टोक्यो में हमारे सितारे : बॉक्सिंग में 9 भारतीय बॉक्सर उतरेंगी, जानिए इनका रिकॉर्ड

punjabkesari.in Monday, Jul 19, 2021 - 10:18 PM (IST)

जालन्धर : बॉक्सिंग में 9 भारतीय बॉक्सर टोक्यो ओलिम्पिक में जगह बनाने में सफल रहे हैं। 5 पुरुष और 4 महिलाओं की इस टोली में पदक जीतने की ललक है। इनकी अगुवाई महिला बॉक्सर और विश्व चैम्पियन मैरीकॉम करेंगी। मुक्केबाजी के भारतीय दिग्गज इस बार ओलिम्पिक में बॉक्सिंग के लिए कोई मैडल आने की उम्मीद कर रहे हैं। 

अमित पंघाल (फ्लाईवेट)


जन्म 16 अक्तूबर 1995
रोहतक, हरियाणा

विजेता
विश्व चैम्पियनशिप 2019 में सिल्वर
एशियन गेम्स 2018 में गोल्ड
कॉमनवैल्थ गेम्स 2018 में सिल्वर
एशियन चैम्पियनशिप में 1 गोल्ड, 1 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज

गुरु के लिए खेल मंत्री रिजिजु तक पहुंचे अमित


अमित ने फिलीपींस के कार्लो पालाम को हराकर टोक्यो का टिकट हासिल किया था। एशियन चैम्पियनशिप में हारने के बाद अमित अपने एक ट्विट के कारण चर्चा में आ गए थे। केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजु को किए ट्विट में अमित ने लिखा कि वह अपने बचपन के कोच अनिल दांडेकर को साथ चाहते हैं। उनकी यह एकमात्र इच्छा है कि जब वह टोक्यो में कोई मैडल जीते तो उनके साथ उनके गुरु यानी कोच अनिल खड़े हों।

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मनीष कौशिक (लाइटवेट)


जन्म 11 जनवरी 1996
देवसर, भिवानी

विजेता
विश्व चैम्पियनशिप 2019 में ब्रॉन्ज
कॉमनवैल्थ गेम्स 2018 में सिल्वर

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विकास कृष्ण यादव (वाल्टरवेट)


जन्म 10 फरवरी 1992
हिसार, हरियाणा

विजेता
विश्व चैम्पियनशिप 2011 में ब्रॉन्ज
एशियन गेम्स में एक गोल्ड, 2 सिल्वर
कॉमनवैल्थ गेम्स 2018 में गोल्ड

किस्मत की जरूरत नहीं, मैडल जीतूंगा
विकास कृष्ण भी विजेंदर की तरह प्रोफेशनल फाइट्स (2-0) लड़ते हैं। हरियाणा पुलिस में डी.एस.पी. अपना तीसरा ओलिम्पिक खेलेंगे। पिछले साल वह 75 किलोग्राम वर्ग में खेले थे। लेकिन इस बार उन्होंने वजन कम किया है। अपनी तैयारी पर विकास ने कहा कि इस बार मुझे किस्मत की जरूरत नहीं है। मैं सीधा रिंग में जाऊंगा और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देकर मैडल जीत लूंगा।

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आशीष कुमार (मिडिल लाइटवेट)

जन्म 18 जुलाई 1994
धहोटू, मंडी

विजेता
एशियन चैम्पियनशिप 2019 में सिल्वर

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सतीश कुमार (सुपर हैवीवेट)


जन्म 4 मई 1989
बुलंदशहर

विजेता
एशियन गेम्स 2014 में ब्रॉन्ज
एशियन चैम्पियनशिप 2015 और 2019 में सिल्वर
कॉमनवैल्थ गेम्स 2018 में सिल्वर

बॉक्सिंग को मानते थे डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. वाली रैसलिंग
किसान के घर में जन्मे विकास बड़े भाई की तरह आर्मी में भर्ती हो गए। राणीखेत में उन्होंने पहली बार बॉक्सिंग कैम्प देखा। उन्हें लगा कि यह डब्ल्यू.डब्ल्यू.ई. रैसलिंग की रिंग होगी। विकास शुरू से ही अंडरटेकर और जॉन सीना के फैन रहे हैं। लेकिन कैम्प में उन्हें बॉक्सिंग के रूल्स के बारे में पता चला। वह खेलते गए और आगे बढ़ते गए।

