राष्ट्रमंडल खेल : भारोत्तोलक विकास ठाकुर को पुरुष 96 किग्रा वर्ग में जीता सिल्वर

punjabkesari.in Wednesday, Aug 03, 2022 - 11:14 AM (IST)

बर्मिंघम : भारत के हैवीवेट भारोत्तोलक विकास ठाकुर ने मंगलवार को यहां 96 किग्रा वर्ग में रजत पदक के साथ राष्ट्रमंडल खेलों का एक और पदक अपने नाम किया। अनुभवी ठाकुर ने कुल 346 किग्रा (155 किग्रा और 191 किग्रा) वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया और इस दौरान अपने लगातार तीसरे राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता। ठाकुर का राष्ट्रमंडल खेलों में यह दूसरा रजत पदक है। वह 2014 ग्लास्गो खेलों में भी दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि गोल्ड कोस्ट में 2018 में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। 

समोआ के डॉन ओपेलोगे ने कुल 381 किग्रा (171 किग्रा और 210 किग्रा) वजन उठाकर रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता और अपने 2018 के प्रदर्शन के सुधार किया जहां उन्होंने रजत पदक जीता था। ठाकुर ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेलों का अपना तीसरा पदक जीतकर मैं बेहद खुश हूं। आज मेरी मां (आशा देवी ठाकुर) का जन्मदिन भी है। मैं इस पदक को उन्हें समर्पित करना चाहता हूं।' 

समोआ के ‘डॉन' और ठाकुर के बीच 35 किग्रा का बड़ा अंतर रहा लेकिन भारत के 28 वर्षीय भारोत्तोलक ने कहा कि वह सुधार करेंगे और निकट भविष्य में उनके स्तर की बराबरी करेंगे। उन्होंने कहा, ‘पिछली बार 2018 में मुझे अपने वजन वर्ग में बदलाव करना पड़ा था और 85 किग्रा वर्ग में राहुल (वेंकट रेगाला) ने उसे (ओपेलोगे) को पछाड़ा था। मुझे चोट लगी थी और 94 किग्रा वर्ग में उतरना पड़ा और मैंने कांस्य (गोल्ड कोस्ट में) पदक जीता था।' 

ठाकुर ने कहा, ‘यह हमारे लिए अच्छा है कि राष्ट्रमंडल खेलों के स्तर में सुधार हो रहा है। इस खेल में हम दबदबा बना रहे हैं। लेकिन विश्व मानक को हासिल करने के लिए हमें अब भी कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।' फिजी के टेनिएला टुइसुवा रेनीबोगी ने कुल 343 किग्रा (155 किग्रा और 188 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया। राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के पांच बार के पदक विजेता ठाकुर स्नैच में तीन प्रयास में 149 किग्रा, 153 किग्रा और 155 किग्रा वजन उठा और वह इस वर्ग के खत्म होने के बाद संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर चल रहे थे। 

क्लीन एवं जर्क में ठाकुर ने 187 किग्रा वजन उठाकर शुरुआत की। दूसरे प्रयास में उन्हें 191 किग्रा वजन उठाने के लिए थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन पंजाब का भारोत्तोलक इस प्रयास में सफल रहा और इसका जश्न उन्होंने अपनी जांघ पर हाथ मारकर मनाया जिसे भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने लोकप्रिय किया है। 

रजत पदक सुनिश्चित होने के बाद ठाकुर ने अपने अंतिम प्रयास में 198 किग्रा वजन उठाने का प्रयास किया जो उनके निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से एक किग्रा अधिक था। वह हालांकि यह वजन उठाने में विफल रहे। लेकिन यह स्पर्धा ओपेलोगे के नाम रही जिन्होंने स्नैच, क्लीन एवं जर्क तथा कुल भार तीनों वर्ग में राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया। स्थानीय दावेदार सिरिल टीचैटचेट ने निराश किया क्योंकि वह क्लीन एवं जर्क में एक भी वैध प्रयास नहीं कर पाए। साइप्रस के एंटोनिस मार्तासिदिस के साथ भी ऐसा ही हुआ। टीचैटचेट और मार्तासिदिस दोनों पदक के दावेदार थे। 

Content Writer

Sanjeev