मुझे नहीं मिल रहा मेरा अधिकार – शतरंज खिलाड़ी मल्लिका होंडा
punjabkesari.in Thursday, Sep 02, 2021 - 10:07 PM (IST)
जालंधर ,पंजाब ( निकलेश जैन ) छह बार की मूक बाधिर राष्ट्रीय शतरंज चैम्पियन मल्लिका होंडा भारत की एकमात्र खिलाड़ी रही है जिन्होने इंटरनेशनल मूकबधिर शतरंज चैंपियनशिप मे स्वर्ण पदक भी जीता है । खैर अभी तक इस खिलाड़ी को कभी भी पंजाब सरकार या केंद्र सरकार से कोई प्रोत्साहन नहीं मिला है । और जब इस समय पंजाब सरकार ओलंपिक खेल और पैरा ओलंपिक खेलो के खिलाड़ियों पर अवार्ड और सरकारी नौकरियों की बौछार कर रही है तब मल्लिका का दुख बाहर आ गया । आज उन्होने पंजाब खेल डाइरेक्टर के कार्यालय के बाहर अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन किया और जैसा की उन्होने अपने ट्विटर अकाउंट मे विडियो जारी किया , उन्होने रोते हुए बताया की मूक बधिर शतरंज खिलाड़ी को सरकार नें कोई भी नौकरी या कैश अवार्ड देने से मना कर दिया है , उन्होने कहा की मेरा करियर इस नाइंसाफी की वजह से बर्बाद हो रहा है ।
I am very feeling Hurt and crying
— Malika Handa🇮🇳🥇 (@MalikaHanda) September 2, 2021
Today I meet to Director ministry sports Punja
He said punjab can not give job and cash award accept to (Deaf sports)
What shall I do now all my future ruined??? @capt_amarinder @iranasodhi @ANI @vijaylokapally @anumitsodhi @navgill82 pic.twitter.com/RGmbFsFLpJ
दरअसल इसके पीछे केंद्र और राज्य सरकारो की ओलंपिक खेलो को ही पूर्ण महत्व देने की नीति है , शतरंज जैसे खेल मे आनंद , कोनेरु हम्पी और कुछ अन्य खिलाड़ियों को छोड़कर शतरंज के सबसे बड़े उत्सव शतरंज ओलंपियाड मे 185 देशो के बीच स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के ट्वीट के अलावा कोई अवार्ड कोई कैश पुरुष्कार नहीं मिलता है , क्रिकेट को लोकप्रियता के चलते लीग से हटकर पुरुष्कार मिलते है पर भारत मे जन्मा शतरंज जैसा खेल इससे अछूता है ।
@iranasodhi sir im also world champion in my own chess game
— Malika Handa🇮🇳🥇 (@MalikaHanda) March 17, 2021
Why i not invited for this
Im sitting at home why why why
Im getting depressed day by day
No one sees my effort why sir why@capt_amarinder @thejagrooproop pic.twitter.com/bWHsw0bRjz
अब देखना होगा की क्या मल्लिका के द्वारा उठाई गयी आवाज से खेल मंत्रालय , राज्य सरकारो की नींद खुलेगी , क्या सभी खेलो के खिलाड़ियों को उचित सम्मान मिलेगा ?