हॉकी : श्रीजेश में लॉकडाउन में पढ़ डाली बहुत सारी किताबें, यह किताब 2 बार पढ़ी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 24, 2020 - 11:48 AM (IST)

नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के कारण लगभग तीन महीने बाद घर लौटे भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान काफी ‘प्रेरणादायी’ साहित्य पढ़कर वह मानसिक मजबूती बरकरार रखने में सफल रहे। श्रीजेश के पिता हृदय रोगी हैं और केरल में उनके दो बच्चे भी हैं और ऐसे में राष्ट्रीय टीम के इस गोलकीपर ने स्वीकार किया कि लॉकडाउन के दौरान नकारात्मक विचारों को दूर रखना मुश्किल था लेकिन वह अमेरिका की ट्रायथलीट जोआना जीगर की ‘द चैंपियन्स माइंडसेट- एन एथलीट्स गाइड टू मेंटल टफनेस’ किताब पढ़कर अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल कर पाए।

श्रीजेश ने कहा- यह काफी मुश्किल समय था क्योंकि हमारी जीवनशैली पूरी तरह से बदल गई थी। मुख्य चीज अपने विचारों में संतुलन बनाना था। मेरे पिता हृदय रोगी हैं और मेरे दो बच्चे हैं- छह साल की बेटी और तीन साल का बेटा। इसलिए मैं उनके स्वास्थ्य को लेकर अधिक चिंतित था क्योंकि दोनों अधिक जोखिम वाले आयु वर्ग में हैं। उन्होंने कहा- एक तरफ तो मुझे घर की याद आ रही थी और दूसरी तरफ मैं घर जाकर उन्हें खतरे में नहीं डालना चाहता था क्योंकि यात्रा के दौरान वायरस से संक्रमित होने का खतरा था।

श्रीजेश ने कहा- इसलिए शांति के लिए मैंने किताबों का सहारा दिया। लॉकडाउन के दौरान मैंने काफी किताबें पढ़ी, फिक्शन, नॉन फिक्शन से लेकर प्रेरणादायी किताबें। इसने मुझे अलग तरह से सोचने में मदद की। चैंपियन्स माइंडसेट ऐसी किताब है जो मैंने दोबारा पढ़ी। भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीमें 25 मार्च से भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के बेंगलुरू के दक्षिण केंद्र में हैं जब सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी।

Jasmeet