कोविड-19 के कारण राष्ट्रमंडल निशानेबाजी और तीरंदाजी प्रतियोगिता रद्द

punjabkesari.in Friday, Jul 02, 2021 - 05:12 PM (IST)

नई दिल्ली : बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) 2022 से पहले चंडीगढ़ में प्रस्तावित राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और निशानेबाजी चैंपियनशिप को कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न ‘अनिश्चितता’ के कारण रद्द कर दिया गया है। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के सहयोग से भारतीय राष्ट्रमंडल खेल (सीजीआई) के कार्यकारी बोर्ड ने यह फैसला लिया। 

सीजीएफ अध्यक्ष लुइस मार्टिन ने कहा, ‘हम निराश हैं कि 2022 राष्ट्रमंडल तीरंदाजी और निशानेबाजी चैंपियनशिप अब नहीं होगी। मौजूदा परिस्थितियों में हालांकि यह सही निर्णय है।’ उन्होंने कहा, ‘इस खबर के बावजूद, हमें कई चीजें सीखने को मिली, जिससे हमारे मौजूदा कार्यों को फायदा होगा। चंडीगढ़ 2022 की अवधारणा ने भविष्य की सह-मेजबानी की संभावनाओं को लेकर रोमांचक अवसरों की पहचान की है, जिस पर हमें और काम करना चाहिए।’ 

राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी में भारत का शानदार प्रदर्शन रहा है। जब बर्मिंघम 2022 सीडब्ल्यूजी के कार्यक्रम से निशानेबाजी को बाहर रखा गया था, तो भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए इन खेलों का बहिष्कार करने की धमकी दी थी। इसके बाद हालांकि सीजीएफ अध्यक्ष मार्टिन और तत्कालीन सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) डेविड ग्रेवमबर्ग की यात्रा के बाद आईओए ने दिसंबर 2019 में वार्षिक आम सभा की बैठक के दौरान अपनी धमकी वापस ले ली थी। 

इसके समाधान के तहत अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से छह महीने पहले जनवरी में चंडीगढ़ में इन दोनों खेलों के लिए चैंपियनशिप का आयोजन करना शामिल था। चैंपियनशिप के पदकों को बाद में राष्ट्रमंडल खेलों की पदक तालिका में जोड़ा जाना था। भारतीय ओलंपिक संघ ने हालांकि पिछले महीने तक चैंपियनशिप की मेजबानी की पुष्टि नहीं की थी। महामारी के बीच व्यक्तिगत मौजूदगी के साथ बैठक की कमी का हवाला देते हुए आईओए ने यह स्वीकार किया था कि स्वास्थ्य संकट के कारण इन आयोजनों का संचालन करना ‘वास्तव में कठिन’ हो गया है। 

निशानेबाजी चैंपियनशिप के खर्च को बड़े पैमाने पर भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) द्वारा वहन किया जाना था जबकि तीरंदाजी आयोजन को पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाना था। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का भारत पर काफी प्रभाव पड़ा और इससे मरने वालों का आंकड़ा चार लाख को पार कर गया है। अब भी हर दिन इसके संक्रमण के 40,000 से अधिक मामले आ रहे हैं। 


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Content Writer

Sanjeev

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