ऋषभ पंत की असफलता पर बोले चयनकर्ता प्रसाद- धोनी बनने के चक्कर में बिगड़ रहा काम

punjabkesari.in Wednesday, Nov 27, 2019 - 09:41 PM (IST)

नई दिल्ली : भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) को भी ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की असफलता अखर रही है। उनका मानना है कि ऋषभ पंत खुद को एमएस धोनी (MS Dhoni) का उत्तराधिकारी मानकर अपने ऊपर गैरजरूरी दबाव बढ़ा रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि खराब फार्म से जूझ रहे इस खिलाड़ी को वापसी के लिए अपनी ‘अविश्वसनीय प्रतिभा’ का सहारा लेना चाहिए। अभी कुछ समय पहले तक पंत तीनों प्रारूपों में विकेटकीपिंग के लिए पहली पसंद थे लेकिन पिछले काफी समय से वह फार्म हासिल करने में विफल रहे हैं।

ऋषभ पंत का ख़राब प्रदर्शन 

अनुभवी ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) की चोट से वापसी के बाद वह टेस्ट टीम की अंतिम एकादश में जगह नहीं बना सके। सीमित ओवरों के प्रारूप में भी उनका बल्ला नहीं चल रहा और उन्होंने विकेट के पीछे भी लचर प्रदर्शन किया। टीम के दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने उनके आलोचकों से आग्रह किया कि वे उन्हें अकेला छोड़ दें और उन्हें खुल कर खेलने दें, जबकि महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) का कहना है कि जब भी वह भारत के लिए खेलेंगे तो दबाव होना तय है।

प्रसाद ने माना- पंत गुजर रहे बुरे दौर से


एमएसके प्रसाद ने कहा कि मैं रोहित और सुनील सर की बातों से सहमत हूं। ऋषभ बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उसे लय में लौटने के लिए कुछ अच्छी पारियों की जरूरत है। टीम प्रबंधन से मेरी चर्चा हुई है और उन्होंने कहा कि वे पंत से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन लेने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक दबाव की बात है तो पंत को निश्चित रूप से यह पता होना चाहिए कि खेल के इस स्तर पर दबाव रहता है और जो इस दबाव को झेल लेता है वही वास्तविक चैम्पियन बनता है। उसके सामने विराट और रोहित जैसे खिलाडिय़ों का उदाहरण है।

ऋषभ पंत को अहसास हो उसकी अपनी पहचान है


प्रसाद 2016 में भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता बने थे। उन्होंने कहा कि पंत को कभी भी धोनी का उत्तराधिकारी बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंत को यह भी अहसास होना चाहिए कि उसकी अपनी पहचान है और उसे कभी भी एमएसडी (धोनी) से अपनी तुलना नहीं करनी चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि उसके दिमाग कुछ ऐसा ही चल रहा है। एमएसडी ने लगभग डेढ दशक तक खेलकर अपनी यह छवि बनायी। उनका आत्मविश्वास घरेलू और अंतरारष्ट्रीय दोनों स्तरों पर उनके शानदार प्रदर्शन से उपजा है।

ऋषभ पंत पर तुलना दबाव बनाती है


भारत के लिए छह टेस्ट और 17 एकदिवसीय खेलने वाले इस 44 वर्षीय पूर्व विकेटकीपर ने कहा कि जब कोई किसी महान व्यक्ति से अपनी तुलना करने लगता है तो वह खुद पर गैरजरूरी दबाव डालता है। निजी तौर पर मुझे लगता है कि पंत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं। उसे अपनी क्षमता पर विश्वास होना चाहिए।

Jasmeet