बर्थडे स्पैशल : जब पाकिस्तानी क्रिकेटर गावस्कर को देते रहे गालियां, साथी खिलाड़ी हंसते रहे

punjabkesari.in Friday, Jul 10, 2020 - 12:51 PM (IST)

नई दिल्ली : टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार रन पूरे करने वाले भारत के लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर 71 साल के हो गए हैं। क्रीज पर अपनी शॉट सिलेक्शन से लोगों को लंबे समय तक कायल करने वाले गावस्कर बातों के भी मास्टर हैं। उन्होंने अपने लंबे करियर के दौरान कई ऐसे किस्से सहेज रखे हैं जिसे जो भी सुन ले हमेशा गुदगुदाता रहे। आइए आज गावस्कर के जन्मदिन पर हम ऐसे तीन किस्से बताते हैं जो गावस्कर ने खुद ही एक शो के दौरान शेयर किए थे। 

भैं-भैं की गालियां पड़ीं

गावस्कर पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा से अच्छा क्रिकेट खेलते थे। पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए 24 टैस्ट में उनके नाम पर 2089 रन दर्ज हैं। गावस्कर ने एक बार इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेटरों से जुड़ा मजेदार किस्सा शेयर किया था। गावस्कर बोले- मैं महाराष्ट्र से था तो मुझे पंजाबी नहीं आती थी। पाकिस्तान के खिलाफ एक अहम मैच खेला जा रहा था। मैं अच्छा खेल रहा था तभी मुझे लगा कि पाकिस्तानी प्लेयर पाकिस्तानी क्रिकेटर बार-बार ‘भैं’ ‘भैं’ बोल रहे थे। मुझे इसका मतलब नहीं पता था। लेकिन इतना पता था कि वह गाली निकाल रहे थे। आखिर जब सेशन खत्म होने पर चेंजिंग रूम गया तो अपने पंजाबी साथियों जैसे कपिल देव आदि से पूछा कि यह बे, बे, का मतलब क्या है। पहले तो वह मेरी बात समझ ही नहीं पाए। जब मैंने जोर देकर भैं-भैं बोला तो वह हंसने लगे। उन्होंने बताया कि बहन को पंजाबी में ‘भैण’ कहते हैं। मैं आवाक था और सब हंस रहे थे।

रोहन के बारे में...

गावस्कर बोले- मेरे करियर को संवारने में मेरे बेटे रोहन का भी योगदान रहा। वह जब छोटा था तो मेरे खेल पर बराबर नजर रखता था। मैं जब गलत शॉट खेलता था तो वह बोलता था- आप हंडर्ड नहीं चाहते। मुझे लगता था कि वह मेरे ओपोजिशन में है। लेकिन जब शाम को उससे मिलता था। तो आप खुश हो जाते थे। वह बाद में क्रिकेट की बात नहीं करता था। रोहन ने क्रिकेट भी खेला। तब मैं आईसीसी कमेटी का चेयरमैन था। हो सकता था तब मेरे पास बेटे को आगे बढ़ाने का मौका होता। लेकिन इसी कमेटी में इयान बिशप भी थे। उन्होंने आम बातचीत के दौरान जब रोहन की बात उठी तो कहा- अगर विंडीज में ऐसा होता इसे बहुत गलत माना जाता। गावस्कर ने कहा- मुझे उनकी बात अच्छी लगी। लेकिन आज की स्टोरी अलग है। आज ऐसी कई चीजें होती हैं जो पहले अच्छी नहीं समझी जाती थी। लेकिन आज हो रही हैं।

बैस्ट टेस्ट पारी पर

गावस्कर ने 203 बार भारत के लिए ओपनिंग की थी लेकिन कभी वह चौथे नंबर पर नहीं आए थे। 1983 में विंडीज के खिलाफ खेले गए छठे टेस्ट में अचानक उन्हें चौथे नंबर पर भेजने का फैसला लिया गया। विंडीज की ओर मैकुलम मार्शल तेज गेंदबाजी किया करते थे। उन्होंने पहले गायकवाड़ तो बाद में वेंगसरकार का विकेट निकाल लिया। मैं जब बल्लेबाजी करने मैदान पर आया तो विंडीज कप्तान क्लाइव लॉयड बोले- यह कोई मायने नहीं रखता कि कौन बल्लेबाजी के लिए आया है। क्योंकि स्कोर अभी भी जीरो है। उक्त मैच में गावस्कर ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए नाबाद 236 रन बनाए थे।
 

Jasmeet