पेरिस ओलिम्पिक 2024 में पहली बार इस्तेमाल होगी ब्लॉकचैन टिकटिंग, जानें खासियत

punjabkesari.in Sunday, Jun 19, 2022 - 06:30 PM (IST)

खेल डैस्क : टोक्यो की तरह पेरिस ओलिम्पिक मेंभी टेक्नोलॉजी का खूब इस्तेमाल होने जा रहा है। पेरिस सरकार ने घोषणा की है कि वह दर्शकों की पहचान स्पष्ट रखने के लिए ब्लॉकचैन टिकटिंग का सहारा लेगी। इससे नकली टिकट और एजैंटों के चक्कर में आने से लोग बचेंगे। टिकटों की ब्लैक रुकने से दर्शक टूर्नामैंट्स का पूरा मजा उठा पाएंगे। टिकट पर एक स्कैनर होगा जिसे स्कैन करते हुए टिकटधारक की फोटो समेत पूरी डिटेल आ जाएगी। अगर टिकट बदला गया है तो धारक को आयोजन स्थल में एंट्री नहीं मिलेगी। उसे एंट्री के लिए अपनी टिकट ही लानी होगी। प्रबंधन का दावा है कि इस टेक्नोलॉजी से दर्शकों को सीधा फायदा होगा। 

 

1. नकली टिकट रुकेंगे : फर्ज कीजिए आपके शहर में आपके फेवरेट स्टार का शो है। आप परिवार समेत जा रहे हैं। बच्चे खुश हैं और बीवी भी। कार पार्क कर जब एंट्री पर पहुंचते हैं तो पता चलता है कि एजैंट द्वारा आपको बेची गई टिकट नकली है। बड़े इवैंट्स पर ऐसा कई लोगों के साथ हुआ है। टिकट की हुबहू कापी बनाकर कई ठग लोगों को धोखा दे रहे हैं। इन्हीं को मोबाइल ब्लॉकचेन टिकटिंग भविष्य में रोकने में मदद कर सकती है। इससे टिकट जिस के नाम होगी उसी को एंट्री मिलेगी। इन टिकट को फीफा विश्व कप शुरू होने से कुछ दिन पहले ही बांटा जाएगा। 

2. बल्क टिकट पर अंकुश : मान लीजिए! आपका फेवरेट स्टार आपके शहर आ रहा है। आयोजक किसी दिन सुबह 10 बजे ऑनलाइन टिकट के लिए विंडो खोलता है। आप सुबह 9:55 बजे से टिकट खरीदने के लिए कंप्यूटर के सामने बैठे हैं। सुबह 10:01 बजे टिकट खरीदने के लिए फाइनल क्लिक करते हैं तो आपको वह सीट मिलती हैं जो आपको पसंद नहीं है। आगे की सभी सीटें बुक हैं। यह साइबर एजैंट का काम होता है जोकि बल्क में टिकट खरीदते हैं और बाद में महंगे दाम में बेचते हैं। नई टेक्नोलॉजी के आधार पर प्रत्येक टिकट व्यक्ति की पहचान के साथ रजिस्टर होगी। जिसके नाम रजिस्टर है उसे ही एंट्री मिलेगी। 

3. सुरक्षा : बड़े इवैंट में सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा रहती है। आज भी स्थानों को सुरक्षित करने की आवश्यकता उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी पहले थी। इस टिकट के माध्यम से वैक्सीन की स्थिति के अलावा टिकट धारक के मौजूदा हैल्थ कंडीशन की भी रिपोर्ट होगी। मनपसंद सीट लेने के चक्कर में टिकट का आदान-प्रदान करना भी इस टैक्नोलॉजी से आसानी से पकड़ा जाएगा। 

44 एथलीट्स लेंगे शरणार्थी ओलिम्पिक टीम में हिस्सा : आई.ओ.सी.
खेल डैस्क : विश्व शरणार्थी दिवस से पहले अंतर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति  (आई.ओ.सी.) ने 44 एथलीटों की प्रारंभिक सूची जारी की है, जिन्हें शरणार्थी एथलीटों के लिए ओलिम्पिक छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया है। यह एथलीट आई.ओ.सी. शरणार्थी ओलिम्पिक टीम में हिस्सा लेंगे। आई.ओ.सी. के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा कि हम ओलिम्पिक समुदाय में आपका स्वागत करते हैं। मुझे पता है कि ओलिम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करना कितना कठिन होता है। हम आपकी प्रशंसा करते हैं कि आपने सभी कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना किया।

44 एथलीट 12 देशों से इस टीम का हिस्सा होंगे
05 महाद्वीपों से 16 राष्ट्रीय ओलिम्पिक समितियां (एन.ओ.सी.) इसका चुनाव करती हैं
12 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे ये सभी एथलीट्स
23 एथलीट्स ऐसे हैं जो रियो 2016 और टोक्यो ओलिम्पिक 2020 में हिस्सा ले चुके हैं
03 व्यक्तिगत एथलीट छात्रवृत्ति कार्यक्रम में नए हैं
-बैडमिंटन खिलाड़ी अराम महमूद, भारोत्तोलक सिरिल टैचेट और मैराथन धावक टेस्फे फेलफेल - संक्रमण छात्रवृत्ति का लाभ लेंगे जोकि अपने मेजबान देशों के नागरिक बन गए हैं या बनने की प्रक्रिया में हैं।

इन देशों से आए हैं एथलीट्स
अफगानिस्तान, कैमरून, कांगो, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इरिट्रिया, इथियोपिया, इराक, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया और वेनेजुएला से आकर शरणार्थी एथलीट छात्रवृत्ति-धारक एथलैटिक्स, बैडमिंटन, बॉक्सिंग में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इसके अलावा कैनोइंग, साइकिलिंग, जूडो, कराटे, शूटिंग, तैराकी, ताइक्वांडो, भारोत्तोलन और कुश्ती में भी यह एथलीट हिस्सा लेंगे। 

Content Writer

Jasmeet