रानी रामपाल ने जताई इच्छा, मेरे पर बायोपिक बने तो यह अभिनेत्री निभाए रोल

punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2020 - 08:22 PM (IST)

नई दिल्ली: हरियाणा के शाहबाद से निकलकर ‘वर्ल्ड गेम एथलीट आफ द ईयर' और पद्मश्री जीतने तक रानी रामपाल का उतार-चढ़ाव से भरा सफर किसी बालीवुड पटकथा से कम नहीं और भारतीय हॉकी टीम की कप्तान की इच्छा है कि अगर उनके जीवन पर कोई बायोपिक बने तो दीपिका पादुकोण उनका रोल करे। खिलाड़ियों के बायोपिक के इस दौर में रानी का जीवन एक सुपरहिट बालीवुड फिल्म की पटकथा हो सकता है।



इस बारे में उन्होंने भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा, ‘मेरे जीवन पर बायोपिक बने तो दीपिका पादुकोण मेरा रोल करे, क्योंकि वह खेलों से प्यार करती है। खेलों से प्रेम उन्हें परिवार से विरासत में मिला है और दीपिका में मुझे एक खिलाड़ी के गुण नजर आते हैं।' रूढिवादी समाज और गरीबी से लड़कर इस मुकाम तक पहुंची रानी अपने संघर्षों और अप्रतिम सफलता के दम पर लड़कियों की रोल माडल बन गई है। उन्हें हाल ही में ‘वर्ल्ड गेम एथलीट आफ द ईयर' चुना गया और यह पुरस्कार पाने वाली वह पहली भारतीय और दुनिया की इकलौती हॉकी खिलाड़ी हैं।

महज सात साल की उम्र से हॉकी खेल रही रानी ने कहा,‘‘यह सफर अच्छा और संघर्ष से भरपूर रहा। यह पुरस्कार एक साल की मेहनत का नतीजा नहीं बल्कि 18-19 साल की मेहनत है। मैं कर्म में विश्वास करती हूं। यह सिर्फ किस्मत से नहीं मिला है।'' रानी के घर की आर्थिक स्थिति किसी जमाने में इतनी खराब थी कि उनके पास हॉकी किट खरीदने और कोचिंग के पैसे नहीं थे। यही नहीं समाज ने उसके खेलों में आने का भी कड़ा विरोध किया था, लेकिन अब उसी समाज की वह रोल मॉडल बन गईं हैं।


रानी ने आगे कहा, ‘मैं सात साल की उम्र से खेल रही हूं और कोच बलदेव सिंह काफी सख्त कोच थे। पूरे साल छुट्टी नहीं होती थी। मैंने बचपन में अपने रिश्तेदार नहीं देखे और अभी भी घर से बाहर ही रहती हूं। कई बार घर में कोई आता है तो मम्मी बताती है कि वह कौन हैं।' उन्होंने कहा, ‘मैं अपने दोनों भाइयों की शादी नहीं देख सकी क्योंकि शिविर में थी। मैंने इस सफलता के लिए काफी कुर्बानियां दी है, लेकिन मुझे कोई खेद नहीं है।' उम्र के इस पड़ाव पर जहां शादी को लेकर दबाव बनना शुरू हो जाता है, रानी की नजरें सिर्फ तोक्यो ओलंपिक में पदक पर लगी हैं। 

neel