स्थिति रिपोर्ट: COA ने की BCCI पदाधिकारियों को हटाने की मांग की

punjabkesari.in Thursday, Mar 08, 2018 - 08:38 PM (IST)

नई दिल्लीः बीसीसीआई के वर्तमान पदाधिकारियों के साथ टकराव के बीच प्रशासकों की समिति (सीओए) ने आज उनकी बर्खास्तगी की मांग की। सीओए का कहना है कि बीसीसीआई संविधान के अनुसार इन पदाधिकारियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। सीओए ने उच्चतम न्यायालय से इसके साथ लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुरूप नए संविधान को औपचारिक तौर पर अपनाये बिना एजीएम के लिये भी निर्देश देने की अपील की। विनोद राय और डायना एडुल्जी के दो सदस्यीय सीओए पैनल ने आज उच्चतम न्यायालय में अपनी आठवीं स्थिति रिपोर्ट सौंपी जिसमें उन्होंने कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधर को हटाकर नये पदाधिकारियों का चुनाव करवाने की सिफारिश की।           

सीओए ने इसके साथ ही आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला को भी बर्खास्त करने के लिए कहा क्योंकि उनका भी कार्यकाल समाप्त हो गया है। बीसीसीआई पदाधिकारियों और सीओए के बीच रिश्ते काफी निचले स्तर पर पहुंच गये हैं। उच्चतम न्यायालय से नियुक्त समिति जहां लोढ़ा सुधारों को लागू करने में लगातार देरी करने के लिये पदाधिकारियों पर दोष मढ़ रही है वहीं पदाधिकारियों का मानना है कि राय एंड कंपनी को शीर्ष अदालत ने जो अधिकार सौंपे हैं वे उस दायरे से बाहर निकल रहे हैं। सीओए ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई संविधान के नियम 15 (आई) का हवाला देते हुए कहा, ‘‘पदाधिकारियों और उपाध्यक्षों का चुनाव बोर्ड की हर साल होने वाली एजीएम में किया जाएगा। इस तरह से चुने गये पदाधिकारी और उपाध्यक्ष तीन साल तक अपने पद पर रहेंगे। ’’          

संविधान के अनुसार खत्म हो चुका है कार्यकाल
सीओए ने चेन्नई में मार्च 2015 में बीसीसीआई की 85वीं एजीएम में चुने गये पदाधिकारियों की पूरी सूची भी इसमें जोड़ी है जिसमें जगमोहन डालमिया को अध्यक्ष चुना गया था। इस तरह से वर्तमान संविधान के अनुसार एजीएम में चुने गए सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल एक मार्च 2018 को समाप्त होगा। इसके बाद अगले ढाई वर्ष में डालमिया का निधन हो गया जबकि शशांक मनोहर ने इस्तीफा दे दिया और अनुराग ठाकुर को शीर्ष अदालत ने बर्खास्त कर दिया था। खन्ना को वरिष्ठ उपाध्यक्ष होने के कारण कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया जबकि अमिताभ चौधरी संयुक्त सचिव थे इसलिए उन्होंने सचिव पद संभाला। शीर्ष अदालत के दो जनवरी 2017 के फैसले के अनुसार अनिरूद्ध पहले की तरह कोषाध्यक्ष बने रहे।