Cricket Rule : 1877 से अब तक यह है वो 13 तरीके जिससे OUT हो सकता है बल्लेबाज

punjabkesari.in Wednesday, Nov 08, 2023 - 12:43 AM (IST)

वैब डैस्क : क्रिकेट विश्व कप के दौरान दिल्ली के मैदान पर श्रीलंकाई ऑलराऊंडर एंजैलो मैथ्यूज () इंटरनैशनल क्रिकेट में टाइम आऊट होने वाले पहले प्लेयर बन गए। इसी के साथ इंटरनैशनल क्रिकेट के 146 के इतिहास में 13वां तरीका जुड़ गया जिससे किसी बल्लेबाज को आऊट किया जा सकता है। 2023 में 2 नए तरीके भी जुड़ गए हैं। आइए सबके बारे में जानते हैं- 


1877 में थे सिर्फ 5 तरीके
इंटरनैशनल क्रिकेट की शुरूआत ऑस्ट्रेलिया बनाम इंगलैंड मैच से साल 1877 में हुई थी। इस दौरान बल्लेबाज के आऊट होने के मुख्य 5 ही कारण थे- कैच, बोल्ड, रन आऊट, पगबाधा और स्टंप्ड। 

 

7 साल बाद जुड़ा हिट विकेट
1884 में ही क्रिकेट नियमों में हिट विकेट आऊट भी जुड़ गया। जुलाई में मैनचैस्टर के मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जे. बोनोर जब 6 रन बनाकर खेल रहे थे तो टेड पीट की एक गेंद पर अपना नियंत्रण गंवा बैठे। उनकी विकेट गिर गई जिसके बाद अपील होने पर अंपायरों ने उन्हें हिट विकेट आऊट दे दिया। तीन साल बाद ही रिटायर हर्ट का नियम जुड़ गया। चार्ल्स बैनरमैन 165 रन बनाकर खेल रहे थे तभी जॉर्ज यूलियेट की एक गेंद उनकी ऊंगली पर लग गई। उन्हें बल्लेबाजी में सक्षम न होता देख अंपायरों ने रिटायर हर्ट कर दिया था।
 
 

 

70 साल बाद आया अगला नियम
1877 के 70 साल बाद यानी 1947 में क्रिकेट जगत को मांकड़िंग नियम मिला। सिडनी के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए वीनू मांकड़ ने नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े बिल ब्राऊन के खिलाफ यह अपील की थी। उस समय इसे रन आऊट माना गया लेकिन मामला विवादित हो जाने के बाद इसे वीनू मांकड़ के नाम पर मांगड़िंग के नाम पर ही जाना जाने लगा। 2021 में इस नियम को मांकड़िंग की बजाय रन आऊट ही माना गया। 

 

 

1951 में आया ऑब्स्ट्रक्टिंग फील्ड नियम
टैस्ट मैच में फील्डिंग में बाधा डालने (ऑब्स्ट्रक्टिंग फील्ड) के कारण कोई बल्लेबाज आउट होने का पहला मौका 1951 में दक्षिण अफ्रीकी बनाम इंग्लैंड टैस्ट में देखने को मिला। बल्लेबाज लेन हटन के बल्ले से टकराकर गेंद ऊपर उछल गई। विकेटकीपर इसे पकड़ न ले या स्टंप्स का प्रयास न कर सके इसलिए हटन ने गेंद को दूर कर दिया। फील्डरों ने आपत्ति जताई तो अंपायरों ने बातचीत के बाद हटन को फील्डिंग में बाधा डालने का आरोपी मानकर आऊट दे दिया। इसके छह साल बाद यानी 1957 में  केप टाउन के मैदान पर दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच टैस्ट मैच के दौरान दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाज रसेल एंडियन ने जिम लेकर की एक गेंद को रोक दिया था जिसके कारण उन्हें हैंडलिंग बॉल आऊट माना गया।

 

 

संगाकारा-अट्टापट्टू ने नया नियम बनाया
2001 में कोलंबो के मैदान पर बांग्लादेश को पहली पारी में 90 रन पर आऊट करने के बाद श्रीलंका ने मरविन अट्टापट्टू के दोहरे शतक और माहेलाा जयवर्धने के शतक की बदौलत मजबूत शुरूआत की थी। पारी के 82वें ओवर में अट्टापट्टू दोहरा शतक बनाने के बाद रिटायर होकर पवेलियन लौट गए। इसके 6 ओवर बाद जयवर्धने भी 150 रन बनाकर खुद ही पवेलियन लौट गए। इससे क्रिकेट में रिटायर्ड का नियम जुड़ गया।

 

2023 में ही 2 नए नियम आए
अगस्त में हुए ई.सी.एन. कॉन्टिनेंटल कप के दौरान माल्टा और रोमानिया की टीमें आमने-सामने थीं। मालटा ने 6.5 ओवर में 44-1 रन बना लिए थे। तभी शांतनु वशिष्ठ की एक गेंद को हिट करने से बल्लेबाज फैनयान मुगल चूक गए। गेंद मुगल के बल्ले से टकराकर उनके पैरों के पास गिर गई। रोमानियाई विकेटकीपर सात्विक नदीगोटला गेंद लेने के लिए आए लेकिन इससे पहले ही फैनयान ने दोबारा गेंद को हिट कर दिया। फील्डरों ने फैनयान के इस कार्य का विरोध किया तो अंपायर ने 'गेंद को दोबारा हिट करने' के नियम के तहत फैनयान को आऊट कर दिया। अब इसके बाद श्रीलंकाई बल्लेबाज एंजैलो मैथ्यूज टाइम आऊट होने वाले पहले बल्लेबाज बन गए। 
 

Content Writer

Jasmeet