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मैरी कॉम (फ्लाईवेट)


जन्म 24 नवंबर 1982
कंगथी, मणिपुर

विजेता
ओलिम्पिक गेम्स 2012 में ब्रॉन्ज
विश्व चैम्पियनशिप में रिकॉर्ड 6 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज
एशियन गेम्स 2014 में गोल्ड, 2010 में ब्रॉन्ज
कॉमनवैल्थ गेम्स 2018 में गोल्ड

स्कूल ड्रॉपआऊट से विश्व चैम्पियन बनने का सफर
मैरीकॉम तब 7वीं कक्षा में पढ़ती थी जब बॉक्सिंग के लिए उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। हालांकि बॉक्सिंग कंपीटिशन खेलते-खेलते उन्होंने प्राइवेट ग्रैजुएशन कर ली। शुरूआत में वह बॉक्सिंग को लंबे करियर के रूप में नहीं देखती थी लेकिन जब उन्होंने अपने आदर्श ढिंको सिंह को एशियन गेम्स में गोल्ड मैडल जीतते देखा तो उन्होंने बॉक्सिंग को ही सबकुछ समर्पित कर दिया।

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लवलीना बोर्गोहेन (वेल्टरवेट)


जन्म 2 अक्तूबर 1997
गोलाघाट, असम

विजेता
विश्व चैम्प्यिनशिप में 2 ब्रॉन्ज
एशियन चैम्प्यिनशिप में 2 ब्रॉन्ज

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सिमरनजीत कौर (लाइटवेट)


जन्म 10 जुलाई 1995
चकर, पंजाब

विजेता
विश्व चैम्पियनशिप 2018 में एक ब्रॉन्ज
एशियन चैम्पियनशिप में एक सिल्वर, एक ब्रॉन्ज

चीटिंग न हो इसलिए मां ने बॉक्सिंग के लिए उत्साहित किया
खेल गांव चकर में रहती सिमरनजीत ने बताया कि वह पढ़ाई करना चाहती थी। बहन जरूर बॉक्सर थीं। एक दिन मां मुझे बहन के साथ रिंग में लेकर गई। मुझे बॉक्सिंग अच्छी लगी। इससे पहले मैंने कबड्डी खेली थी लेकिन इसमें करियर न बनता देख बॉक्सिंग की ओर मुड़ गई। मां चाहती थी कि बॉक्सिंग ही खेलूं क्योंकि यह व्यक्तिगत खेल होता है। इसमें चीटिंग का सवाल नहीं। बॉक्सर ही अपनी जीत-हार तय करता है।
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पूजा रानी (मिडिलवेट)


जन्म 17 फरवरी 1991
निमरीवाली, भिवानी

विजेता
एशियन गेम्स में एक ब्रॉन्ज
एशियन चैम्पियनशिप में 2 गोल्ड, एक सिल्वर, एक ब्रॉन्ज

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ओलिम्पिक बॉक्सिंग का भारतीय इतिहास

इंडियन बॉक्सिंग फैडरेशन के अधीन 50 से ज्यादा बॉक्सर अब तक ओलिम्पिक खेल चुके हैं। इसमें सबसे बड़ी सफलता मैरीकॉम और विजेंदर सिंह को मिली। मैरी कॉम ने 2012 ओलिम्पिक में ब्रॉन्ज तो 2008 ओलिम्पिक में विजेंदर सिंह ने भी ब्रॉन्ज जीता था। इस बार भारत की ओर से 9 बॉक्सर ओलिम्पिक में क्वालिफाई हुए हैं। पुरुषों में अमित कुमार तो महिलाओं में मैरीकॉम के बाद लवलीना और सिमरनजीत पर सबकी नजरें रहेंगी।

ओलिम्पिक में बॉक्सिंग
बॉक्सिंग में हमेशा से अमरीका का दबदबा रहा है। उनके नाम 50 गोल्ड समेत 114 पदक हैं। क्यूबा 73 पदको के साथ दूसरे तो ब्रिटेन 56 के साथ तीसरे स्थान पर है।

Content Writer

Jasmeet