गैरी कर्स्टन बोले- मैं जब कोच बना तो सचिन सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे, हमने उन्हें...

punjabkesari.in Wednesday, Jun 17, 2020 - 12:33 PM (IST)

नई दिल्ली : टीम इंडिया को बतौर कोच 2011 का क्रिकेट विश्व दिलाने वाले गैरी कर्स्टन का कहना है कि जब वह 2008 में टीम इंडिया के साथ जुड़े थे तो टीम के स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर क्रिकेट का आनंद नहीं ले पा रहे थे। कस्र्टन ने एक चैनल के साथ बातचीत के दौरान कहा कि 2007 विश्व कप ने सभी सीनियर क्रिकेटर पर एक सामान दबाव डाला था। सचिन भी इससे अछूते नहीं रहे। बल्लेबाजी पोजीशन को लेकर वह सहज नहीं थे। लेकिन वह इससे उभरे और अगले तीन सालों में 18 इंटरनेशनल सेंचुरी लगाईं। इसी कारण क्रिकेट विश्व कप भी हमारे नाम हुआ।

Gary Kirsten said - When I became a coach, Sachin was not in the best form

तेंदुलकर को 2005 और 2007 में चोटों ने घेर लिया था। खास तौर पर 2007 की चोट के बाद वह अपनी बेस्ट फॉर्म में नहीं दिख रहे थे। वह कई बार नर्वस नाइटीज का शिकार हुए। 2007 विश्व कप में उन्हें चार नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाता था। इसमें बदलाव तब हुआ जब मुंबई के इस स्टार बल्लेबाज को दोबारा ओपनिंग क्रम पर भेजा गया। तेंदुलकर ने 2008 से लेकर 2011 के बीच अपनी बैस्ट परफार्मेंस दी। 

Gary Kirsten said - When I became a coach, Sachin was not in the best form

कर्स्टन ने कहा- सचिन के साथ मैंने बेहतरीन कोचिंग यात्रा की। आप वास्तव में लोगों की क्षमता को स्वयं का सबसे अच्छा संस्करण बनाने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। मैंने जो कुछ भी किया, उससे उसके लिए एक वातावरण तैयार हुआ। मैंने उन्हें (सचिन तेंदुलकर) कुछ भी नहीं बताया। वह खेल जानता था, लेकिन उसे जरूरत थी एक वातावरण की। हमने बस वहीं बनाने की कोशिश की।

Gary Kirsten said - When I became a coach, Sachin was not in the best form

बता दें कि कर्स्टन ने टीम इंडिया को 2008 से लेकर 2011 तक कोचिंग दी थी। उनकी देखरेख में ही भारत ने विश्व कप जीता था। साथ ही साथ टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन पोजीशन भी पाई थी। कस्र्टन साऊथ अफ्रीका के नामी क्रिकेटर रहे हैं। उन्होंने 101 टेस्ट में 21 शतकों के साथ 7289 तो 185 वनडे में 6798 रन बनाए। उनका वनडे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 188 नाबाद रन हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jasmeet

Recommended News

Related News