राष्ट्रगीत का अपमान कर मिला सबसे बड़ा ‘अवॉर्ड’ जानिए- क्या है मामला?

punjabkesari.in Tuesday, Dec 12, 2017 - 05:38 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिका में जातीय अन्याय के खिलाफ जारी संघर्ष किसी से छिपा नहीं है। बराक ओबामा जब अमेरिका के प्रेसिडेंट बने तब यह कहा जा रहा था कि अमेरिका में नए युग की शुरुआत हो गई है। लेकिन ओबामा के राष्ट्रपति पद से हटते ही रंगभेद के मामले फिर से सामने आने लगे हैं। इसके पीछे बड़ा कारण नए अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का बड़बोलापन और फैसले भी है। हालांकि धीरे-धीरे यह चर्चा ठंडे बस्ते में दब भी गई थी लेकिन इन दिनों यह चर्चा दोबारा उठ खड़ी हुई है। इसका बड़ा कारण है अमरीकी फुटबॉलर कॉलिन कैपरनिक। कॉलिन को इस साल का एसआई मोहम्मद अली लैगेसी अवॉर्ड दिया गया है।

कॉलिन वहीं हैं जिन्होंने अमेरिका की जातीय अन्याय की नीतियों के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजाया था। 2016 में एक गेम के दौरान कॉलिन ने इस सिस्टम के विरोध के चलते जब अमेरिका का राष्ट्रीय गीत चल रहा था तो वह अपना एक घुटना जमीन पर रखकर खड़े हो गए थे। कॉलिन के विरोध का यह तरीका उस समय पूरी दुनिया में आग की तरह फैल गया था। गेम के बाद कॉलिन ने साफ कहा था- वह अपने देश का विरोध नहीं कर रहे बल्कि इस देश में जो जातीय अन्याय के खिलाफ कमजोर नीतियां अपनाई जा रही हैं, उनको सख्त करने के लिए वह विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मैं उस देश की शान में कभी खड़ा नहीं हो सकता जो कि लोगों से रंगभेद या जातीय आधार पर भेदभाव करता हो। यह मेरे लिए फुटबॉल से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। हां कुछ लोग मुझे मतलबी कहेंगे लेकिन मैं इसे मंजूर करता हूं। क्योंकि यहां गलियों में खून से लथपथ लाशें पड़ी होती हैं और मर्डर करने वाला आसानी से कानूनी की गिरफ्त से बच जाता है।

कॉलिन ने इस दौरान ब्लैक लिव मैटर नामक संस्था का समर्थन किया। विरोध के थोड़े समय बाद ही कॉलिन को टीम से बाहर कर दिया गया था। कॉलिन बाद में एनएफएल पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें टीम में न चुनकर एनएफएल प्रबंधन उन्हें विरोध करने की सजा दे रहा है। हालांकि बीते दिनों एनएफएल के कमिश्रर रोजर गुडैल ने कहा था कि कॉलिन को उसके विरोध के कारण नहीं बल्कि उसके गिरते प्रदर्शन की वजह से बाहर किया था। विसकंसन के शहर मिलवाकी में 1987 को जन्मे कॉलिन तब मशहूर हुए थे जब वह कॉलेज की फुटबॉल टीम में खेलते थे। वेस्टर्न एथलेटिक्स कॉन्फ्रेंस ने उन्हें दो बार साल का सबसे ओफेंसिव प्लेयर कहा था। कॉलिन ऐसे पहले प्लेयर हैं जिनके नाम एफबीएस की हिस्ट्री में 10 हजार से ज्यादा पासिंग यार्ड और 4 हजार से ज्यादा रशिंग यार्ड का रिकॉर्ड है।

विरोध का नया तरीका बनकर उभरा ‘Take the Knee’
 
सोशल साइट्स एक्सपट्र्स ने कहा है कि विरोध का यह नया तरीका ‘Take the Knee’ इस समय पूरी दुनिया में फैल रहा है। पहले पहल बड़ी घटनाओं पर सिर्फ हाथ में कैंडल्स लेकर धरना देने या नंगे होकर खुद पर नकली खून डालकर विरोध जताया जाता था। लेकिन अब राष्ट्रीय गीत के दौरान एक घुटना जमीन पर रख विरोध करना, विरोध का नया चिन्ह बनकर सामने आ रहा है। किसी भी इंसान के लिए राष्ट्रीय गीत दौरान ऐसा करना यह साबित करता है कि वह सचमुच पीड़ित है और वह हर उस चीज का विरोध कर रहा है जिसके कारण उसे अपने ही देश में अमन-चैन से रहने में दिक्कत हो रही हो। वहीं दुनिया भर से कॉलिन के विरोध में भी कई लोग सामने आए हैं। उनका कहना है कि देश से बढ़कर कुछ नहीं हैै। हर चीज बातचीत से सुलझाई जा सकती है। वह हर चीज जिससे देश का भविष्य बच्चे प्रेरणा ले सकते हैं, ही अगर विरोध का रास्ता अपनाने लगे तो पूरी दुनिया में अमरीका की छवि क्या रह जाएगी? विरोध के कई तरीके हो सकते हैं लेकिन इस तरह राष्ट्रीय गीत दौरान विरोध करना, आपकी जिद्दबाजी और विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

‘Take the Knee’ का इतिहास भी विवादित है
असल में ‘Take the Knee’ का इजाद कब हुआ? क्या यह विरोध का तरीका है या प्रार्थना का, आज भी चर्चा का विषय है। 1960 में साउथ केरोलिना में हुई गेम्स के पहले हॉफ के दौरान अलबर्ट किंग डिक्सन जूनियर ने यह तरीका अपनाया था। हालांकि उन्होंने कहा था कि ऐसे कर वह अपने दिवंगत कोच रैक्स इनराइट को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इसके बाद 1965 में मार्टिन लूथर किंग ने अलबामा की सेलमा जेल में जाने से पहले यह विरोध का तरीका अपनाया था। हालांकि कुछ लोग इसे प्रार्थना का आधार भी मानते हैं। क्योंकि द बुक ऑफ रोमन के 14:11 अध्याय में यह लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति अपना घुटने जमीन पर रखकर बैठता है तो इसका मतलब यह है कि वह भगवान के सामने प्रार्थना करना है। 

सेलेब्रिटी भी कर रहे हैं कॉलिन का समर्थन

कॉलिन के फैसले के बाद उनका विभिन्न प्लेयर्स एक्टर ने समर्थन व विरोध भी किया है। ज्यादातर सेलिब्रिटिज ने प्रशासन से इस सबसे चर्चित मुद्दा मानकर इस पर बात करने का समर्थन भी किया है। ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह सीधा तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का विरोध करना है। हालांकि डोनल्ड ट्रम्प भी इस मुद्दे को भड़काने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने विवादित ट्विट किए जिसके बाद फैंस कॉलिन के समर्थन में आ गए। वहीं, कॉलिन को अवॉर्ड देने पर महशूर बॉक्सर मोहम्मद अली की बेटी लैला अली ने कहा है कि वह कोलिन को मोहम्मद अली लैगेसी अवॉर्ड मिलने पर शानदार महसूस रही हैं।