ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज का बड़ा बयान, कहा- रहाणे का जन्म नेतृत्व करने के लिए हुआ है

punjabkesari.in Sunday, Jan 03, 2021 - 02:15 PM (IST)

नई दिल्ली : कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे को ‘जन्मजात नेतृत्वकर्ता' करार देते हुए आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने मेलबर्न टेस्ट में भारत की जीत का श्रेय बल्ले से उनके उपयोगी योगदान के अलावा ‘चतुराई से भरी साहसिक' कप्तानी को दिया। एडीलेड में पहला टेस्ट मैच गंवाने वाली भारतीय टीम ने रहाणे की अगुवाई में मेलबर्न में दूसरे टेस्ट मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज करके शानदार वापसी की। 

चैपल ने अपने कॉलम में लिखा, ‘इसमें कोई हैरानी नहीं कि अजिंक्य रहाणे ने एमसीजी (मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड) पर शानदार तरीके से भारत की अगुवाई की। जिस किसी ने भी 2017 में धर्मशाला में उन्हें कप्तानी करते हुए देखा होगा वह पहचान गया होगा कि उनका जन्म क्रिकेट टीमों का नेतृत्व करने के लिये हुआ है। धर्मशाला में 2017 में खेले गये टेस्ट मैच में भारत ने चौथे टेस्ट मैच में आठ विकेट से जीत हासिल करके चार मैचों की श्रृंखला 2-1 से जीती थी। भारत ने तब भी लक्ष्य का पीछा किया था और रहाणे 38 रन बनाकर नाबाद रहे थे।

चैपल ने लिखा,‘एमसीजी में खेले गये मैच और 2017 के मैच में काफी समानताएं हैं। पहला यह उन्हीं दो बेहद प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच खेला गया था, दूसरा रविंद्र जडेजा ने पहली पारी में निचले क्रम में उपयोगी योगदान दिया था और तीसरा रहाणे ने कम लक्ष्य के सामने दबाव वाली परिस्थितियों में आक्रामक बल्लेबाजी करके जरूरी रन जुटाए। 

उन्होंने कहा,‘रहाणे ने धर्मशाला में तब मेरा ध्यान अपनी तरफ खींचा था जब उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे बायें हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को गेंद सौंपी जबकि तब डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ ने शतकीय साझेदारी कर रखी थी। मुझे लगता है कि यह साहसिक कदम था और यह बेहद अच्छा साबित हुआ। यादव ने जल्द ही वार्नर का विकेट लिया जिससे आस्ट्रेलियाई पारी लड़खड़ा गयी थी। 

चैपल ने लिखा है, ‘यह कप्तान के रूप में रहाणे की सफलता का हिस्सा है। वह साहसी और होशियार कप्तान है। हालांकि इन दो महत्वपूर्ण गुणों के अलावा उनके नेतृत्व में और भी कुछ है। जब चीजें आसानी से हाथ से निकल सकती हैं वह तब भी शांतचित बने रहते हैं। उन्होंने अपने साथियों से सम्मान हासिल किया है जो कि अच्छी कप्तानी का महत्वपूर्ण पहलू होता है। और वह जरूरत के समय रन बनाता है जिससे टीम में उनका सम्मान बढ़ जाता है।

चैपल ने इसके अलावा भारतीय गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन और मोहम्मद सिराज तथा अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल के प्रदर्शन की भी प्रशंसा की। अन्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन के अलावा चैपल ने कहा कि रहाणे का योगदान भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। 

उन्होंने कहा,‘कप्तान ने तब शतक लगाया जबकि भारत आसानी से 2-0 से पिछड़ सकता था और यह उनका प्रदर्शन था जिसने उनकी टीम को यह भरोसा दिलाया कि जीत दर्ज की जा सकती है। मुंबई के पूर्व निवासी ने मुझे बताया कि उनकी पत्नी ने होंठो की गति से अनुमान लगाकर बताया कि रहाणे ने एमसीजी पर शतक पूरा करने के बाद ‘कम ऑन इंडिया' कहा था। यह एक अन्य पहलू है जो रहाणे की कप्तानी को परिभाषित करता है। वह जो करता है टीम के लिये करता है।

Raj chaurasiya