फ्रूट विक्रेता पिता के बेटे उमरान मलिक ने टैनिस बॉल से बढ़ाई गेंदों की रफ्तार

punjabkesari.in Wednesday, Oct 06, 2021 - 07:12 PM (IST)

खेल डैस्क : आई.पी.एल. में डैब्यू करते ही 151 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फैंकने वाले उमरान मलिक टैनिस बॉल क्रिकेट खेलते-खेलते इस मुकाम तक पहुंचे हैं। उमरान के स्टार बनने की कहानी चार साल पहले शुरू हुई थी जहां व सीमैंट की पिच पर गेंदबाजी करते थे। वह आई.पी.एल. नैट्स तक पहुंचे तो उन्होंने डेविड वॉर्नर को अपनी गति से चौका दिया। उमरान के पिता अब्दुल मलिक फल बेचते हैं। गुर्जर नगर में वह बेटे की कामयाबी के बाद रिश्तेदारों से बधाइयां लेने में ही पूरा दिन गुजार रहे हैं।

उमरान के लिए इस स्तर पर पहुंचना इतना आसान नहीं था। उनके कोच रणधीर सिंह मनहास कहते हैं कि जब वह पहली बार हमारे पास आया तो उसके पास क्रिकेट शूज भी नहीं थे। टीम के कुछ प्लेयर मेरे पास आए बोले- यह नैट में गेंदबाजी करना चाहता था। काफी तेज गेंदबाजी करता है। मैंने उसे कहा- ठीक है। तुम गेंदबाजी करो। हमने जम्मू-कश्मीर की टीम बनानी है। उसने गेंदबाजी की। हम जान गए थे कि वह आई.पी.एल. जरूर खेलेगा।

वहीं, उमरान के पिता अब्दुल मलिक कहते हैं- अल्लाह ने रहम किया है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं अपने बेटे को आई.पी.एल. में खेलते दूंगा। मैं फल और सब्जियां बेचता हूं। यह हम सभी के लिए एक सपने के सच होने जैसा है। अब, मैं उसे एक दिन भारत के लिए खेलते हुए देखने की उम्मीद करता हूं। आपको पता है यह उम्र कैसी होती है। कई युवा हैं जोकि नशों में लगकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हैं लेकिन उमरान पर हमें भरोसा है कि उसे सिर्फ क्रिकेट खेलने का ही नशा है। इसीलिए हमें उसकी कोई चिंता नहीं होती। हां, कभी-कभी मैं उसे देखने ग्राऊंड में जरूर जाता था कि वह वही है या कहीं और।

बतौर नैट बॉलर शामिल हुए टीम में
उमरान हैदराबाद के लिए बतौर नैट बॉलर आए जोकि टी. नटराजन के जख्मी होने के कारण टीम में शामिल हुए। डैब्यू किया। इसी तरह नटराजन भी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बतौर नैट गेंदबाज गए थे। वह वरुण चक्रवर्ती की जगह टीम में आए। टैस्ट, वनडे और टी-20 में डैब्यू किया।

वहीं, इरफान पठान ने उमरान पर कहा कि वह नैसर्गिक तेज गेंदबाज थे। किसी भी छोटे बच्चे की तरह उसे बल्लेबाजों को हिट करना, उनकी जांघों पर बंधे पैड को निशाना बनाना पसंद है। बॉलिंग करते वक्त लैंडिंग की उसकी ऊंचाई अच्छी है इसलिए हमने उसपर काम किया। उसके लिए असल चुनौती तब आएगी जब वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलेगा।

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Jasmeet