पिता लगाते हैं अंडों की रेहड़ी, बेटी अंडर-23 क्रिकेट टीम की कप्तान, दो मैच भी जीताए
punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2025 - 01:26 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क : फाजिल्का की 22 वर्षीय प्रियंका रेवाड़िया ने यह साबित कर दिया है कि हालात नहीं बल्कि इंसान का कुछ कर दिखाने का जज्बा बड़ा होता है। प्रियंका ने घर के आर्थिक हालातों और अपने क्रिकेट करियर के आगे झुकने नहीं दिया और अब वह बीसीसीआई द्वारा करवाए जा रहे वुमंस अंडर-23 इंटर स्टेट टी-20 क्रिकेट मुकाबले में पंजाब टीम की समान संभाल रही हैं।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल होना लक्ष्य
प्रियंका के पिता अंडों की रेहड़ी लगाकर परिवार की गुजर-बसर करते हैं। बीसीसीआई द्वारा राजकोट (गुजरात) में करवाए जा रहे टूर्नामेंट के पहले दोनों मैच में प्रियंका ने पंजाब को शानदार जीत दिलाई है। 5 जनवरी को मणिपुर के खिलाफ खेले गए मैच में 9 विकेट से मैच जीता। 6 जनवरी को आंध्र प्रदेश की टीम को हराया। पिता टेकचंद ने एक समाचार पत्र को बताया कि शहर में डीसी ऑफिस के पास खाली जगह पर बच्चे क्रिकेट खेलते थे। प्रियंका कपड़े धोने वाली थापी और प्लास्टिक की गेंद लेकर बच्चों के साथ खेलने पहुंच जाती थी। उनका सपना है कि बेटी एक दिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बने।
बचपन से ही क्रिकेटर बनने का जुनून
टेक चंद उर्फ बबली रेवाड़िया ने बताया कि बेटी प्रियंका उर्फ पिंकू को बचपन से ही क्रिकेट का जुनून था। इस जुनून को फाजिल्का डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन ने पहचाना और उसे क्रिकेट की बारीकियां सिखलाई। एफडीसीए के कोच अर्पित सक्सेना ने उसे क्रिकेट के गुर सिखाए। एफडीसीए के पास क्रिकेट ग्राउंड ना होने की वजह से प्रियंका ने मोगा क्रिकेट एसोसिएशन और बाद में बरनाला में शिक्षा के दौरान बरनाला क्रिकेट एसोसिएशन के साथ खेलते हुए खुद को साबित किया।
अपनी कामयाबी का श्रेय प्रियंका ने महिला क्रिकेट को प्रफुल्लित करने का विजन रखने वाले पंजाब क्रिकेट एसेसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री राजेंद्र कुमार द्वारा दिए प्रोत्साहन को दिया है।