Year Ender 2025: बॉक्सिंग महासंघ के विवादों के बावजूद इस साल भारत को मिली दो नई विश्व चैम्पियन
punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 02:49 PM (IST)
नई दिल्ली: भारतीय बॉक्सिंग के लिए 2025 का साल मिला-जुला रहा। साल की शुरुआत ओलंपिक में मेडल न जीत पाने के बाद अपेक्षाकृत सुस्त रही, लेकिन असली परेशानी तब शुरू हुई जब बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) के अंदर चल रहे घमासान और अदालत के मामलों ने खेल को अंदर से हिला दिया। हालांकि, रिंग में मुकाबला करने वाले पुरुष और महिला खिलाड़ियों ने साल को संजीव बना दिया, जैस्मिन लैम्बोरिया और मीनाक्षी हुड्डा के विश्व चैम्पियन बनने के साथ।
महासंघ में अंदरूनी कलह और चुनावी विवाद
साल की शुरुआत BFI में चुनावी अराजकता और अदालत के मामलों से हुई। फेडरेशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने सचिव हेमंता कलिता और कोषाध्यक्ष दिग्विजय सिंह को निलंबित किया, जिसके बाद कानूनी चुनौतियां सामने आईं। पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का नामांकन विवादास्पद मार्च आदेश के कारण खारिज कर दिया गया। विभिन्न राज्य इकाइयों ने अदालत का रुख किया और रिटर्निंग अधिकारी तक इस्तीफा देने को मजबूर हो गया।
इस संघर्ष का असर सीधे खिलाड़ियों पर पड़ा। सीनियर महिला नेशनल चैम्पियनशिप, जो नवंबर 2024 में होनी थी, कई बार स्थगित हुई और मार्च में विवादों के बीच आयोजित हुई। असम की स्टार बॉक्सर लोवलिना बोरगोहैन को भी नामांकन वापस लेना पड़ा।
विश्व बॉक्सिंग ने हस्तक्षेप करते हुए सिंह को अंतरिम समिति का प्रमुख नियुक्त किया और चुनावों की देरी के बीच BFI का संचालन सुनिश्चित किया। अगस्त में सिंह तीसरे लगातार कार्यकाल के लिए BFI अध्यक्ष बने, लेकिन IOA और खेल मंत्रालय ने चुनाव की वैधता पर सवाल उठाया।
दो नई विश्व चैम्पियन और सफलता की झलक
जब फोकस फिर से खेल पर आया, भारतीय बॉक्सरों ने शानदार वापसी की। नए राष्ट्रीय कोच नियुक्त किए गए — पुरुष टीम के लिए धर्मेंद्र यादव और महिला टीम के लिए डी चंद्रलाल। ब्राज़ील और कज़ाखस्तान में वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारतीय टीम ने सम्मानजनक प्रदर्शन किया।
साल का सबसे बड़ा पल वर्ल्ड चैंपियनशिप, लिवरपूल में आया, जहां जैस्मिन (57 किग्रा) और मीनाक्षी (48 किग्रा) ने गोल्ड मेडल जीते। इसके अलावा पूजा रानी (80 किग्रा) और नुपुर शेरोन (80+ किग्रा) ने क्रमशः ब्रॉन्ज और सिल्वर मेडल जीतकर भारत की महिला बॉक्सिंग की ताकत को साबित किया।
हालांकि, कुछ स्थापित सितारे जैसे निखत जरीन और बोरगोहैन अपनी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं दे पाए। पुरुष टीम वर्ल्ड चैंपियनशिप में 12 साल में पहली बार बिना मेडल लौटकर निराश हुई, लेकिन युवा बॉक्सर अभिनाश जमवाल, सचिन सिवाच और पवन बर्तवाल ने उम्मीद दिखायी।
भारत ने सीजन-एंडिंग वर्ल्ड कप फाइनल्स की मेजबानी की और रिकॉर्ड 20 मेडल (9 गोल्ड) जीते। इसके तुरंत बाद पूर्व हाई-परफॉर्मेंस डायरेक्टर सेंटियागो नीवा का महिला टीम कोच के रूप में वापसी हुई, जो भारतीय बॉक्सिंग के नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।

