Big Interview विश्वनाथन आनंद : हमारे जूनियर खिलाड़ी असाधारण, Chess olympiad में जीतेंगे गोल्ड

punjabkesari.in Thursday, Jun 30, 2022 - 10:55 PM (IST)

  • 5 बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने शतरंज ओलिम्पियाड से पहले पंजाब केसरी को दी इंटरव्यू
  • भारत में होने वाले शतरंज ओलिम्पियाड में बतौर मेंटर हिस्सा लेंगे ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद
  • भारतीय के पास कई अच्छे युवा खिलाड़ी, टीम में गहराई दिला सकती है गोल्ड


जालन्धर, 29 जून (निकलेश जैन) : 5 बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शतरंज की मशाल लेकर दौड़े तो हर शतरंज प्रेमी भावुक हो गया। वजह भी बढ़ी है। भारत में जुलाई से शतरंज ओलिम्पियाड होने जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलिम्पियाड की मशाल रैली को रवाना किया। 52 साल की उम्र में भारत के नंबर एक खिलाड़ी भले ही इस ऐतिहासिक ओलिम्पियाड में बतौर प्रतिभागी नहीं उतरेंगे लेकिन वह टीम के लिए मेंटोर की भूमिका जरूर निभाएंगे। टीम के युवा खिलाडिय़ों की तैयारियों को लेकर आनंद काफी आश्वस्त हैं। उन्हें लगता है कि हमारे जूनियर खिलाड़ी आसाधारण हैं। इस टीम में गहराई है जोकि हमें गोल्ड दिला सकती है। इसी बीच आनंद ने पंजाब केसरी के साथ विशेष इंटरव्यू में अपने और भारतीय शतरंज के हर पहलू पर महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं।

 
सवाल : भारत में शतरंज ओलिम्पियाड होने जा रहा है आप इसे भारतीय शतरंज के लिहाज से कैसी उपलब्धि मानते हैं?
आनंद -
मेरे हिसाब से यह एक अविश्वसनीय पड़ाव है। हमने इससे पहले विश्व चैम्पियनशिप और अन्य बड़े आयोजन किए हैं पर ओलिम्पियाड सबसे अलग है। यह पूरी दुनिया के शतरंज खिलाडिय़ों को भारत को जानने का मौका देगा। यहां 3000 से ज्यादा खिलाड़ी आएंगे। यह हमारे लिए मेजबान होने के नाते ही शानदार मौका होगा। हम पुरुष और महिला वर्ग में दो टीम खिला रहे हैं। कई भारतीय युवा पहली बार ओलिम्पियाड खेलने को लेकर बहुत उत्साहित है। मेरे हिसाब से यह साल भारतीय शतरंज के लिए शानदार होने जा रहा है। 

सवाल - आप अभी भी भारत के नंबर एक खिलाड़ी है, ऐसे में आपने इस बार ओलिम्पियाड में न खेलने का निर्णय क्यों लिया?

आनंद - मैं पिछले कुछ समय से अपने टूर्नामैंट की संख्या घटा रहा हूं। अभी हुए नॉर्वे शतरंज में मैंने हिस्सा लिया। साथ ही मैंने निर्णय लिया था कि मैं विश्व चैम्पियनशिप और शतरंज ओलिम्पियाड नहीं खेलूंगा। न ही मॉस्को शतरंज ओलिम्पियाड। हालांकि इसे अब चेन्नई स्थानांतरित कर दिया गया है लेकिन मैं अपना निर्णय नहीं बदलूंगा। अच्छा है कि मेरे हटने से एक युवा खिलाड़ी को मौका मिले।

सवाल - भारतीय टीम के पदक जीतने की संभावना के बारे में आप क्या सोचते हैं?

आनंद - अगर भारत पदक जीतेगा तो मुझे बिलकुल भी आश्चर्य नहीं होगा। हमारी टीम काफी मजबूत है। अगर सही परिस्थितियां बनीं तो कोई कारण नहीं है कि हम स्वर्ण न जीत पाएं। यह स्विस फॉर्मेट है जिसमें कई बेहतरीन टीमें हैं। हमें सिर्फ अच्छा खेल दिखाना होगा। वैसे भी यह अप्रत्याशित परिणाम देने वाला टूर्नामैंट है। वैसे भी हमारे पास 2700 और 2600 की रेटिंग वाले अच्छे खिलाड़ी है। कई युवा 2700 के करीब है। हमारी टीम में गहराई है जो हमें पदक दिला सकती है।

सवाल - बीते दिनों आप शतरंज मशाल लेकर दौड़े, आपके लिए वो कैसा लम्हा था ?

