83 क्रिकेट विश्व कप जीत के 40 साल पूरे, जब पत्रकार ने खुद ही अपना आर्टिकल चबाया, किस्सा

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2023 - 07:13 PM (IST)

खेल डैस्क : 2 बार की चैंपियन विंडीज को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर हराकर 1983 क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली टीम इंडिया को 40 साल पूरे हो गए हैं। कम लोग जानते हैं जब टीम इंडिया विश्व कप खेलने के लिए इंगलैंड पहुंची थी तो मीडिया में उनका जमकर विरोध हुआ था। इंगलैंड के क्रिकेट पत्रकार डेविड एडवर्ड फ्रिथ ने तो टीम इंडिया को स्तरीय मानने से भी इंकार कर दिया गया।

डेविड ने एक आर्टिकल छापा था जिसमें उन्होंने टीम इंडिया के विश्व कप में एंट्री पर सवाल उठाए थे। लेकिन कपिल की टीम जब विश्व कप जीती तो इन्हीं डेविड एडवर्ड फ्रिथ की एक और फोटो छपी जिसमें वह अपने बयान वाला आर्टिकल चबाते हुए नजर आए थे।

 

 

लॉर्ड्स में एंट्री पास नहीं थे
टूर्नामैंट से पहले टीम इंडिया को लॉर्ड्स के मैदान पर एंट्री नहीं मिली थी। टीम इंडिया को जो पास मिले थे वह उन्हें लॉर्ड्स में घुसने की स्वीकृति नहीं देते थे। टीम इंडिया जब फाइनल में पहुंची तो दोबारा से स्पैशल पास बनवाए गए।

 

 

टिकट दोबारा बुक करवाई गई
टीम इंडिया की विश्व कप 1983 से वापसी की टिकट्स 20 जून की बुक थी लेकिन एक बार जिमबाब्वे को हराने के बाद टीम मैनेजर को इसे कैंसिल करना पड़ा। क्योंकि भारत फाइनल में पहुंच सकता था इसलिए टिकट 25 जून के बाद की कराई गईं।

 


 

लता मंगेश्कर ने किया कंसर्ट
टीम इंडिया को सम्मानित करने के लिए पैसों की जरूरत थी ऐसे में गायिका लता मंगेश्कर आगे आई। उन्होंने एक कंसर्ट आयोजित कर पैसे इकट्ठा किए। कुल एक लाख इकट्ठा हुए जिसे विश्व कप में हिस्सा लेने वाले 14 क्रिकेटरों को दे दिया गया।

 


गावस्कर बोले- कपिल देव असली 'कैप्टन कूल'
उधर, टीम के खिलाड़ियों की एक विशेष बैठक के दौरान पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कप्तान कपिल देव की सराहना करते कहा कि वह असली कैप्टन कूल थे क्योंकि वह मैदान पर बेहद शांत रहते थे। गावस्कर बोले- कपिल का बल्ले और गेंद दोनों से प्रदर्शन शानदार था। फाइनल में विव रिचर्ड्स का उनका कैच नहीं भूला जा सकता। उनकी कप्तानी गतिशील थी, जो कि प्रारूप की आवश्यकता थी, और जब कोई खिलाड़ी कैच छोड़ता था तब भी उनकी मुस्कुराहट बनी रहती थी।

 

कपिल देव ने किया ऑलराऊंड प्रदर्शन
कपिल देव ने 1983 विश्व कप में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें जिम्बाब्वे के खिलाफ सिर्फ 138 गेंदों पर 175 रन की ऐतिहासिक पारी भी शामिल थी। कपिल ने टीम को बल्लेबाजी की विफलता से बचाया और फिर भारत के गेंदबाजी प्रयास में भी बड़ी भूमिका निभाई, जहां टीम जिम्बाब्वे को 235 रनों पर आउट करने में सफल रही। गावस्कर ने मजाक में कहा कि जीत के बाद के उन पलों को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यह टूथपेस्ट के लिए एक शानदार विज्ञापन बन सकता था क्योंकि हमारे आस-पास हर कोई हंस रहा था और मुस्कुरा रहा था और यह देखना दिल को छू लेने वाला था।

 

2011 में धोनी ने दिलाया था कप
बता दें कि 1983 के बाद भारत को अपना अगला वनडे विश्व कप जीतने में काफी समय लगा। सौरव गांगुली की अगुवाई में भारत 2003 में फाइनल में पहुंचा था लेकिन वहां उन्हें रिकी पोंटिंग की अगुवाई वाली टीम इंडिया से हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद एमएस धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को 2011 का क्रिकेट विश्व कप दिलाया। टूर्नामैंट में युवराज सिंह का प्रभावी योगदान रहा था वह टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे थे।

Content Writer

Jasmeet