हॉकी स्टार रानी रामपाल का सूटकेस टूटा, खिलाड़ी ने एयरलाइंस पर निकाली भड़ास
punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2024 - 03:49 PM (IST)
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय हॉकी टीम की स्टार प्लेयर रानी रामपाल (Rani Rampal) रविवार की सुबह उस समय भड़क गईं जब एयर इंडिया (Air India) ने उनके लगेज को गलत तरीके से हैंडल किया। रानी ने सोशल मीडिया पर एयरलाइन की आलोचना की और 6 अक्टूबर को अपने टूटे सूटकेस की तस्वीर पोस्ट की।
भारतीय हॉकी स्टार हाल ही में अमेरिका और कनाडा की छुट्टियों पर थीं और अपने खाली समय में खूब मौज-मस्ती कर रही थीं। छुट्टियों के आखिर में उन्हें उस समय बुरा लगा जब उन्होंने बैगेज बेल्ट से अपना लगेज उठाया और पाया कि वह टूटा हुआ है। रानी ने ट्विटर पर कहा, 'इस शानदार सरप्राइज के लिए एयर इंडिया का शुक्रिया। आपका स्टाफ हमारे बैग के साथ ऐसा ही व्यवहार करता है। आज दोपहर कनाडा से भारत लौटते समय दिल्ली में उतरने के बाद मैंने पाया कि मेरा बैग टूटा हुआ है।'
Thank you Air India for this wonderful surprise. This is how your staff treat our bags. On my way back from Canada to India this afternoon after landing in Delhi I found my bag broken.@airindia pic.twitter.com/xoBHBs0xBG
— Rani Rampal (@imranirampal) October 5, 2024
रानी को अपने पोस्ट पर एयर इंडिया की ओर से तुरंत जवाब मिला जिसमें उनसे उनकी उड़ान का विवरण साझा करने के लिए कहा गया। हॉकी खिलाड़ी ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और उम्मीद जताई कि उनकी समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। ट्विटर थ्रेड में कई अन्य यात्रियों ने भी रानी जैसी ही शिकायत की और एयरलाइन पर उनके सामान की गलत तरीके से देखभाल करने का आरोप लगाया।
गौर हो कि रानी रामपाल अपने असाधारण कौशल, समर्पण और प्रेरणादायक यात्रा के लिए जानी जाती हैं, जिसने उन्हें खेल में एक किंवदंती बना दिया है। 4 दिसंबर 1994 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के गांव शाहाबाद मारकंडा में जन्मी रानी रामपाल का जीवन शुरुआती प्रतिकूलताओं से भरा था। उनके पिता, एक गाड़ी-खींचने वाले, गुजारा करने के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन रानी का हॉकी के प्रति जुनून छोटी उम्र से ही निर्विवाद था। उन्हें 6 साल की उम्र में खेल से परिचित कराया गया और उन्होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता बलदेव सिंह के मार्गदर्शन में शाहाबाद हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया।
उन्होंने 2008 में मात्र 14 वर्ष की उम्र में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और भारत की अब तक की सबसे कम उम्र की हॉकी खिलाड़ी बन गईं। 2010 में उनका विश्व कप पदार्पण हुआ, जब वह केवल 15 वर्ष की थीं, और वह विश्व कप में भाग लेने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं। इस टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने सात गोल किए, जिससे भारत को 1978 के बाद से अपनी सर्वश्रेष्ठ विश्व कप रैंकिंग हासिल करने में मदद मिली।