आनंद - मैंने शतरंज ओलिम्पियाड मशाल लेकर दौडऩे का बहुत आनंद उठाया। यह नया प्रयास था जिसे सारे देश बल्कि पूरी दुनिया की मीडिया ने दिखाया। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में यह शुरू हुआ और अब यह देश के 75 शहरों में जा रही है। मुझे लगता है भारतीय शतरंज की गूंज बढ़ती जा रही है। लोग ध्यान दे रहे है कि कुछ हो रहा है। जब 15 दिन शतरंज ओलिम्पियाड चलेगा तो जो लोग इस खेल से दूर हैं, वह भी पास आएंगे।

सवाल - आप भारत की अगली पीढ़ी के शतरंज खिलाडिय़ों को किस तरह से देखते है?

आनंद - हमारे जूनियर खिलाड़ी असाधारण है और मुझे खुशी है की उनमें से कई वैस्टफोर्ड आनंद शतरंज अकादमी का हिस्सा हैं। मैं और भी कई जूनियर खिलाडिय़ों के साथ काम कर रहा हूं। पिछले डेढ़ साल में मैंने उन्हें और जाना है। जब वह ओलिम्पियाड खेलेंगे तो मैं उन्हें और नजदीक से जानूंगा। भविष्य के बारे में बात करूं तो यही कहूंगा कि हमारे पास क्षमता है पर हमें इसे समझने की जरूरत है।
 
सवाल - आप फीडे में टीम द्वारकोविच की तरफ से चुनाव लड़ रहे है। आप जीत को लेकर कितने आश्वस्त है?
आनंद -
फीडे की बात करूं तो मैंने वर्तमान फीडे अध्यक्ष अरकादी का उपाध्यक्ष बनने का प्रस्ताव स्वीकार किया है। मैं उन्हें फीडे अध्यक्ष बनने से पहले से जानता हूं। उसे शतरंज से प्यार है साथ ही अध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल से मैं बेहद प्रभावित रहा हूं। उनकी टीम ने अच्छा काम किया है। आशा है कि मैं भी योगदान दूंगा और मुझे पूरी उम्मीद है हम जीतेंगे।

सवाल - फीडे उपाध्यक्ष बनकर आपके पास भारत में शतरंज के प्रचार-प्रसार के लिए क्या योजना होगी?

आनंद - मैं निश्चित तौर पर भारत को और ज्यादा मौके दूंगा जिससे फीडे और भारत दोनों को फायदा होगा। कोशिश रहेगी कि ज्यादा से ज्यादा टूर्नामैंट का आयोजन किया जाए। सबसे बड़ी बात शतरंज को स्कूल के नियमित पाठयक्रम का हिस्सा बनाने की कोशिश करूंगा। 

सवाल - रूस उक्रेन जंग के चलते कई लोग रूस से आने वाले मौजूदा फीडे अध्यक्ष का विरोध कर रहे है, फिर आपने उनका साथ क्यों चुना?

आनंद - जैसा कि मैंने पहले कहा है- मुझे उनके और उनकी टीम का काम पसंद है। इसके अलावा एक अन्य बात जो मैंने देखी है कि बीती फरवरी के बाद से उन्होंने खुद को रूस से अलग कर लिया है। वह सिर्फ फीडे अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने रूस के प्रतिनधि होने की बजाय शतरंज खिलाडिय़ों की भलाई के लिए काम किए हैं। मैंने उनकी इन्हीं अच्छी बातों को ही ध्यान में रखा।

सवाल - बीते दिनों आपने क्लासिकल और रैपिड खेल में शानदार खेल दिखाया, जब आप युवा खिलाडिय़ों से खेलते हैं तो आपकी क्या सोच होती है?

आनंद - मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मैंने रोमानिया और नॉर्वे में अच्छा टूर्नामैंट खेला। अगर आप ध्यान देंगे तो पाएंगे जहां मैंने कई बार शानदार खेला तो खेल के दूसरे हिस्से में कई बार बड़ी चूक भी हुई। इसीलिए मुझे लगता है कि यह अच्छा है कि मैं अब थोड़ा कम और चुने हुए टूर्नामैंट ही खेलूं।

सवाल - क्या विश्व चैम्पियनशिप साइकल से खुद को अलग करने के बाद, आप अपने खेल में कोई बदलाव देख रहे हैं?

आनंद - नहीं, ऐसा कोई बदलाव मैं नहीं देख रहा। मैं वैसे ही तैयारी कर रहा हूं, वैसे भी खेल रहा है जैसे कि पहले खेल रहा था। हां, निश्चित तौर पर अब मैं खेल को कम समय दे पा रहा है। इसका असर तो पड़ेगा ही।  

सवाल - आपको शतरंज के किस फॉर्मेट का भविष्य ज्यादा उज्ज्वल दिखता है?

आनंद - मुझे लगता है कि लोग तेज फॉर्मेट की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है। अब ऑनलाइन भी इसमें जुड़ गया है। पर मेरा मानना है कि हर फॉर्मेट को देखने वाले और पसंद करने वाले लोग है चाहे वो क्लासिकल हो, रैपिड, ब्लिट्ज हो या ऑनलाइन।

Content Writer

Niklesh Jain