AUS vs IND : ऑस्ट्रेलिया ने गंवाया गाबा का अभेद किला, हार के रहे यह 5 बड़े कारण

punjabkesari.in Tuesday, Jan 19, 2021 - 02:04 PM (IST)

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया को गाबा के उस ऐतिहासिक मैदान पर मुंह की खानी पड़ी जहां वह करीब 31 सालों से अभेद था। टीम इंडिया ने गाबा के मैदान पर शुभमन गिल और रिषभ पंत की साहसिक पारियों की बदौलत जीत हासिल की और ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी बार टेस्ट सीरीज जीती। टीम इंडिया ने इसी के साथ गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के न हारने की आदत को भी तोड़ दिया। देखें रिकॉर्ड- 

एक स्थान बिना हारे सबसे ज्यादा मैच


34 पाकिस्तान, नेशनल स्टेडियम, कराची (1955-00)
31 ऑस्ट्रेलिया, गाबा (1989-19)*
27 वेस्टइंडीज, केंसिंग्टन ओवल (1948-93)
25 इंग्लैंड, ओल्ड ट्रैफर्ड (1905-54)
19 वेस्टइंडीज, सबीना पार्क (1958-89)

1. चोटिल वार्नर को मौका देना


टेस्ट सीरीज से पहले डेविड वार्नर चोटिल थे। तीसरे टेस्ट मेंभ्भी उन्हें मौका देने पर सवाल उठे। लेकिन बावजूद इसके वह खेले। वह गाबा टेस्ट में कुल 49 रन बना पाए। अगर भारत के खिलाफ प्रदर्शन की बात की जाए तो उनकी औसत 100 के पास थी। लेकिन उनकी असफलता ऑस्ट्रेलिया के लिए हार बनकर आई।

2. एग्रेसिव दिखाने के चक्कर में लैंथ भूले
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज गाबा टेस्ट के दौरान एग्रेसिव ज्यादा दिखे। इस कारण उनकी लाइन और लैंथ बिगड़ गई। ऐसा कई बार हुआ जब स्टार्क, कमिंस और लायन ने फॉलोथ्रू में गेंद उठाकर हताषा में स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज की ओर मारी। और तो और पार्ट टाइम स्पिनर मार्नेस लाबुछेन भी इस तिक्कड़ में पीछे नहीं रहे। उन्होंने दूसरी पारी में महज एक ओवर फेंकी लेकिन उस दौरान भी टीम इंडिया के बल्लेबाज को निशाना बनाने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के एग्रेसिव होने पर टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने इसका भरपूर फायदा उठाया।

3. पुजारा को भेद नहीं पाए


गाबा टेस्ट में भारत की जीत में बड़ा योगदान चेतेश्वर पुजारा का भी रहा। तेज पिच पर पुजारा ने पहली पारी में 94 तो दूसरी पारी में 211 गेंदें खेलकर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों को थका दिया। जिनका फायदा पुछल्ले बल्लेबाजों खास तौर पर रिषभ पंत, शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुंदर ने जमकर उठाया। तीसरा टेस्ट ड्रा करवाने मेंभ्भी पुजारा ने अहम योगदान दिया था।

4. नए गेंदबाजों को हलके में लिया
गाबा टेस्ट शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलिया के तीनों प्रमुख गेंदबाजों पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क और हेजलवुड का अनुभव 147 मैचों का था जब भारतीय तिकड़ी नटराजन, शार्दुल और सिराज ने कुल 4 ही टेस्ट खेले थे। गैर वरीयता वाली भारतीय गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने काफी हलके में लिया। भारत के इन गेंदबाजों ने ही 16 विकेट निकाल लिए।

5. स्मिथ का आऊट ऑफ फॉर्म होना


ऑस्ट्रेलिया को बड़े स्कोर तक ले जाने की जिम्मा स्थिम पर रहता है। पहले दो टेस्ट मैचों में असफल स्मिथ तीसरे टेस्ट में शतक लगाकर फॉर्म में जरूर वापस आए लेकिन वह चौथे टेस्ट में इसे दोहरा नहीं सके। लिहाइजा ऑस्ट्रेलिया को घर में हार झेलनी पड़ी।

Jasmeet