बुमराह ने बताया क्यों इंग्लैंड के निचले बल्लेबाजों के खिलाफ बनाई योजना हुई फेल

punjabkesari.in Sunday, Sep 09, 2018 - 12:44 PM (IST)

लंदनः भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का मानना है कि एक अतिरिक्त गेंदबाज बाकी गेंदबाजों को आराम और उबरने का बेहतर मौका देता लेकिन उन्होंने साथ ही स्वीकार किया कि अंतिम टेस्ट में दूसरे दिन गेंदबाज इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों के खिलाफ योजना को लागू करने में नाकाम रहे। भारत ने आलराउंडर हार्दिक पंड्या को बाहर करके हनुमा विहारी को पदार्पण का मौका दिया जिन्होंने पहले दिन सिर्फ एक ओवर गेंदबाज की। यह पूछने पर कि क्या भारत को पांचवें गेंदबाज की कमी खली, बुमराह ने कहा, ‘‘मुझे टीम चयन के बारे में जानकारी नहीं है। यह सवाल प्रबंधन के लिए है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘जब आपके पास अतिरिक्त गेंदबाज होता है तो यह गेंदबाजी में आपको प्रयोग का मौका देता है। चार गेंदबाजों के साथ आपको अधिक ओवर फेंकने होते हैं क्योंकि आपको तब गेंदबाजी के लिए जल्दी लौटना होता है।’’ बुमराह ने कहा, ‘‘केवल यही एक अंतर है। मुझे लगता है कि इसके अलावा हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, हमने पूरी जान के साथ गेंदबाजी की, हमने काफी ओवर फेंके। एक अतिरिक्त गेंदबाज कई बार आपको पर्याप्त आराम का मौका देता है।’’ इंग्लैंड की टीम ने पहले दिन सात विकेट पर 198 रन बनाए थे लेकिन जोस बटलर की 89 रन की पारी की बदौलत टीम 332 रन बनाने में सफल रही। 

भारत ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक छह विकेट पर 174 रन बनाए हैं। बुमराह ने कहा, ‘‘190 के आसपास सात विकेट चटकाकर हम अच्छी स्थिति में थे लेकिन उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की और हम फायदा नहीं उठा सके। यह दोनों चीजों का संयोजन है। हमने सही क्षेत्र में गेंदबाजी के लिए कड़ी मेहनत की। लेकिन आज हमने उतनी अच्छी गेंदबाजी नहीं ही और उन्होंने अच्छा जज्बा दिखाया।’’ पूरी श्रृंखला के दौरान इंग्लैंड के निचले कम के बल्लेबाज भारत के लिए समस्या बने रहे। शनिवार को बटलर ने आदिल राशिद के साथ 33 और फिर स्टुअर्ट ब्राड के साथ 98 रन की साझेदारी की। 

निचले क्रम के बल्लेबाजों के खिलाफ विशिष्ट योजना के बारे में पूछने पर बुमराह ने कहा, ‘‘निचले क्रम के बल्लेबाजों के लिए कोई विशिष्ट योजना नहीं है। आप प्रत्येक बल्लेबाज के लिए योजना बनाते हैं, अगर वह निचले क्रम का बल्लेबाज है तो भी, हम इसका सम्मान करते हैं। हमने आज योजना को लागू करने का प्रयास किया लेकिन काम नहीं बना।’’

Mohit