गेम की ''जेम'' : कैसे रोड्रिग्स ने रात को रोशन किया और भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया

punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 11:55 AM (IST)

नई दिल्ली : एक अविस्मरणीय रात में जब शक और उम्मीद के बीच संघर्ष चल रहा था, भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया। जेमिमा रोड्रिग्स की नाबाद 127 रनों की पारी और कप्तान हरमनप्रीत कौर की शानदार 89 रन की साझेदारी ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ एक चमत्कारी लक्ष्य को हकीकत बना दिया। डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए इस सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने 338 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए 9 गेंदें शेष रहते 5 विकेट से जीत दर्ज की और महिला क्रिकेट इतिहास का नया अध्याय लिखा।  

ऐतिहासिक रात : जब शक से पैदा हुई जीत 

गुरुवार की रात मुंबई में भारतीय महिला टीम ने वो कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 338 रन बनाए थे, जो किसी भी टीम के लिए मुश्किल लक्ष्य था। लेकिन जेमिमा और हरमनप्रीत की जोड़ी ने मैदान पर आशंका को उम्मीद में और उम्मीद को यकीन में बदल दिया। भीड़ में बैठे हजारों दर्शक हर चौके-छक्के के साथ एक सपने को जी रहे थे, वह सपना जिसमें भारत महिला क्रिकेट में शीर्ष पर था। 

जेमिमा रोड्रिग्स : दृढ़ता और गरिमा की मिसाल

जेमिमा की पारी न केवल तकनीकी रूप से उत्कृष्ट थी, बल्कि उसमें भावनात्मक ताकत भी झलक रही थी। उन्होंने हर स्ट्रोक में आत्मविश्वास और शालीनता दिखाई। 115 गेंदों में शतक पूरा करने के बाद भी उनका फोकस जीत पर ही था। उन्होंने अपनी कप्तान के साथ 167 रनों की साझेदारी की जिसने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों को बेबस कर दिया। उनके ड्राइव, कट और स्वीप इतने सटीक थे कि किसी भी गेंदबाज़ को उन पर दबाव बनाना मुश्किल हो गया। यह सिर्फ एक पारी नहीं थी यह भारत के क्रिकेटिंग आत्मविश्वास का प्रतीक थी। 

हरमनप्रीत कौर : नेतृत्व और निडरता की कहानी

कप्तान हरमनप्रीत कौर ने फिर दिखाया कि क्यों उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट का दिल कहा जाता है। 88 गेंदों में 89 रन की उनकी पारी ने टीम को न सिर्फ स्थिरता दी, बल्कि रन रेट को भी बनाए रखा। उन्होंने हर रन के साथ अपने अनुभव और संयम का परिचय दिया। जब वह पुल शॉट खेलते हुए आउट हुईं, तब भी भारत की पारी का रफ्तार नहीं टूटा क्योंकि जेमिमा मैदान पर अब एक लीडर की तरह डटी हुई थीं। 

टीम इंडिया का सामूहिक प्रयास

अंतिम ओवर्स में ऋचा घोष ने तूफानी अंदाज़ में 16 गेंदों पर 26 रन बनाए, जिससे मैच भारत की झोली में चला गया। 48.3 ओवर में 341/5 के स्कोर के साथ भारत ने 5 विकेट से जीत दर्ज की। यह जीत सिर्फ रन और आंकड़ों की बात नहीं थी, यह विश्वास, आत्मसम्मान और संघर्ष की जीत थी। हर खिलाड़ी ने अपनी भूमिका निभाई, चाहे वह फील्डिंग में ऊर्जा हो या गेंदबाज़ी में अनुशासन। 

BCCI और जय शाह का योगदान

एक वरिष्ठ BCCI अधिकारी ने कहा, “यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। खिलाड़ियों ने जो कैरेक्टर और निरंतरता दिखाई है, वह अभूतपूर्व है।” उन्होंने आगे कहा कि BCCI सचिव जय शाह की महिला क्रिकेट के प्रति अटूट आस्था और समर्थन ने इस टीम को मजबूत नींव दी है। 

एक नई शुरुआत की ओर

यह जीत केवल ऑस्ट्रेलिया को हराने की नहीं थी, यह उस विचार की जीत थी कि भारतीय महिलाएं अब किसी से कम नहीं। यह 339 रन का पीछा नहीं, बल्कि सम्मान, समानता और आत्मविश्वास का पीछा था। अब जब भारत साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में उतरेगा, तो यह टीम सिर्फ खिताब के लिए नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए खेलेगी, उस भविष्य के लिए जिसमें वे न केवल प्रतिभाशाली हैं, बल्कि अजेय भी हैं। 


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Content Writer

Sanjeev

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