टोक्यो में हमारे सितारे : बैडमिंटन में पी.वी. सिंधु समेत इन 4 शटलर्स से उम्मीदें

punjabkesari.in Monday, Jul 19, 2021 - 06:14 PM (IST)

जालन्धर : भारत के लिए 4 शटलर इस बार टोक्यो ओलिम्पिक में दावेदारी पेश करेंगे। मैंस डबल में सात्विक और चिराग की जोड़ी नई संभावनाएं दिखा रहे हैं। सिंगल में साईं प्रणीत और पी.वी. सिंधु भी मैडल की उम्मीद हैं।

पी.वी. सिंधु


जन्म 5 जुलाई 1995
हैदराबाद, आंध्रा प्रदेश

विजेता
2016 रियो ओलिम्पिक में सिल्वर
विश्व चैम्प्यिनशिप में 1 गोल्ड, 2 सिल्वर, 2 ब्रॉन्ज
एशियन गेम्स में 1 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज
कॉमनवैल्थ गेम्स में 1 गोल्ड, 1 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज

मां-बाप की तरह वॉलीबाल खिलाड़ी बनना चाहती थी सिंधु
पी.वी. सिंधु खेल पृष्ठभूमि वाले परिवार से हैं। पिता पी.वी. रमाना ने 1986 के सियोल एशियाई खेलों की बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। मां पी. विजया भी नैशनल स्तर पर वॉलीबाल खेल चुकी हैं। मां-बाप को देखकर वह भी वॉलीबाल खेलने लगी। लेकिन तभी पुल्लेला गोपीचंद की नजर उनपर पड़ गई। गोपीचंद ने उन्हें उत्साहित किया। सिंधु ने सख्त मेहनत की। वह अपने घर से 56 किलोमीटर दूर गोपीचंद की अकादमी में रोज प्रैक्टिस के लिए जाती थी। 5 फीट 10 इंच लंबी सिंंधु अपने करियर में 14 टाइटल जीत चुकी हैं। उन्होंने 344 एकल जीत हासिल की जबकि 148 में उन्हें हार झेलनी पड़ी।

--------------

बी. साईं प्रणीत


जन्म 10 अगस्त, 1992
हैदराबाद, आंध्रा प्रदेश

विजेता
विश्व चैम्पियनशिप 2019 में ब्रॉन्ज
एशिया टीम चैम्पियनशिप में 2 ब्रॉन्ज
साऊथ एशियन गेम्स में एक गोल्ड

वाइल्ड कार्ड एंट्री मिलने पर सुननी पड़ी थी फब्तियां
2019 में हुई विश्व चैम्प्यिनशिप में साईं प्रणीत ने बतौर भारतीय 36 साल बाद मैडल (ब्रॉन्ज) जीता। इससे पहले 1983 में प्रकाश पादुकोण मैडल जीते थे। साईं साइना, पी.वी. सिंधु और किदम्बी के बाद सुपरसीरीज लाइटल जीतने वाले सिर्फ चौथे भारतीय हैं। उनकी मलेशिया ओपन में टॉप सीड जान ’ओ जोर्गेनसन के अचानक हटने से वाइल्ड कार्ड से एंट्री हुई थी। उनकी एंट्री पर महवतन साथियों ने फब्तियां कसनी शुरू कर दीं। प्रणीत ने हार नहीं मानी और सुपरसीरीज जीतकर ही दम लिया।

-------------

सात्विकराज रंकीरैड्डी


जन्म 13 अगस्त 2000
अमालापुरम, ईस्ट गोदावरी

चिराग शेट्टी
जन्म 4 जुलाई 1997
मुंबई

विजेता
2018 कॉमनवैल्थ गेम्स में एक गोल्ड, एक सिल्वर
एशिया टीम चैम्पियनशिप में 2 ब्रॉन्ज

दोनों को एक-दूसरे की भाषा नहीं आती, बहसते भी हैं

भारतीय बैडमिंटन टीम के डबल कोच किम टेन हेर ने 2016 में पहली बार चिराग और सात्विक की जोड़ी बनाई। दोनों इस निर्णय से हैरान थे। दोनों को एक-दूसरे की भाषा समझ नहीं आती थी। इसलिए शुरूआती कंपीटिशन उनके लिए अच्छे नहीं गए। लेकिन 2017 के कोरिया और फ्रैंच ओपन के बाद दोनों लय में आ गए। उनमें अच्छी दोस्ती हो गई। दोनों कोर्ट पर जोक शेयर करने और बहसने में कोई हिचक नहीं दिखाते। एक इंंटरव्यू में सात्विक ने बताया कि हमारा रिश्ता बेहद अच्छा है। इसमें तकरार भी बहुत है। जैसे हम दोनों कई बार ‘सिर्फ आगे खेलने के लिए’ बहस पड़ते थे। गेम में ऐसा होता है।

-------------

ओलिम्पिक में भारतीय बैडमिंटन

भारत 1992 से लगातार बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा में अपने खिलाड़ी भेज रहा है। 2012 में साइना नेहवाल ब्रॉन्ज तो 2016 रियो में पी.वी. सिंधु सिल्वर जीतने में सफल रही थी। रियो में भारत ने 7 शटलर भेजे थे। इनमें से पांच ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गए। किदाम्बी ने दम दिखाया लेकिन वह भी क्वार्टर फाइनल हार गए। इस साल साइना नेहवाल की टोक्यो ओलिम्पिक में सिलेक्शन नहीं हुई है। ऐसे में पी.वी. सिंधु अकेले ही इस वर्ग में खेलेगी। किदाम्बी भी टोक्यो में जगह बनाने में विफल रहे हैं।

ओलिम्पिक में बैडमिंटन : बैडमिंटन में हमेशा से चाइना की चढ़त रही है। उन्होंने 18 गोल्ड समेत 41 मैडल जीते हैं। इस बार चाइना से सर्वाधिक 14 तो जापान से 13 शटलर ओलिम्पिक में हिस्सा लेंगे।

Content Writer

Jasmeet