Asian Badminton Championship पदक दर्शाता है कि भारत सुदीरमन कप जीत सकता है: विमल कुमार

punjabkesari.in Sunday, Feb 19, 2023 - 01:48 PM (IST)

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रीय कोच विमल कुमार का मानना है कि एशियाई बैडमिंटन मिश्रित टीम चैम्पियनशिप (एबीसी) में पहली बार पदक हासिल करना यह दर्शाता है कि भारत इस साल सुदीरमन कप का खिताब जीत सकता है। भारत का एशियाई बैडमिंटन मिश्रित टीम चैम्पियनशिप में अभियान सेमीफाइनल में चीन से 2-3 की पराजय से समाप्त हुआ लेकिन देश पहली बार कांस्य पदक जीतने में सफल रहा। भारत के लिए यह शानदार प्रदर्शन था क्योकि  युगल वर्ग के शीर्ष खिलाड़ी  सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी चोट के कारण टीम का हिस्सा नहीं थे। उनकी गैरमौजूदगी में चिराग शेट्टी एवं ध्रुव कपिला की पुरुष जोड़ी और तृषा जॉली एवं गायत्री गोपीचंद  की युवा महिला युगल जोड़ी ने भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने के लिए शानदार प्रदर्शन किया।

 विमल ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘सात्विक के वापस आने के बाद हमारे पास मजबूत युगल जोड़ी होगी । हमारे एकल खिलाड़ी हमेशा मजबूत रहे हैं। एच एस प्रणॉय और पीवी सिंधु किसी को भी मात देने में सक्षम हैं। इसलिए मुझे लगता है कि हमारे पास सुदीरमन कप जीतने का अच्छा मौका है।'' पिछले साल थॉमस कप जीतने के दौरान भारतीय टीम के साथ रहे विमल ने कहा, ‘‘ महिला युगल ने भी अपने खेल में काफी सुधार दिखाया। खासकर तृषा और गायत्री ने मलेशिया की शीर्ष युगल जोड़ी (विश्व नंबर चार टैन पियरली और थिनाह मुरलीधरन) को हराकर काफी आत्मविश्वास हासिल किया होगा। अब हम यह नहीं कह सकते कि यह बहुत महत्वाकांक्षी  (सुदीरमन कप जीतना) है। हम जीत सकते हैं। ठीक वैसा ही जैसा कि हमने थॉमस कप में किया था। हम इस प्रदर्शन के बाद उम्मीद कर सकते हैं।'' 

सुदीरमन कप वैश्विक स्तर पर मिश्रित टीम प्रतियोगिता है। भारत ने एशियाई बैडमिंटन मिश्रित टीम चैम्पियनशिप में शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में हांगकांग को हराकर अपना पहला महाद्वीपीय कांस्य पदक पक्का किया था। इस उपलब्धि से भारत को 14 से 21 मई तक चीन के सुझोउ में होने वाले सुदीरमन कप के लिए सीधे क्वालीफाई करने में मदद मिली। विमल ने कहा, ‘‘ यह एक अच्छा कांस्य पदक था। हालांकि मैं थोड़ा निराश हूं क्योंकि कल हमारे पास चीन को हराने का बेहतरीन मौका था। चीन को हराना शानदार होता। इतिहास में यह पहली बार है जब हम उन्हें हराने के इतने करीब पहुंचे हैं। हमने इससे पहले मिश्रित टीम स्पर्धा में हमेशा संघर्ष किया है।'' उन्होंने कहा कि भारत के पास टूर्नामेंट जीतने का मौका था क्योंकि टीम ने मलेशिया और हांगकांग को हराया था।

 उन्होंने कहा, ‘‘पुरुष और महिला युगल जोड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया।मैं उन्हें बहुत श्रेय दूंगा। हम एकल में उम्मीद के मुताबिक खेल नहीं दिखा सके। आम तौर पर हम एकल मुकाबलों में मजबूत रहते थे लेकिन सात्विक की बिना युगल जोड़ियों ने हांगकांग और चीन के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया। महिलाओं की जोड़ी ने विशेष रूप से उल्लेखनीय सुधार दिखाया।'' इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘यह निराशाजनक है कि हमें एकल में हार मिली, अगर उनमें से कोई एक अपना मुकाबला जीतता तो हम फाइनल में पहुंच जाते। '' एच एस प्रणय को शुरूआती पुरुष एकल मैच में महज 45 मिनट में लेई लान जि से 13-21, 15-21 से और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू को महिला एकल मैच में एक घंटे 10 मिनट में गाओ फांग जि से हार का सामना करना पड़ा। 

इससे भारतीय टीम 0-2 से पीछे थी। पर युगल टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया। ध्रुव कपिला और चिराग शेट्टी की पुरूष युगल जोड़ी ने फिर जिन टिंग और झोऊ हाओ डोंग को 21-19,21-19 से मात दी। तृषा जॉली और गायत्री गोपीचंद की महिला युगल जोड़ी ने लियू शेंग शु और टान निंग की जोड़ी को 21-18 13-21 21-19 से हराकर स्कोर 2-2 किया। फिर सभी की निगाहें ईशान भटनागर और तनीषा क्रास्टो की मिश्रित युगल जोड़ी पर लगी थीं लेकिन जियांग झेन बांग और वेई या जिन निर्णायक मैच में कहीं मजबूत साबित हुए और उन्होंने इसे महज 34 मिनट में 21-17 21-13 से जीत लिया। 

Content Editor

Ramandeep Singh