धोनी ने जता दिया कि उनका टीम में होना क्यों जरूरी है और धोनी होने के मायने क्या हैं

punjabkesari.in Friday, Jan 18, 2019 - 09:02 PM (IST)

स्पोटर्स डेस्क (अतुल वर्मा): दुनिया के सबसे बेस्ट मैच फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी उर्फ 'महेंद्र बाहुबली' की दमदार बल्लेबाजी की बदौलत टीम इंडिया ने 70 साल के इतिहास में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज अपना नाम की। जिस तरह टेस्ट सीरीज में भारत को मिली ऐतिहासिक जीत के हीरो चेतेश्वर पुजारा रहे, ठीक उसी तरह वनडे सीरीज के जीत के हीरो द वन एंड ओनली महेंद्र सिंह धोनी ही हैं। तीनों मैचों में शानदार हॉफ सेंचुरी जड़कर ‘मैन ऑफ द सीरीज’ चुने जाने और विकेट के पीछे स्टम्पिंग का बड़ा रिकॉर्ड बनाने वाले धोनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर जता दिया कि उनका टीम इंडिया में होना क्यों जरूरी है और धोनी होने के क्या मायने हैं।

धोनी का धमाल, तीनों मैचों में 3 हॉफ सेंचुरी जड़कर बने ‘मैन ऑफ द सीरीज’

MS Dhoni AUSvsIND

इस वनडे सीरीज में अपने पुराने रंग में नजर आए एमएस धोनी ने अपने बल्ले से धमाल मचाते हुए कुल 193 रन बनाए और इसी शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘मैन ऑफ द सीरीज’ चुना गया। 3 मैचों की इस वनडे सीरीज में धोनी ने कोई मौका नहीं गंवाया और तीनों ही मैचों में हॉफ सेंचुरी जड़ी।

MS Dhoni AUSvsIND

पूरी सीरीज में धोनी 2 बार नाबाद रहे, जबकि एक बार अम्पायर के गलत फैसले का शिकार हुए। सिडनी वनडे में धोनी ने 51 रन, एडिलेड वनडे में नाबाद 55 रन और मेलबर्न में खेले गए तीसरे और आखिरी वनडे में 87 रनों की नाबाद पारी खेली। इस ऐतिहासिक जीत के बाद धोनी को 8 साल बाद वनडे इंटरनेशनल सीरीज में 'मैन ऑफ द सीरीज' का खिताब मिला और ये धोनी का 7वां 'मैन ऑफ द सीरीज' अवॉर्ड रहा।

माही ने अपने अंदाज में बल्ले से दिया आलोचकों को करारा जवाब

MS Dhoni AUSvsIND

इस वनडे सीरीज में धोनी ने बतौर मैच फिनिशर तो अपनी काबिलियत फिर से साबित की। साथ ही अपने बल्ले से आलोचकों को जवाब भी दे दिया। टेस्ट सीरीज में पंत की बल्लेबाजी और पहले वनडे में धोनी थोड़ी सुस्त पारी के बाद हार नसीब होने पर ये सवाल ऊभर कर आया था कि 37 साल के धोनी अब बूढ़े हो चले हैं और उनमें वो पहले वाली बात नहीं रही, लेकिन कैप्टन कूल कहे जाने वाले धोनी ने एडिलेड वनडे और मेलबर्न वनडे में मैच फिनिशिंग वाली पारियां खेलकर टीम को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज दिलाते हुए तमाम आलोचकों का मुंह बंद कर दिया और बता दिया कि आज भी उनसे बेहतर मैच फिनिशर और कोई नहीं है।

स्टंप के पीछे भी महेंद्र सिंह धोनी ने अपने नाम किया बड़ा रिकॉर्ड

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मेलबर्न में खेले गए तीसरे और आखिरी वनडे में धोनी ने स्टंप के पीछे भी एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया। शॉन मार्श को स्टम्प आउट करने के साथ धोनी ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा स्टम्प करने वाले विकेटकीपर बन गए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने ये 17वीं स्टम्पिंग की और सीरीज में तीन। इसके अलावा धोनी के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा 188 स्टम्पिंग का रिकॉर्ड है। वनडे में भी उनके नाम सबसे ज्यादा 117 स्टंपिंग का रिकॉर्ड है।

हर बैटिंग ऑर्डर में फिट होने के साथ-साथ हिट भी हैं धोनी

MS Dhoni AUSvsIND

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इस वनडे सीरीज में धोनी ने बतौर फिनिशर तो अपनी काबिलियत को फिर से साबित किया ही, साथ ही भारत की उस पहेली को भी कुछ हद तक सुलझा दिया जिसके लिए कप्तान कोहली और कोच शास्त्री लंबे वक्त से माथापच्ची कर रहे थे। पहले 2 वनडे में 4 नंबर पर रायडू के ना चलने पर धोनी ने खुद मोर्चा संभाला और चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 87 रन की यादगार पारी खेलते हुए टीम को सीरीज जिताकर ही लौटे। वहीं जब मैच के बाद धोनी से चौथे नंबर पर बैटिंग करने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए खुश हूं। 14 साल क्रिकेट खेलने के बाद अब मैं ये नहीं कह सकता कि मैं 6 नंबर पर बल्लेबाजी नहीं करना चाहता या 4 पर ही बल्लेबाजी करूंगा।

धोनी की रनिंग बिटविन द विकेट का कोई तोड़ ही नहीं

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3 मैचों की इस वनडे सीरीज में जहां धोनी ने अपने खास अंदाज में चौकों-छक्कों की बरसात की, वहीं धोनी सिंगल रन, सिंगल को डबल और डबल को ट्रिपल रन करने से बिल्कुल भी नहीं चूके। तीनों ही मैचों में धोनी बड़े शॉर्ट्स खेलने के अलावा रन जुटाने के लिए खूब दौड़ते भी नजर आए और 37 साल की उम्र में उनके फिल्डर के सामने से रन चुराने की कला तो यही दर्शाती है कि अब भी रनिंग बिटविन द विकेट में उनका कोई तोड़ नहीं है।


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Atul Verma

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