टोक्यो में हमारे सितारे : एथलैटिक्स में पदक के लिए हमारी 5 उम्मीदें

punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 02:04 PM (IST)

नई दिल्ली : एथलैटिक्स को ओलिम्पिक खेलों की आत्मा कहा जाता है। भारत ने भी अब तक इस प्रतियोगिता में 172 एथलीटों को उतारा है लेकिन उन्हें केवल 2 पदक मिले थे लेकिन वह भी अब ग्रेट ब्रिटेन के खाते में जा चुके हैं। भारत की ओर से दो ही एथलीट अब तक ओलिम्पिक में अपना नाम कर चुके हैं लेकिन मैडल का कोटा अभी भी खाली है। आइए जानते हैं कि टोक्यो ओलिम्पिक के दौरान हमारे लिए मैडल की उम्मीदें किन से होगी।

नीरज चोपड़ा


जन्म 24 दिसंबर 1997
जैवलिन थ्रो रिकॉर्ड : 88.06 मीटर
वर्ल्ड रिकॉर्ड : 98.04 मीटर

नीरज जब छोटे थे तब काफी सेहतमंद हुआ करते थे। 85 किलोग्राम वजन पहुंचने के बाद उन्होंने शिवाजी स्टेडियम में प्रैक्टिस शुरू की। अब उनका वजन 65 किलो है। पानीपत के कंधारा गांव में जन्मे नीरज की फैमिली में 17 मैंबर हैं। जिनमें वह सबसे छोटे थे।

दुत्ती चंद


जन्म 3 फरवरी 1996
100 मीटर दौड़ रिकॉर्ड : 11.26 सैकेंड
वर्ल्ड रिकॉर्ड : 10.49 सैकेंड
 
ओडिशा के जाजपुर जिले के चाकागोपालपुर गांव में जन्मी दुती सात भाई-बहनों में अपने माता-पिता की तीसरी संतान हैं। वह अपने समलैंगिक रिश्तों को लेकर चर्चा में रही। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि वह भारत की सबसे तेज 100 मीटर महिला धाविका हैं।

एम. श्रीशंकर


जन्म 27 मार्च 1999
लॉन्ग जंप में रिकॉर्ड : 8.26 मीटर
वर्ल्ड रिकॉर्ड : 8.95 मीटर

एशियन जूनियर एथलैटिक्स चैम्पियनशिप 2018 में ब्रॉन्ज जीतकर चर्चा में आए। इसी साल कॉमनवैल्थ गेम्स से 10 दिन पहले वह अपैंडिक्स की समस्या से ग्रस्त हो गए। 2019 में उन्होंन विश्व एथलैटिक्स चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर टोक्यो का टिकट कटाया।

तेजिंदरपाल सिंह तूर


जन्म 13 नवंबर 1994
शॉर्ट पुट में रिकॉर्ड : 21.49 मीटर
वर्ल्ड रिकॉर्ड :23.12 मीटर

साल 2018 में एशियन गेम्स में तूर ने गोल्ड मेडल जीता था। गोल्ड जीतने के कुछ ही दिन बाद तूर के पिता का कैंसर के कारण निधन हो गया। एयरपोर्ट से घर जाते हुए ही तूर को इस बारे में पता चला था। तूर ने इंडियन ग्रां प्री में 21.49 मीटर के थ्रो के साथ ओलिम्पिक का टिकट कटाया।

कमलप्रीत कौर


जन्म  4 मार्च 1996
डिस्कस थ्रो में रिकॉर्ड : 66.59 मीटर
वर्ल्ड रिकॉर्ड : 76.80 मीटर

कमलप्रीत कौर ने पटियाला में आयोजित 24 वें फेडरेशन कप सीनियर एथलैटिक्स चैम्पियनशिप में 65.06 मीटर चक्का फैंककर टोक्यो 2020 का टिकट कटाया। कौर ने राष्ट्रीय कीर्तिमान के साथ कृष्णा पूनिया द्वारा स्थापित 64.76 मीटर के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।


हमारे एथलीट्स : पैदल चाल पर रहेंगी नजरें

भारत की तरफ केटी इरफान, संदीप कुमार और राहुल रोहिल्ला (पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल) अविनाश साबले (पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज), शिवपाल सिंह (पुरुष भाला फैंक), कमलप्रीत और सीमा पूनिया (महिला चक्का फैंक), भावना जाट और प्रियंका गोस्वामी (महिलाओं की 20 कि.मी. पैदल चाल), 4&400 मिश्रित रिले में सार्थिक भांबरी, एलैक्स एंथोनी, रेवती वीररेमानी, शुभा वैंकटेशन, धनलक्ष्मी शेखर हिस्सा लेंगे।

इतिहास के पन्ने खंगालते हुए : जिस भारतीय ने मैडल जीता वह इंगलैंड में बस गया

अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (आई.ओ.सी.) की पदक सूची में हालांकि भारत के नाम पर दो रजत पदक दर्ज हैं जिन्हें पैरिस ओलिम्पिक 1900 में नार्मन प्रिचार्ड ने 200 मीटर दौड़ और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीता था। हालांकि विश्व एथलैटिक्स इन पदकों को 2005 में ग्रेट ब्रिटेन के खाते में डाल चुकी है। कोलकाता में जन्मे प्रिचार्ड 1905 में ब्रिटेन में बस गए। वहां हॉलीवुड की फिल्मों कीं। अक्टूबर 1929 में अंतिम सांस ली।

नीलिमा घोष और मेरी डिसूजा पहली भारतीय महिला

ओलिम्पिक की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले मूल भारतीय फर्राटा धावक पूरमा बनर्जी, लंबी दूरी के धावक पादेपा चौगुले और सदाशिव दातार थे। नीलिमा घोष और मेरी डिसूजा ओलिम्पिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट थी। उन्होंने 1952 हेलंसिकी ओलिम्पिक में 100 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया था। घोष ने 80 मीटर बाधा दौड़ में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मिल्खा सिंह का

भारत की तरफ से 1900 से 2016 तक एथलैटिक्स में 119 पुरुष और 53 महिला एथलीटों ने हिस्सा लिया लेकिन इन खेलों में भारतीय एथलीटों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन चौथा स्थान रहा। उडऩ सिख मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में पुरुषों की 400 मीटर दौड़ में चौथे स्थान पर रहे थे। पी.टी. ऊषा ने 1984 लॉस एंजिल्स ओलिम्पिक की महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में वह भी चौथा स्थान हासिल किया। 

Content Writer

Jasmeet