धोनी का कड़कनाथ मुर्गे का बिजनेस गया खटाई में, उठाना पड़ा बड़ा नुकसान

punjabkesari.in Tuesday, Jan 12, 2021 - 09:36 PM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट के संन्यास के बाद रांची में मुर्गे पालन का बिजनेस शुरू किया था। लेकिन बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों के कारण उन्हें अपना बिजनेस रोकना पड़ रहा है। दरअसल मध्य प्रदेश के किसान को कड़कनाथ मुर्गे की खेप का ऑर्डर दिया था जिसे 10 जनवरी तक पूरा किया जाना था। इस खेप में हजार मुर्गे मंगवाए जानें थे लेकिन बर्ड फ्लू के कारण अब इस ऑर्डर को रोकना पड़ रहा है। फिलहाल धोनी के पोल्ट्री फॉर्म में कड़कनाथ मुर्गे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और बर्ड फ्लू की कोई शिकायत नहीं आई है। 

धोनी ने मध्य प्रदेश के एक किसान को कड़कनाथ चिकन का बड़ा ऑर्डर दिया था। कड़कनाथ चिकन सेहत के लिए काफी अच्छा होता है इसमें फैट की मात्रा काफी कम होती है। यह आम चिकन से थोड़ा महंगा होता है। मध्यप्रदेश में खास तौर पर कई किसान इसकी खेती करते हैं। मध्य प्रदेश के किसान ने एक न्यूजपेपर को बताया कि तीन महीने पहले धोनी के मैनेजर ने उन्हें कॉल की थी। यह कॉल कृषि विकास केंद्र और कड़कनाथ मोबाइल एप के जरिए आई थी। उन्होंने 1000 कड़कनाथ चिकन का ऑर्डर किया है जिसकी डिलिवरी जनवरी मध्य में की जानी है। 

किसान का कहना है कि धोनी के फॉर्म हाऊस मैनेजर ने सारी डील पक्की की है और ऑर्डर के बाद एडवांस पैसे भी भेज दिए हैं। मुझे गर्व है कि मैं देश के मशहूर क्रिकेटर के लिए कोई चीज डिलिवर कर रहा हूं। बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी 2019 क्रिकेट विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के बाद से ही इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेले हैं। इसी साल 15 अगस्त को उन्होंने रिटायरमैंट लेकर सबको चौका दिया था। धोनी भारत के ऐसे अकेले कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफियां भारत को लाकर दी हैं।
 
कड़कनाथ मुर्गे की खासियत

कड़कनाथ के एक किलोग्राम के मांस में कॉलेस्ट्राल की मात्रा करीब 184 एमजी होती है, जबकि अन्य मुर्गों में करीब 214 एमजी प्रति किलोग्राम होती है। इसी प्रकार कड़कनाथ के मांस में 25 से 27 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जबकि अन्य मुर्गों में केवल 16 से 17 प्रतिशत ही प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा, कड़कनाथ में लगभग एक प्रतिशत चर्बी होती है, जबकि अन्य मुर्गों में 5 से 6 प्रतिशत चर्बी रहती है।

Raj chaurasiya