मुक्केबाज अखिल का बड़ा बयान- बोले गोरे कोचों से मोह त्यागे खेल मंत्रालय

punjabkesari.in Tuesday, Mar 27, 2018 - 06:13 PM (IST)

नई दिल्ली : राष्ट्रमंडल खेल शुरू होने में अभी कुछ ही दिन बाकी है ऐसे में मुक्केबाजी के दो धुरंधरों ने बड़ा बयान दिया है। 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अखिल कुमार और 2002 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण विजेता मुराद अली खान ने कहा है कि अगर भारत को आगामी टूर्नामैंट में सफलता चाहिए तो उसे गोरे कोचों को मोह त्यागना पड़ेगा। 
दोनों बॉक्सरों ने एक कार्यक्रम दौरान संयुक्त हामी भरते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि भारतीय कोचों को विदेशी कोचों के बराबर पारिश्रमिक दिया जाए और उन्हें तरजीह दी जाए। यह बड़ी अजीब बात है कि भारतीय कोचों को विदेशी कोचों के मुकाबले कम पैसा दिया जाता है जबकि भारतीय कोच लगातार अच्छे परिणाम दे रहे हैं।

हमारे खेल मंत्री खुद खिलाड़ी रहे हैं वह परिस्थितियों से हैं जानकार 
भारतीय निशानेबाजी पर्यवेक्षक रह चुके मुराद ने कहा- हमें विदेशी कोचों के पीछे भागना छोडऩा होगा। जब भारतीय कोच अच्छा कर रहे हैं तो उन्हें विदेशी कोचों जितना पैसा क्यों नहीं दिया जा रहा। मौजूदा खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर खुद एक खिलाड़ी रहे हैं और वह इन परिस्थितियों को अच्छी तरह जानते हैं। मुझे लगता है कि उनके कार्यकाल में भारतीय कोचों को विदेशी कोचों के बराबर महत्व मिलने लगेगा। 

विदेशी कोचों को जूनियर स्तर पर रखा जाए
अखिल ने दूसरी ओर अधिक कड़े शब्दों में कहा- विदेशी कोचों को बने बनाए खिलाड़ी मिलते हैं जिन्हें बताने के लिए उनके पास ज्यादा कुछ नहीं होता। विदेशी कोचों को जूनियर और सब जूनियर स्तर पर रखा जाए तो अधिक बेहतर होगा। हमारे यहां ऐसे कोच रखे जाते हैं जिन्होंने अपने दिनों में कुछ नहीं किया। मुझे भी मौका मिले तो मैं भी अच्छा काम कर सकता हूं चाहे मेरेे पास कोङ्क्षचग का सर्टिफिकेट न हो।

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