ऑस्ट्रेलिया में टैस्ट सीरीज जीत : टीम इंडिया ने कमाया कम गंवाया ज्यादा, रिपोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Jan 08, 2019 - 08:57 PM (IST)

जालन्धर (जसमीत सिंह) : टीम इंडिया ने 71 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में टेस्ट सीरीज के दौरान 2-1 से हराकर इतिहास रचा। जीत से सबसे ज्यादा उत्साहित तो भारतीय कोच रवि शास्त्री निकले। बोले- हमने 1983 में मिली वल्र्ड कप जीत से भी बड़ी जीत हासिल की। हमारे टीम में न कोई भगवान है, न ही बड़ा सितारा। फिर भी हमने इतिहास बनाया। अब सवाल उठता है कि क्या भारतीय टीम सचमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाई या जाने-अनजाने में अपनी कई कमियां क्रिकेट जगत के आगे रख दी। लेकिन अगर भारतीय टीम के प्रदर्शन का विश£ेषण करें तो इस टीम ने कमाया कम गंवाया ज्यादा है। देखें इस रिपोर्ट में-

वॉर्नर-स्मिथ होते तो

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की सबसे बड़ी समस्या कमजोर शुरुआत रही। ओपनर आरोन फिंच और मार्कस हैरिस सिर्फ एक बार ओपनिंग क्रम पर 50 से ज्यादा की पार्टनरशिप कर पाए। उसके बाद फस्र्ट डाउन यानी उसमान ख्वाजा तो पूरी सीरीज में फ्लॉप रहे। अब यही स्थान ऑस्ट्रेलिया टीम से बाहर डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ का होता था। वार्नर होते तो अच्छी ओपनिंग पार्र्टनरशिप होती, स्मिथ होते तो ऑस्टे्रलिया मजबूत शुरुआत करने में सक्षम होता। वैसे भी अगर पिछले 5 साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो ऑस्ट्रेलिया के लिए ऊपरी क्रम पर वार्नर और स्मिथ ही रन बनाकर जितवाते आ रहे हैं। ऐसे में वॉर्नर-स्मिथ के बगैर कमजोर पड़ी ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराना भारत के लिए कद्यापि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कहा जा सकता।

सलामी बल्लेबाजी तो फ्लॉप रही


सीरीज की शुरुआत इंगलैंड दौरे पर असफल रहे सलामी बल्लेबाजों मुरली विजय और केएल राहुल ने की। दोनों फिर से असफल रहे। बीच में हनुमान विहारी को मौका दिया गया लेकिन वह भी बड़ा स्कोर नहीं बना पाए। आम तौर पर किसी भी टीम की ओपनिंग जोड़ी में एक ऐसा समय आता है जब उनका एक ओपनर बल्लेबाज रन नहीं बना पाता। ऐसे में टीम मैनेजमैंट उस एक फ्लॉप बल्लेबाज के विकल्प के बारे में सोचती है। लेकिन बात जब टीम इंंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए आई तो भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज फ्लॉप होते दिखे। हालांकि भारत को अब मयंक अग्रवाल जैसा भरोसेमंद बल्लेबाज मिल गया है लेकिन क्या इससे सलामी बल्लेबाजी की समस्या झट से हल हो जाएगी, इस पर अभी भी आशंका के बादल मंडरा रहे हैं।

अजिंक्य रहाणे चले ही नहीं

टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की मजबूत अजिंक्य रहाणे के कारण भी है। मध्यक्रम में अच्छी बल्लेबाजी कर कई बार टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने वाले रहाणे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बड़ा स्कोर नहीं बना पाए। रहाणे ऐसे मौकों पर फेल हुए जहां से टीम इंडिया बड़े स्कोर की ओर जा सकती थी। अगर पुजारा चलते तो भारत के जीते मैचों में लीड ज्यादा होते तो हारे मैच का नतीजा कुछ और होता। बड़ी बात यह रही थी कि इंगलैंड दौरे पर पुजारा सफल नहीं हो पाए थे। वनडे टीम में उनके स्थान को लेकर अनिश्चिता बनी रहती है। अब आगे आईपीएल और फिर क्रिकेट वल्र्ड कप आने वाला है। इस कारण भारतीय टीम करीब 6 महीने बाद टेस्ट सीरीज खेलेगी। इतने समय टीम से बाहर रहकर क्या वह अपनी फॉर्म में वापसी कर भी पाएंगे या नहीं। इस पर भी सवाल उठेंगे।

एकमात्र स्पिनर अश्विन हो गए चोटिल

भारतीय टीम में अभी एकमात्र स्थाई स्पिनर है। वो हैं रविचंद्रन अश्विन। अश्विन स्पिनर होने के साथ ही भारत के लिए 6 नंबर पर सबसे कारगार बल्लेबाजी के लिए भी जाने जाते हैं। अश्विन अगर बाहर होते हैं तो उनकी जगह कौन-सा स्पिनर आएगा। क्या टेस्ट क्रिकेट में नवोदित कुलदीप यादव पर भरोसा किया जा सकता है। अगर यादव पर भरोसा कर भी लें तो क्या वह अश्विन की तरह 6 नंबर पर बल्लेबाजी करने में सक्षम है। जवाब होगा नहीं। 

Jasmeet