बर्थडे स्पेशल: पिता की जिद ने बनाया पांडे को स्टार क्रिकेटर, IPL में ऐसा करने वाला है पहला भारतीय

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 10:35 AM (IST)

स्पोर्ट्स डेस्क: हाल ही में दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ 3 मैचों में इंडिया ए की कमान संभालने वाले मनीष पांडे (Manish Pandey) आज अपना 31वां जन्मदिन मना रहे हैं। नैनीताल में 10 सितम्बर 1989 को जन्मे मनीष पांडे ने बचपन में कभी क्रिकेटर बनने का सपना नहीं देखा था बल्कि वह तो अपने पिता की तरह आर्मी में जाना चाहते थे। हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और पिता की जिद ने उन्हें क्रिकेटर बना दिया। 



मनीष पांडे करियर की शुरूआत 

मनीष पांडे के पिता कृष्णानंद पांडे आर्मी में हैं और वह भी आर्मी में जाकर देश की सेवा करना चाहते थे। लेकिन उनके पिता कृष्णानंद की चाहत और जिद थी कि वह क्रिकेटर बने। पिता ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। मनीष ने तीसरी क्लास में थे जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय एएससी सेंटर, बैंगलोर में की और बाद में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ में शामिल हो गए। मनीष 2008 में मलेशिया में आयोजित अंडर-19 विश्व कप के दौरान भारतीय टीम के सदस्य थे। 

मनीष पांडे का आईपीएल का सफर

साल 2008 में मुंबई इंडियंस ने मनीष पांडे को अपनी टीम में चुना। आईपीएल में उनका सफर कैसा रहा इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह पहले भारतीय हैं जिसमें आईपीएल में शतक लगाया है। साल 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया। अपने शानदार प्रदर्शन के कारण वह 2014 में आईपीएल सीजन 7 के दौरान फाइनल में मैन ऑफ द मैच भी रहे। इस दौरान उन्हों किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) के खिलाफ 94 रनों की मैच विनिंग पारी खेली थी। साल 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद  (SRH) ने मनीष को 11 करोड़ रुपए में खरीदा था। 

मनीष पांडे अंतराष्ट्रीय करियर पर एक नजर

मनीष पांडे ने जिम्बावे के खिलाफ 14 जुलाई 2015 को वनडे इंटरनेशनल में कदम रखा। वनडे में उनका डेब्यू कामयाब रहा और उन्होंने कैदार यादव के साथ मिलकर 144 रनों की पार्टनरशिप की। टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने पहला मैच 17 जुलाई 2015 में खेला था। जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान भी वह वनडे टीम का हिस्सा थे और सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में नाबाद 104 रनों की पारी खेलते हुए भारत को सीरीज में एक मात्र मैच जीताने में मदद की थी। 

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