चेन्नई सुपर किंग्स अभी भी IPL 2025 प्लेऑफ के लिए कर सकती है क्वालीफाई, जानें समीकरण
punjabkesari.in Sunday, Apr 13, 2025 - 05:32 PM (IST)

खेल डैस्क : ऐसा पहली बार हुआ है जब चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) किसी सीजन में लगातार 5 मुकाबले गंवा बैठी हो। महेंद्र सिंह धोनी भले ही कप्तान बन चुके हैं लेकिन टीम जीत की राह पर नहीं लौटी है। चेन्नई फिलहाल 6 मैचों में 2 अंक के साथ अंक तालिका में आखिरी पायदानों पर बनी हुई है। उन्हें 1 जीत तो 5 हार मिली हैं। उनका नेट रन रेट -1.554 ल रहा है। प्रत्येक टीम लीग स्टेज में 14 मैच खेलती है, यानी चेन्नई के पास 8 मैच बाकी हैं। लेकिन क्या चेन्नई अब भी प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई कर सकती है। आइए समीकरण देखते हैं।
आमतौर पर 16 अंक (8 जीत) प्लेऑफ की गारंटी देते हैं, जबकि 14 अंक (7 जीत) भी कभी-कभी नेट रन रेट और अन्य टीमों के परिणामों के आधार पर काफी हो सकते हैं। अभी 2 अंक होने के कारण चेन्नई को 12-14 अंक और चाहिए। 16 अंक तक पहुंचने के लिए चेन्नई को बचे हुए 8 में से 7 मैच जीतने होंगे, जिससे कुल 8 जीत हों। 14 अंक के लिए उन्हें 6 जीत चाहिए, लेकिन अगर अन्य टीमें बेहतर प्रदर्शन करें या नेट रन रेट खराब रहा तो यह जोखिम भरा हो सकता है। चेन्नई का नेट रन रेट अभी टूर्नामेंट में सबसे खराब है। इसे सुधारने के लिए बड़े अंतर से जीत जरूरी है, क्योंकि टाई होने पर यह निर्णायक हो सकता है।
चेन्नई ने लगातार 5 मैच गंवाए हैं, जिसमें कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 103/9 का निचला स्कोर शामिल है। मिडिल ऑर्डर की बल्लेबाजी को बेहतर करना होगा और स्पिनरों को चेपॉक की सपाट पिचों पर अनुकूलन करना होगा। कप्तान रुतुराज गायकवाड़ की अनुपस्थिति (कोहनी में फ्रैक्चर) ने नुकसान पहुंचाया है, लेकिन धोनी का नेतृत्व टीम को एकजुट कर सकता है। चेन्नई का सामना लखनऊ सुपर जायंट्स (अवे, 14 अप्रैल), मुंबई इंडियंस (अवे), सनराइजर्स हैदराबाद (होम), पंजाब किंग्स (होम), रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (अवे), कोलकाता नाइट राइडर्स (अवे) से होना है। चेपॉक में घरेलू मैच जीतना और कुछ अवे मैच हासिल करना चेन्नई के लिए महत्वपूर्ण है।
चेन्नई को चाहिए कि मिड-टेबल टीमें जैसे कोलकाता, राजस्थान रॉयल्स या पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच जीते जिससे टॉप-4 की दौड़ में प्रतिस्पर्धा कम हो। पिछले सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 8 मैचों में एक में जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने लगातार छह जीत हासिल कर क्वालिफाई किया था। चेन्नई ने साल 2010 में भी 2-5 के खराब शुरुआत के बाद वापसी कर खिताब जीता था। ऐसे में चेन्नई के लिए यह कारामात करना मुश्किल काम नहीं है। चेन्नई के पास गलती की गुंजाइश बहुत कम है। 2 और हार उनकी उम्मीदें खत्म कर सकती हैं। इस बचने के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी में निरंतरता जरूरी है।