़ी अभिषेक

punjabkesari.in Thursday, Sep 11, 2025 - 06:00 PM (IST)

नई दिल्ली : एशिया कप हॉकी (Asia Cup) में भारत की खिताबी जीत के सूत्रधार रहे फॉरवर्ड अभिषेक (Abhishek) के लिए क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) प्रेरणास्रोत रहे जिन्हें देखकर ही उन्होंने काफी कुछ सीखा। हाल ही में राजगीर में हुए एशिया कप में भारत ने फाइनल में पिछली चैम्पियन दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर खिताब जीता और अगले साल नीदरलैंड तथा बेल्जियम में होने वाले विश्व कप के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। 

अभिषेक ने टूर्नामेंट में छह गोल किये और कई गोलों में सूत्रधार रहे। उन्होंने इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे अंदर से लग तो रहा था कि यह टूर्नामेंट कुछ खास होगा लेकिन यह नहीं सोचा था कि प्लेयर आफ द टूर्नामेंट बनूंगा।' उन्होंने कहा, ‘अब हमे विश्व कप की तैयारी के लिए लंबा समय मिल गया है। अपनी बात करूं तो मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है जो आगामी टूर्नामेंटों और विश्व कप में काफी काम आएगा।' 

पेरिस ओलंपिक 2024 कांस्य पदक और हांगझोउ एशियाई खेल 2022 में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे अभिषेक ने बताया कि उनके खेल पर पुर्तगाल के महान फुटबॉलर रोनाल्डो का काफी प्रभाव है और उनके मैच देखकर वह काफी कुछ सीखते हैं। भारत के लिए 113 मैचों में 48 गोल कर चुके इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, ‘मेरे बचपन के कोच शमशेर दहिया मेस्सी के फैन हैं और मुझे वैसा ही बनाना चाहते थे। लेकिन मुझे रोनाल्डो पसंद है। मैं उनके मैच देखता हूं जिनसे स्कोरिंग, पोजिशनिंग, टाइमिंग और शूटिंग के बारे में सीखता हूं।' 

उन्होंने कहा, ‘फुटबॉल और हॉकी दोनों टीम खेल हैं और गेंद से ही खेली जाती है। पूरा खेल रनिंग और इंड्यूरेंस का है जिसमें पोजिशनिंग काफी अहम होती है और इसमें मेरे प्रेरणास्रोत रोनाल्डो हैं।' उन्होंने आगे कहा, ‘भारतीय खिलाड़ियों में सरदार सिंह मुझे बहुत पसंद हैं और उनको देखकर ही मैने हॉकी खेलना शुरू किया था। लेकिन मेरे भारतीय टीम में आने से पहले उन्होंने खेल को अलविदा कह दिया था तो मुझे उनके साथ खेलने का मौका नहीं मिला।' 

अपने भाई आशीष और एक दोस्त को देखकर हॉकी स्टिक थामने वाले अभिषेक ने बताया कि बचपन में कलाई में चोट लगने के बाद उनके माता-पिता ने आगे हॉकी खेलने से मना कर दिया था लेकिन कोच ने उन्हें राजी किया और हिन्दी शिक्षक रहे अपने पहले कोच की सलाह वह आज भी लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘शमशेर सर को आधुनिक हॉकी के बारे में ज्यादा नहीं पता लेकिन मेरे खेल के बारे में वह बहुत कुछ बताते हैं। मैं उनसे सलाह लेता रहता हूं। भारतीय टीम के कोच क्रेग फुल्टोन से भी अपने खेल के बारे में खुलकर बात करता हूं।' 

यह पूछने पर कि एशिया कप में जीत का जश्न कैसे मनाया, अभिषेक ने कहा कि परिवार के साथ समय बिताना ही सबसे बड़ा जश्न है चूंकि अधिकांश समय वह घर से बाहर रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘एशिया कप में परिवार से कोई नहीं आया था क्योंकि भाभी मां बनने वाली है। भैया भाभी ने हॉकी इंडिया लीग के मैच देखे थे। एशिया कप से लौटने के बाद हम सभी ने साथ में डिनर किया और यही मेरे लिये जश्न जैसा था ।28 सितंबर को शिविर में लौटना है तो उससे पहले परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहता हूं।' 

पंजाब नेशनल बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर तैनात अभिषेक की ख्वाहिश विश्व कप में 50 साल के सूखे को खत्म करने की है और उन्हें यकीन है कि इस टीम में वह काबिलियत है। उन्होंने कहा, ‘हमने 50 साल से विश्व कप नहीं जीता और मुझे लगता है कि यह टीम जीत सकती है क्योंकि हम शीर्ष टीमों को हरा चुके हैं। हमें बस निरंतरता पर काम करना होगा क्योंकि किसी मैच में तो हम बहुत अच्छा खेलते हैं तो किसी में खराब भी हो जाता है।' उन्होंने कहा, ‘हमें डीप डिफेंस और सर्कल के भीतर फिनिशंग पर थोड़ा और काम करना होगा। अपने खेल की बात करूं तो मुझे अपने बेसिक्स को और दुरूस्त करना होगा।' 

उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी के स्वर्णिम दौर को लौटाने के लिये इस टीम को जीत की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि 1975 से पहले वाला हमारा स्वर्णिम दौर वापिस लौटे जब हमने ओलंपिक में इतने पदक जीते। मैं चाहता हूं कि हर बड़े टूर्नामेंट में हम देश के लिए पदक जीते। पदक जीतने की हमें आदत पड़ जानी चाहिए। हम उस दिशा में आगे बढ रहे हैं। दो ओलंपिक में कांस्य जीत चुके हैं लेकिन अब पदक का रंग बदलना होगा।' 


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Content Writer

Sanjeev

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