भारत के विनय ने पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण

punjabkesari.in Friday, Oct 10, 2025 - 06:23 PM (IST)

काहिरा (मिस्र) : भारत के उभरते पैरा पावरलिफ्टिंग स्टार विनय ने काहिरा, मिस्र में आयोजित पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व चैंपियनशिप 2025 के दूसरे दिन 72 किग्रा जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। विनय ने अपने तीन प्रयासों में 137 किग्रा, 142 किग्रा और 147 किग्रा की प्रभावशाली श्रृंखलाएं दर्ज कीं। उनके 147 किग्रा के अंतिम भार को रेफरी ने अमान्य घोषित कर दिया, लेकिन 142 किग्रा का उनका दूसरा सफल भार स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए पर्याप्त था जिसमें उन्होंने पोलैंड के मिकोलज कोसियुबिंस्की को, जिन्होंने 141 किग्रा भार उठाया था, मामूली अंतर से हराया। 

इक्वाडोर के सेबेस्टियन एफ. ने 137 किग्रा भार उठाकर कांस्य पदक जीता। यह विनय की दूसरी बड़ी अंतरराष्ट्रीय जीत है - इससे पहले, उन्होंने मिस्र के शर्म-अल-शेख में पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप 2024 में 59 किग्रा जूनियर वर्ग में 120 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता था। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले विनय का सफर साहस और द्दढ़ संकल्प से भरा है। एक गरीब परिवार में जन्मे - उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं - विनय का जीवन तब बदल गया जब भारतीय पैरा पावरलिफ्टिंग टीम के कोच जे.पी. सिंह ने एक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में उनकी प्रतिभा को पहचाना। 

सिंह के मार्गदर्शन में विनय ने अपनी क्षमता को विश्व स्तरीय प्रदर्शन में बदल दिया। यह स्वर्ण पदक न केवल भारत के लिए अपार गौरव की बात है, बल्कि लॉस एंजेलिस पैरालंपिक 2028 के लिए क्वालीफाई करने के रास्ते में विनय की स्थिति को भी मजबूत करता है। स्वर्ण पदक जीतने के बाद, उत्साहित विनय ने कहा, 'यह पदक सिफऱ् मेरा नहीं है - यह हर उस व्यक्ति का है जिसने मुझ पर तब विश्वास किया जब मेरे पास कुछ नहीं था। 

गोरखपुर की छोटी गलियों से लेकर काहिरा के विश्व मंच तक, यह सफर आसान नहीं था। मैं भारतीय टीम के कोच जितेंद्र पाल सिंह, राजिंदर सिंह राहेलू और नितिन आर्य सर का शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने मुझमें उस समय क्षमता देखी जब किसी और ने नहीं देखी थी। मैं यह स्वर्ण पदक अपने परिवार, अपने देश और हर उस युवा एथलीट को समर्पित करता हूँ जो परिस्थितियों से परे सपने देखने की हिम्मत रखता है।' 

भारतीय टीम के कोच जेपी सिंह ने कहा, 'विनय की जीत कड़ी मेहनत, अनुशासन और विश्वास की सफलता का प्रतिबिंब है। जब मैं उनसे पहली बार मिला था, तब उनमें अटूट शक्ति थी, लेकिन कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं था। आज, वह एक विश्व चैंपियन हैं। उनकी सफलता दर्शाती है कि सही समर्थन के साथ, भारत के पैरा एथलीट किसी भी वैश्विक मंच पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।' भारत ने इस विश्व चैंपियनशिप में 3 जूनियर और 22 सीनियर एथलीटों सहित 25 पैरा पावरलिफ्टरों की एक मजबूत टीम उतारी है। 


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Content Writer

Sanjeev

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