कोरोना ने ओलंपिक पर भी लगाया 'ब्रेक', एक साल के लिए टला खेलों का महाकुंभ

punjabkesari.in Tuesday, Mar 24, 2020 - 07:52 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्कः अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने मंगलवार को घोषणा की कि विश्व भर में फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण तोक्यो ओलंपिक खेल 2020 को अगले साल गर्मियों तक के लिये स्थगित कर दिया गया है। पूर्व कार्यक्रम के अनुसार इन खेलों का आयोजन 24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होना था लेकिन आईओसी अध्यक्ष थामस बाक और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच टेलीफोन पर बातचीत के बाद ओलंपिक को पहली बार शांतिकाल में भी स्थगित करने का ऐतिहासिक फैसला किया गया।

आबे ने इससे पहले कहा था कि जापान ने आईओसी से खेलों को एक साल के लिये स्थगित करने के लिये कहा जिस पर बाक ने शत प्रतिशत सहमति जतायी। एक संयुक्त बयान में इन दोनों ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नवीनतम जानकारी के आधार पर तोक्यो खेलों का कार्यक्रम 2020 से आगे की तारीख में तय करना होगा लेकिन यह 2021 की गर्मियों से आगे नहीं होगा।
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ऐसे खिलाड़ियों, ओलंपिक खेलों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘ इन दोनों ने सहमति व्यक्त की कि तोक्यो में ओलंपिक खेल इस मुश्किल घड़ी में दुनिया के लिये आशा की किरण बन सकते हैं और दुनिया अभी खुद को जिस अंधेरे में पा रही है उसमें ओलंपिक मशाल प्रकाशपुंज का काम कर सकती है।''

इसके अनुसार, ‘‘इसलिए इस पर सहमति बनी है कि ओलंपिक मशाल जापान में ही रहेगी। यह भी सहमति बनी है कि खेलों को पहले की तरह ओलंपिक और परालंपिक खेल तोक्यो 2020 के नाम से ही जाना जाएगा। यह तोक्यो शहर के लिये बड़ा झटका है जिसकी ओलंपिक खेलों की तैयारियों के लिये अब तक काफी सराहना हुई है। खेलों के लिये स्टेडियम काफी पहले तैयार हो गये थे और बड़ी संख्या में टिकट भी बिक गये थे।
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ओलंपिक को अब बहिष्कार, आतंकी हमले और विरोधों का सामना करना पड़ा है लेकिन 1948 के बाद इन्हें हर चार साल में आयोजित किया जाता रहा है। यह दुनिया भर में हजारों लोगों की जान लेने वाले कोरोना वायरस से प्रभावित सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता होगी। इस महामारी के कारण दुनिया भर की खेल प्रतियोगिता ठप्प पड़ी हुई हैं। आईओसी पर 24 जुलाई से शुरू होने वाले खेलों को स्थगित करने का दबाव लगातार बढ़ रहा था क्योंकि कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया में एक अरब 70 करोड़ लोग घरों में बंद हैं।

अधिकतर खिलाड़ियों के लिये ओलंपिक की तैयारियां करना मुश्किल हो गया था क्योंकि इससे उनके बीमारी से सक्रमित होने का खतरा था। विभिन्न प्रतियोगिताएं और क्वालीफायर्स रद्द कर दी गयी थी और अंतरराष्ट्रीय यात्रा सीमित कर दी गयी हैं। रविवार को आईओसी ने पहले खेलों को स्थगित करने के प्रस्ताव पर फैसला करने के लिये खुद के लिये चार सप्ताह की समयसीमा तय की थी। लेकिन कनाडा और आस्ट्रेलिया के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड ने भी इन्हें स्थगित करने की मांग की जिसके बाद आईओसी पर दबाव बढ़ गया था।
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तोक्यो ने खेलों की मेजबानी पर 12 अरब 60 करोड़ डालर खर्च किया है और इसके ताजा बजट को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि खेलों को स्थगित करने से छह अरब डालर का अतिरिक्त खर्चा होगा। यह प्रायोजकों और प्रमुख प्रसारकों के लिये भी करारा झटका है जो कि विज्ञापन से होने वाले राजस्व के लिये हर चार साल में होने वाले खेल महाकुंभ का इंतजार करते हैं। यह पहला अवसर नहीं है जबकि तोक्यो ने खेलो के कार्यक्रम में बदलाव देख रहा है।

इससे पहले उसे 1940 में भी मेजबानी मिली थी लेकिन चीन के साथ जापान के युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय दबाव में उसे इससे हटना पड़ा था। यूरोपीय फुटबाल चैंपियनशिप और कई अन्य प्रमुख खेल प्रतियोगिताओं को स्थगित करने के बाद आईओसी को फैसला करने में देरी के लिये कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन तोक्यो के आयोजकों ने खेलों को बदले कार्यक्रम में आयोजित करने की जटिलताओं की तरफ भी इशारा किया है।
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यह भी स्पष्ट नहीं है कि स्टेडियम उपलब्ध होंगे या नहीं। इसके अलावा होटल के हजारों कमरों की बुकिंग को रद्द करना होगा। आईओसी के पूर्व विपणन प्रमुख माइकल पायने ने एएफपी से कहा, "दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन के लिए सात साल की तैयारी के बाद अचानक बदलाव करना आसान नहीं है।"


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Yaspal

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