चेतेश्वर पुजारा की मां ने पर्ची पर लिखी थी एक खास बात, पिता ने किया खुलासा

punjabkesari.in Wednesday, Sep 09, 2020 - 12:13 PM (IST)

नई दिल्ली : भारतीय टेस्ट टीम के मॉडर्न राहुल द्रविड़ माने जाते चेतेश्वर पुजारा का क्रिकेटर बनना बहुत पहले ही तय हो गया था। पुजारा अपनी मां के काफी करीब थे। उनकी मां आध्यात्मिक महिला थी जिन्हें पुजारा के क्रिकेटर बनने का पूरा यकीन था। कहते हैं- बचपन में जब पुजारा के पिता उन्हें ज्यादा खेलने से मना करते थे तो उनकी मां ही उन्हें यह बोलकर रोका करती है कि यह एक दिन नेशनल के लिए खेलेगा। 

पत्नी द्वारा चेतेश्वर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने की एक याद को शेयर करते हुए अरविंदभाई पुजारा ने बताया कि उनकी पत्नी काफी आध्यात्मिक थी। चेतेश्वर पुजारा जैसे जैसे बढ़ा हो रहा था। उसकी ट्रेनिंग में काफी पैसा खर्च होता था। ऊपर से लंबे-लंबे टुर। ऐसे में वह अपनी पत्नी से इसपर बात कर रहे थे। पत्नी बोले- देखिए एक कागज लाइए। मैं इसपर दो बातें लिखूंगी। एक- यह राष्ट्रीय टीम में खेलेगा। दूसरा- आपको इसपर एक भी रूपया लगाना नहीं पड़ेगा। उसकी बात सच हुई। उसको खुद पर और भगवान पर बहुत विश्वास था।

पिता को नहीं पसंद था क्रिकेट

पुजारा ने कहा जब मैं चार साल का होता था तो पहली बार पापा ने प्लास्टिक का बैट लाकर दिया था। मैं गली में टेनिस की गेंद के साथ खेलता था। लेकिन जब आठ साल का हुआ तो पापा ने खेलना बंद करवा दिया। इसके बाद पापा जब काम पर चले जाते थे तो छुप छुपाकर मैं खेलने आ जाता था। मैं ज्यादातर विकेटकीपिंग ही करता था। ताकि पापा अचानक आ जाए तो उन्हें बोल सकूं। मैं क्रिकेट नहीं खेल रहा। गलव्स मैंने ऐसे ही पहने हैं। कई बार पापा गुस्से होते थे तो रेलवे क्वार्टर के अपने घर के बाथरूम में छिप जाता था। तब मम्मी मुझे बचाते थे।

गली और प्रोफेशनल क्रिकेट में है फर्क 

चेतेश्वर को गली क्रिकेट से क्यों मना करते थे, पर पिता अरविंदभाई पुजारा  ने कहा- गली क्रिकेट और प्रोफेशनल क्रिकेट में बहुत फर्क है। गली में आपको एक ही जगह ज्यादातर शॉट खेलने पड़ते हैं। इसकी किसी को भी आदत हो जाती है। लेकिन प्रोफेशनल करियर में आपको हर तरफ शॉट खेलने होते हैं। इसीलिए मैं चेतेश्वर को मना करता था। मैं चाहता था कि वह योग्य कोचों से प्रशिक्षण लें। गली क्रिकेट खेलकर अपना खेल न खराब करे।

Jasmeet